Banaras me Ghumne ki Jagah :- वाराणसी उत्तर प्रदेश का प्रमुख शहर है। इस लेख में हम आपको वाराणसी या बनारस में घूमने की जगह (Banaras me Ghumne ki Jagah), वाराणसी कैसे पहुंचे, वाराणसी के प्रमुख धार्मिक स्थान और वाराणसी के प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जानकारी देंगे।
वाराणसी जिले के बारे में जानकारी – Information about Varanasi district
वाराणसी उत्तर प्रदेश का प्रमुख शहर है। वाराणसी को बहुत सारे नाम से जाना जाता है। वाराणसी को मंदिरों का शहर, भारत की धार्मिक राजधानी, भगवान शिव की नगरी और ज्ञान नगरी के नाम से जाना जाता है। वाराणसी संसार के सबसे प्राचीनतम शहरों में से एक है।
वाराणसी एक पवित्र नगर है। वाराणसी में ज्योतिर्लिंग विराजमान है। वाराणसी हिंदू धर्म के अलावा जैन और बौद्ध धर्म के लिए भी एक पवित्र स्थान है। वाराणसी के मध्य में गंगा नदी बहती है। गंगा नदी वाराणसी की प्रमुख नदी है। गंगा नदी के किनारे अनेक घाट बने हुए हैं। सभी घाटों का अपना अलग-अलग महत्व है।
इस लेख में हम आपको वाराणसी के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे। वाराणसी या बनारस में घूमने के लिए बहुत सारे पर्यटन स्थल (Banaras me Ghumne ki Jagah) है, जहां पर जाकर आप अच्छा समय बिता सकते हैं। इस लेख में हम आपको वाराणसी या बनारस में घूमने की जगह कौन-कौन सी है। इन सभी के बारे में जानकारी देंगे।
वाराणसी या बनारस में बहुत सारे मंदिर है। कहा जाता है कि वाराणसी के हर एक कोने पर आपको एक मंदिर देखने के लिए मिलेगा। वाराणसी सबसे प्राचीन नगरी है। बनारस को काशी के नाम से भी जाना जाता है।
वाराणसी या बनारस में घूमने के लिए बहुत सारी जगह (Banaras me Ghumne ki Jagah) है, जहां पर जाकर आप अच्छा समय बिता सकते हैं। वाराणसी या बनारस में घूमने के लिए ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक स्थान है, जो बहुत सुंदर है। बनारस या वाराणसी के इन सभी जगह (Banaras me Ghumne ki Jagah) में आप अपनी फैमिली या दोस्तों के साथ जा सकते हैं और अच्छा समय बिता सकते हैं।
वाराणसी में बहुत सारी जगह है, जो घूमने लायक (Banaras me Ghumne ki Jagah) है। इस ब्लॉग में हमने वाराणसी में घूमने वाली प्रमुख जगह (Banaras me Ghumne ki Jagah), बनारस कैसे जाएं, वाराणसी में कहां रुके, वाराणसी में घूमने का सबसे अच्छा समय, इन सभी बातों के बारे में जानकारी दी है। आप ब्लॉग को पूरा पढ़े। ताकि आपको पूरी जानकारी मिले।
वाराणसी या बनारस में घूमने की जगह – Banaras me Ghumne ki Jagah
वाराणसी या बनारस के प्रमुख पर्यटन और दर्शनीय स्थलों की सूची – Banaras or Varanasi Tourist Places list in Hindi
- काशी विश्वनाथ मंदिर बनारस
- नया काशी विश्वनाथ मंदिर बनारस
- मार्कंडेय महादेव मंदिर बनारस
- काल भैरव मंदिर वाराणसी
- महामृत्युंजय महादेव मंदिर वाराणसी
- दुर्गाकुंड मंदिर वाराणसी
- श्री तुलसी मानस मंदिर वाराणसी
- संकट मोचन हनुमान मंदिर वाराणसी
- दशाश्वमेध घाट बनारस
- अस्सी घाट बनारस
- मणिकर्णिका घाट वाराणसी
- रानी लक्ष्मीबाई का जन्म स्थान वाराणसी
- भारत कला भवन म्यूजियम वाराणसी
- नेपाली मंदिर वाराणसी
- जंतर मंतर वाराणसी
- ज्ञानवापी मस्जिद वाराणसी
- अन्नपूर्णा देवी मंदिर वाराणसी
- आलमगीर मस्जिद वाराणसी
- संत रविदास मंदिर वाराणसी
- लाल खान का मकबरा वाराणसी
- आदि केशव मंदिर वाराणसी
- लाल बहादुर शास्त्री स्मृति भवन संग्रहालय बनारस
- भारत माता मंदिर वाराणसी
- रामनगर का किला बनारस
- सुमेरू मंदिर वाराणसी
- रामेश्वर मंदिर बनारस
- सारनाथ बनारस
वाराणसी या बनारस के प्रमुख पर्यटन स्थल – Banaras me Ghumne ki Jagah
काशी विश्वनाथ मंदिर बनारस – Kashi Vishwanath Temple Banaras
काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी में गंगा के पश्चिमी तट पर स्थित है। यह मंदिर मणिकर्णिका घाट के पास वाराणसी जंक्शन से करीब 4 किलोमीटर दूर है। यह मंदिर हिंदू देवता शिव को समर्पित है। यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। यहां पर भगवान शिव भगवान जी के शिवलिंग को विश्वेश्वर के नाम से जाना जाता है।
लोगों के अनुसार माना जाता है, कि यहां पर काशी विश्वनाथ जी के शिवलिंग के दर्शन करने के बाद 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने का फल मिलता है। काशी विश्वनाथ मंदिर बहुत सुंदर है। मंदिर की दीवारों में नक्काशी की गई है। मंदिर के गुंबद को सोने से सजाया गया है, जिसके कारण इस मंदिर को स्वर्ण मंदिर भी कहा जाता है। यह बहुत सुंदर है।
यहां पर बहुत ज्यादा भीड़ रहती है। लोगों को भगवान शिव के दर्शन करने के लिए लाइन लगाना पड़ता है। यहां पर वीआईपी दर्शन भी कर सकते हैं। यहां पर भगवान शिव का रुद्राभिषेक, आरती, पूजा यह सभी भी आप करवा सकते है। यहां पर आकर मन को शांति मिलती है। यहां पर हजारों की संख्या में प्रतिदिन श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आते हैं।
नया काशी विश्वनाथ मंदिर बनारस – New Kashi Vishwanath Temple Banaras
नया काशी विश्वनाथ मंदिर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के अंदर बना हुआ है। यहां पर हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं और मंदिर के दर्शन करते हैं। यह मंदिर बिरला परिवार के द्वारा बनाया गया है। यह मंदिर बहुत सुंदर है।
मंदिर की दीवारों पर नक्काशी की गई है, जो देखने लायक है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। मंदिर के बाहर बहुत बड़ा गार्डन बना हुआ है, जहां पर आप आराम से बैठकर शांति से मेडिटेशन कर सकते हैं।
मार्कंडेय महादेव मंदिर बनारस – Markandeya Mahadev Temple Banaras
मार्कंडेय महादेव मंदिर बनारस का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर बनारस में कैथी में स्थित है। यह मंदिर गाजीपुर हाईवे सड़क पर बना हुआ है। यह मंदिर प्राचीन है। यहां पर दूर-दूर से लोग घूमने के लिए आते हैं। यह शिव भगवान जी की बहुत ही सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मंदिर से थोड़ी ही दूरी पर गंगा नदी का पवित्र घाट बना हुआ है।
काल भैरव मंदिर वाराणसी – Kaal Bhairav Temple Varanasi
काल भैरव मंदिर वाराणसी का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर प्राचीन है। यह मंदिर वाराणसी में विशेश्वरगंज में स्थित है। काल भैरव मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि भगवान काल भैरव जी वाराणसी के कोतवाल हैं और वाराणसी में जो भी व्यक्ति घूमने के लिए आता है।
उसको काल भैरव जी के दर्शन जरूर करना चाहिए, नहीं तो उसकी यात्रा अधूरी मानी जाती है। वाराणसी घूमने की शुरुआत यहीं से की जा सकती है।
महामृत्युंजय महादेव मंदिर वाराणसी – Mahamrityunjay Mahadev Temple Varanasi
महामृत्युंजय महादेव मंदिर वाराणसी का प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर प्राचीन है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। महामृत्युंजय का मतलब होता है – मृत्यु पर विजय पाने वाला। इस मंदिर पर आकर शिव भगवान जी के दर्शन करने मिलेंगे।
यहां पर लोगों की शारीरिक पीड़ा रहती है। वह दूर होती है और शरीर स्वस्थ हो जाता है। यहां पर शिव भगवान जी के दर्शन करके अच्छा लगता है। यहां पर और भी बहुत सारे देवी देवता देखे जा सकते हैं।
दुर्गाकुंड मंदिर वाराणसी – Durgakund Temple Varanasi
दुर्गाकुंड मंदिर वाराणसी का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर प्राचीन है। इस मंदिर को दुर्गाकुंड मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर 18वीं शताब्दी में बंगाल की महारानी भवानी ने बनाया था। इस मंदिर के परिसर में बहुत सारे बंदर है।
इसलिए इस मंदिर को मंकी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर लाल कलर का है और बहुत सुंदर लगता है। इस मंदिर के पास में ही एक कुंड बना हुआ है। यह मंदिर संकट मोचन रोड पर बना हुआ है।
श्री तुलसी मानस मंदिर वाराणसी – Shri Tulsi Manas Mandir Varanasi
श्री तुलसी मानस मंदिर वाराणसी में दुर्गाकुंड मंदिर के पास में बना हुआ है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। यहां पर बहुत सारे देवी देवताओं की मूर्तियां और पेंटिंग देखने मिलती है। यह मंदिर बहुत अच्छे तरीके से बना हुआ है। यहां पर कृष्ण भगवान की लीला को दिखाया गया है।
यहां भगवान राम के जीवन की बहुत सारी घटनाओं को दिखाया गया है। यहां पर बहुत सारे देवी देवताओं की मूर्तियां भी है। यहां मंदिर के बाहर गार्डन बना हुआ है।
संकट मोचन हनुमान मंदिर वाराणसी – Sankat Mochan Hanuman Temple Varanasi
संकट मोचन हनुमान मंदिर वाराणसी का प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर हनुमान जी को समर्पित है। यह मंदिर अस्सी घाट के पास बना हुआ है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि यहां आकर जो भी मनोकामना मांगी जाए। वह जरूर पूरी होती है।
श्री संकट मोचन यह मंदिर प्राचीन है। मंदिर के गर्भ गृह में हनुमान जी की प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर मंगलवार और शनिवार को बहुत ज्यादा भीड़ लगती है।
दशाश्वमेध घाट बनारस – Dashashwamedh Ghat Banaras
दशाश्वमेध घाट बनारस का एक मुख्य घाट है। यह गंगा नदी के किनारे बना हुआ है। लोगों के अनुसार इस घाट में भगवान ब्रह्मा ने एक यज्ञ किया था। इस यज्ञ में ब्रह्मा जी ने 10 घोड़ों की बलि दी थी। इसलिए इस घाट को दशाश्वमेध घाट के नाम से जाना जाता है।
यह घाट बहुत सुंदर है। घाट के किनारे आप बैठकर गंगा नदी के सुंदर दृश्य को देख सकते हैं। यह घाट पूरा पक्का बना हुआ है। यहां पर आप गंगा नदी में बोटिंग का आनंद ले सकते हैं। यहां पर घाट के किनारे बैठकर गंगा नदी का दृश्य देखा जा सकता है।
अस्सी घाट बनारस – Assi Ghat Banaras
अस्सी घाट गंगा और अस्सी नदी के संगम पर बना हुआ है। यहां पर एक प्राचीन मंदिर देखने के लिए मिलता है, जिसमें शिवलिंग विराजमान है। अस्सी घाट को वाराणसी का दिल माना जाता है। अस्सी घाट पक्का बना हुआ है।
घाट में शाम के समय गंगा नदी की आरती की जाती है, जो बहुत ही अच्छी लगती है। यहां पर बैठकर सूर्यास्त का दृश्य देखा जा सकता है, जो बहुत आकर्षक रहता है। यहां पर मंदिर भी बने हुए हैं, जहां पर घुमा जा सकता है।
मणिकर्णिका घाट वाराणसी – Manikarnika Ghat Varanasi
मणिकर्णिका घाट वाराणसी का श्मशान घाट है। यहां पर बहुत सारे शव जलते हुए देखे जा सकते है। इस घाट को बर्निंग घाट भी कहा जाता है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार मणिकर्णिका घाट वह स्थान है, जहां पर सती माँ के कान का आभूषण गिरा था।
इसलिए इस घाट को मणिकर्णिका घाट कहा जाता है। यह घाट गंगा नदी के किनारे बना हुआ है। यहां पर घाट पक्का बना हुआ है। घाट के किनारे आपको कोई ना कोई जलती हुई चिता देखने के लिए मिल ही जाएगी।
रानी लक्ष्मीबाई का जन्म स्थान वाराणसी – Birth place of Rani Laxmibai Varanasi
रानी लक्ष्मी बाई का जन्म स्थान वाराणसी का एक महत्वपूर्ण स्थान है। यहां पर प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की महानायिका रानी लक्ष्मी बाई का जन्म हुआ है। यह स्थान स्थान गंगा नदी के किनारे बना हुआ है। रानी लक्ष्मी बाई का जन्म 19 नवंबर सन 1835 को हुआ था। रानी लक्ष्मी बाई यहां पर स्मारक बना हुआ है। यहां पर रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति देखी जा सकती है। यहां पर संग्रहालय है, जहां पर रानी लक्ष्मी बाई के बारे में जानकारी मिलती है।
भारत कला भवन म्यूजियम वाराणसी – Bharat Kala Bhavan Museum Varanasi
भारत कला भवन म्यूजियम वाराणसी का एक प्रमुख स्थान है। यह संग्रहालय बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के परिसर में बना हुआ है। यहां पर आर्ट से संबंधित बहुत सारी मूर्तियां और पेंटिंग देखने के लिए मिलती है। यहां पर सिक्कों का कलेक्शन देखा जा सकता है। यहां पर गार्डन बना हुआ है। गार्डन में फूलों वाले पौधे लगाए गए हैं। म्यूजियम की टाइमिंग 10 बजे से 4 बजे तक है।
नेपाली मंदिर वाराणसी – Nepali Temple Varanasi
नेपाली मंदिर वाराणसी में ललिता घाट के पास बना हुआ है। मंदिर नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर की प्रतिरूप है। इस मंदिर को मिनी खजुराहो मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस मंदिर की दीवारों में कामुक प्रतिमाएं बनाई गई है। यह मंदिर 19वीं शताब्दी में नेपाल के राजा के द्वारा बनाया गया था।
इस मंदिर का निर्माण का टेरा कोटा, पत्थर और लकड़ी से किया गया है। मंदिर में शिव भगवान जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मंदिर की दीवारों दरवाजे में सुंदर नक्काशी की गई है।
जंतर मंतर वाराणसी – Jantar Mantar Varanasi
जंतर मंतर वाराणसी का एक प्रमुख स्थान है। जंतर मंतर वाराणसी में मान मंदिर घाट के किनारे बना हुआ है। यह घाट गंगा नदी के किनारे स्थित है। जंतर मंतर का निर्माण 1737 ईस्वी में महाराजा जयसिंह द्वितीय के द्वारा किया गया था। यहां पर बहुत सारे प्राचीन यंत्र देखे जा सकते है।
इन यंत्रों का उपयोग प्राचीन समय में सूर्य की गति, ग्रह, नक्षत्र, तारे देखने के लिए किए जाते थे। यहां पर दिशा यंत्र, रामा यंत्र, सम्राट यंत्र और भी बहुत सारी यंत्र देखे जा सकते हैं। जंतर मंतर में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। यहां पर महल भी बना हुआ है। महल में बालकनी बनी हुई है, जहां से गंगा नदी का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है।
ज्ञानवापी मस्जिद वाराणसी – Gyanvapi Mosque Varanasi
ज्ञानवापी मस्जिद वाराणसी का एक ऐतिहासिक स्थल है। यह मुस्लिम धार्मिक स्थल है। यह मस्जिद काशी विश्वनाथ मंदिर के पास में बनी हुई है। यह मस्जिद बहुत सुंदर है और प्राचीन है। यहां पर बड़े-बड़े गुंबद देखे जा सकते हैं। मस्जिद की हिस्ट्री बेहद रोचक है।
अन्नपूर्णा देवी मंदिर वाराणसी – Annapurna Devi Temple Varanasi
अन्नपूर्णा देवी मंदिर वाराणसी मैं विशेश्वरगंज में स्थित है। यह मंदिर काशी विश्वनाथ मंदिर के पास ही में स्थित है। यह मंदिर अनाज की देवी अन्नपूर्णा जी को समर्पित है। मंदिर में माता की बहुत ही सुंदर प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। इस मंदिर का निर्माण १८ वी शताब्दी में मराठा पेशवा बाजीराव ने करवाया था। यह मंदिर बहुत सुंदर है। मंदिर का प्रवेश द्वार बहुत आकर्षक है। मंदिर में बहुत सारे अन्य देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
आलमगीर मस्जिद वाराणसी – Alamgir Mosque Varanasi
आलमगीर मस्जिद वाराणसी की एक सुंदर मस्जिद है। इस मस्जिद को औरंगजेब मस्जिद और बेनी माधव का धरहरा भी कहा जाता है। इस मस्जिद का निर्माण 17वीं शताब्दी में मुगल बादशाह औरंगजेब के द्वारा करवाया गया था। इस मस्जिद में तीन बड़े-बड़े गुम्बद बनाए गए हैं।
मस्जिद के दोनों किनारों पर दो मिनारे बनी हुई है। यह मस्जिद वाराणसी में गंगा नदी के किनारे पंचगंगा घाट के पास बनी हुई है। यहां पर आप पंचगंगा घाट में जाकर गंगा माता के दर्शन भी कर सकते हैं।
संत रविदास मंदिर वाराणसी – Sant Ravidas Temple Varanasi
संत रविदास मंदिर वाराणसी का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर पुरे भारत देश का प्रसिद्ध मंदिर है और यह मंदिर बहुत अच्छे से बना हुआ है। यहां पर संत रविदास जी का जन्म हुआ था। यहां पर रविदास जी की मूर्ति के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। संत रविदास जी मीरा के गुरु थे। यहां पर संत रविदास जी के बारे में बहुत सारी कहानियां पता चलती है। यह मंदिर वाराणसी में राजा घाट के पास बना हुआ है।
लाल खान का मकबरा वाराणसी – Lal Khan’s Tomb Varanasi
लाल खान का मकबरा बनारस का ऐतिहासिक स्थान है। यह वाराणसी में मालवीय ब्रिज के पास राजघाट में स्थित है। इस मकबरे का निर्माण 1773 ईस्वी में वाराणसी के शासकों द्वारा किया गया था। लालखान काशी नरेश के मुख्यमंत्री थे। यह मकबरा बहुत बड़ा और बहुत सुंदर है।
मकबरे के ऊपर एक बड़ा सा गुंबद बना हुआ है, जो रंग बिरंगा है। मकबरे के चारों तरफ चारों कोने पर छतरियां बनी हुई है। मकबरे के आसपास बहुत बड़ा बगीचा बना हुआ है। यह मकबरा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की देखरेख में है। लाल खान मकबरे में प्रवेश के लिए शुल्क लगाया जाता है। यहां पर एक व्यक्ति का 25 रुपए लगता है।
आदि केशव मंदिर वाराणसी – Adi Keshav Temple Varanasi
आदि केशव मंदिर वाराणसी का प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर वाराणसी में गंगा और वरुणा नदी के संगम पर स्थित है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। यह मंदिर प्राचीन है। इस घाट के बारे में कहा जाता है, कि भगवान शिव के आदेश पर भगवान विष्णु जब काशी आए। तब सर्वप्रथम उनके सबसे पहले उनके चरण इसी स्थान पर पड़े थे एवं विष्णु भगवान ने स्वयं अपनी प्रतिमा स्थल यहां पर स्थापित की थी।
यहां पर आप संगम में स्नान करते हैं, तो आपके जो भी पाप रहते हैं। वह सब से आप मुक्त हो जाते हैं। यहां पर विष्णु भगवान जी की बहुत पुरानी प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यहां पर और भी बहुत सारे देवी देवताओं के दर्शन किए जा सकते हैं। यहां पर आकर बहुत शांति महसूस होती है। यह संगम स्थल बहुत सुंदर है।
लाल बहादुर शास्त्री स्मृति भवन संग्रहालय बनारस – Lal Bahadur Shastri Smriti Bhawan Museum Banaras
लाल बहादुर शास्त्री स्मृति भवन संग्रहालय बनारस का एक प्रमुख स्थल है। यह संग्रहालय बनारस में रामनगर में स्थित है। यह लाल बहादुर शास्त्री का पैतृक घर है। यहां पर लाल बहादुर शास्त्री जी की बहुत सारी तस्वीरें, मूर्तियां, लाल बहादुर शास्त्री जी का बेडरूम, उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए सामान, किचिन यह सभी चीजें देखने के लिए मिलती है।
लाल बहादुर शास्त्री जी भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री थे। यहां पर लाल बहादुर जी की पत्नी ललिता शास्त्री जी की जानकारी भी दी गई है और उनकी प्रतिमा देखी जा सकती है।
भारत माता मंदिर वाराणसी – Bharat Mata Temple Varanasi
भारत माता मंदिर वाराणसी का प्रमुख मंदिर है। यह मंदिर वाराणसी रेलवे स्टेशन के पास में बना हुआ है। इस मंदिर में भारत माता की प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर 2 मंजिला है। इस मंदिर का उद्घाटन 1936 में महात्मा गांधी ने किया था। यहां पर भारत का अखंड नक्शा देखने के लिए मिलता है, जो मार्बल का बनाया गया है और बहुत सुंदर लगता है। यहां पर तिरंगा झंडा, भारत माता की तस्वीर, एक बड़ा सा गार्डन देखा जा सकता है।
रामनगर का किला बनारस – Ramnagar Fort Banaras
रामनगर का किला बनारस का एक प्रमुख ऐतिहासिक स्थल है। यह किला प्राचीन है। यह गंगा नदी के किनारे बना हुआ है। यह किला बहुत बड़ा है। रामनगर का किला वाराणसी शहर के गंगा नदी के दूसरी तरफ बना हुआ है। इस किले में जाने के लिए आप पुल का उपयोग कर सकते हैं। इस पुल को शास्त्री ब्रिज के नाम से जाना जाता है। यह किला गंगा नदी के किनारे बना हुआ है, तो किले के ऊपर चढ़कर आप नदी का बहुत सुंदर दृश्य देख सकते हैं।
रामनगर किले के अंदर म्यूजियम बना हुआ है। म्यूजियम में प्रवेश का शुल्क लिया जाता है। म्यूजियम में आपको बहुत सारी प्राचीन वस्तुएं देखने के लिए मिल जाती है। यहां पर प्राचीन हथियार, तलवार, बंदूक, काशी महाराज के पुराने वस्त्र, सिक्कों का संग्रह देखा जा सकता है।
सुमेरू मंदिर वाराणसी – Sumeru Temple Varanasi
सुमेरू मंदिर वाराणसी में रामनगर में स्थित है। यह मंदिर दुर्गा जी को समर्पित है। यहां पर एक विशाल तालाब बना हुआ है। तालाब के चारों तरफ सीढ़ियां हैं। यह मंदिर दक्षिण भारतीय स्टाइल में बना हुआ है। मंदिर की दीवारों में सुंदर नक्काशी की गई है। मंदिर के गर्भ में देवी दुर्गा की प्रतिमा विराजमान है। यहां पर शिवलिंग के दर्शन भी करने के लिए मिलते हैं। यहां पर मंदिर के पास में ही रामबाग बना हुआ है।
रामेश्वर मंदिर बनारस – Rameshwar Temple Banaras
रामेश्वर मंदिर बनारस का एक प्रमुख मंदिर है। यह मंदिर बनारस में रामेश्वर नाम की जगह पर वरुणा नदी के किनारे बना हुआ है। यह मंदिर प्राचीन है। यहां पर श्री राम जी, माता सीता जी और लक्ष्मण जी की दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह सभी प्रतिमाएं प्राचीन हैं। यहां पर शिव मंदिर भी बना हुआ है, जहां पर शिवलिंग और नंदी भगवान जी के दर्शन किए जा सकते हैं।
यहां पर लोग पंचकोशी परिक्रमा करते हैं। तब यहां पर आते हैं और भगवान श्री राम के दर्शन करते हैं। कहा जाता है, कि भगवान श्री राम यहां पर अपने वनवास काल के दौरान आए थे। यहां पर लोग वरुणा नदी के तट पर स्नान करते हैं। उसके बाद भगवान श्री राम के दर्शन करते हैं।
यह भी पढ़े :- चंदौली में घूमने की जगह
सारनाथ बनारस – Sarnath Banaras
सारनाथ बनारस से 13 किलोमीटर दूर है। सारनाथ बनारस का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहां पर बौद्ध, जैन और हिंदू धर्म के बहुत सारे मंदिर बने हुए हैं। यहां पर रेल माध्यम और सड़क माध्यम से पहुंचा जा सकता है। यह भगवान बुद्ध के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। सारनाथ का नाम सारंग नाथ महादेव मंदिर से लिया गया है।
यहां पर आप धर्मराजिका स्तूप, धम्मेख स्तूप, मूलगंधकुटी, अशोक स्तंभ, पुरातत्व संग्रहालय, सारंगनाथ महादेव मंदिर, तिब्बती मंदिर, गोल्डन मंदिर, श्री दिगंबर जैन मंदिर, बुद्धा मंदिर, डियर पार्क, महाबोधि मंदिर, कंबोडियन मॉनेस्ट्री, श्री कपिला मुनि आश्रम, विश्व शांति स्तूप, जापानी मंदिर, चाइनीस बुद्ध मंदिर, चौखंडी स्तूप देखने मिलते है। यहां पर आप 1 दिन का प्लान बना कर आए और पूरे जगह घूम सकते हैं।
यह भी पढ़े :- शामली में घूमने की जगह
बनारस में रुकने की जगह – Places to stay in Banaras
बनारस उत्तर प्रदेश का एक प्रसिद्ध शहर है। बनारस में बहुत सारे मंदिर है और यहां पर पूरे देश से पर्यटक आते हैं। बनारस में ठहरने के लिए बहुत सारे होटल है और यहां पर बहुत सारी धर्मशालाएं भी मिल जाएंगी। यहां पर आप अपने बजट के अनुसार होटल में रुक सकते हैं। यह आप को सबसे कम बजट में धर्मशालाएं भी मिल जाती हैं। यहां पर धर्मशाला में ज्यादा सुविधा नहीं रहती है।
यह भी पढ़े :- पीलीभीत में घूमने की जगह
बनारस घूमने का सबसे अच्छा समय – Best time to visit in Banaras
बनारस या वाराणसी में घूमने का सबसे अच्छा समय ठंड का रहता है। बनारस घूमने का सबसे अच्छा समय होता है – नवंबर से फरवरी तक है। गर्मी के समय यहां बहुत ज्यादा गर्मी रहती है। यहां का तापमान बहुत ज्यादा ही रहता है और बरसात में यहां नहीं जा सकता है।
इसलिए आप यहां पर नवंबर से फरवरी-मार्च तक आराम से यहां पर घूम सकते हैं। आप यहां पर त्योहारों के समय भी घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां उत्सव के समय बहुत सारे श्रद्धालु भगवान के दर्शन करने के लिए आते हैं और यहां का नजारा ही अलग रहता है।
यह भी पढ़े :- बाराबंकी में घूमने की जगह
बनारस कैसे जाएं – How to reach Banaras
वाराणसी या बनारस उत्तर प्रदेश का प्रमुख शहर है। वाराणसी अन्य शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। वाराणसी में ढेर सारे पर्यटक स्थल है, जिन्हें देखने के लिए ढेर सारे पर्यटक यहां पर आते हैं। वाराणसी में आप आसानी से आ सकते हैं। वाराणसी में आप वायु मार्ग, रेल मार्ग पर सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं। चलिए जानते हैं – वाराणसी कैसे पहुंच सकते हैं।
वायु मार्ग से वाराणसी कैसे पहुंचे – How to reach Varanasi by air
बनारस में वायु मार्ग से पहुंचा जा सकता है। यहां पर लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बना हुआ है। यह एयरपोर्ट बनारस में बाबतपुर में बना हुआ है। यह एयरपोर्ट बनारस से 24 किलोमीटर दूर है। आप देश के किसी भी राज्य से इस एयरपोर्ट में डायरेक्ट आ सकते हैं और उसके बाद टैक्सी के द्वारा बनारस पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग से वाराणसी कैसे पहुंचे – How to reach Varanasi by rail
बनारस में रेल मार्ग द्वारा पहुंचा जा सकता है। बनारस में चार रेलवे स्टेशन बने हुए हैं। आप बनारस में देश के किसी भी कोने से रेल के द्वारा आ सकते हैं। यहां पर जबलपुर, इंदौर, भोपाल, मुंबई, लखनऊ, इलाहाबाद, चित्रकूट, दिल्ली इन सभी जगह से बनारस आने के लिए डायरेक्ट ट्रेन चलती है, तो आप यहां पर ट्रेन के द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग से वाराणसी कैसे पहुंचे – How to reach Varanasi by road
सड़क मार्ग द्वारा बनारस पहुंचा जा सकता है। बनारस आने के लिए सड़क मार्ग बेस्ट ऑप्शन है। यहां पर आप बस के द्वारा आ सकते हैं। यहां पर आप लोकल बस या प्राइवेट बसों के द्वारा आ सकते हैं। आप यहां पर अपने स्वयं के वाहन से भी आ सकते हैं।
यह भी पढ़े :- अमेठी में घूमने की जगह
यह लेख आपकी जानकारी के लिए लिखा गया है, अगर आपको अच्छा लगे, तो इसे शेयर जरूर करें।