Raisen me Ghumne ki Jagah :- रायसेन मध्य प्रदेश का एक मुख्य जिला है। इस लेख में हम आपको रायसेन में घूमने की जगह, रायसेन कैसे पहुंचे, रायसेन के प्रमुख धार्मिक स्थान और रायसेन के प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जानकारी देंगे।
रायसेन जिले के बारे में जानकारी – Information about Raisen district
रायसेन मध्य प्रदेश का प्रमुख जिला है। रायसेन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 50 किलोमीटर दूर है। रायसेन में आप सड़क मार्ग से आसानी से आ सकते हैं। रायसेन जिला जंगलों और पहाड़ों से घिरा हुआ है। रायसेन जिले के आस-पास ढेर सारी प्राकृतिक पर्यटन स्थल देखने के लिए मिलते हैं।
रायसेन में बेतवा, बरना नदी बहती है। रायसेन जिला भोपाल, सीहोर, होशंगाबाद, सागर और नरसिंहपुर जिले से घिरा हुआ है। रायसेन जिले में जंगल और पहाड़ अधिक मात्रा में है।
रायसेन जिले में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। इस ब्लॉग में हम आपको रायसेन जिले में घूमने वाली प्रमुख जगह के बारे में जानकारी देंगे, जहां पर आप घूम कर अपना बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं। आप ब्लॉग को पूरा पढ़ें, जिससे आपको जानकारी मिल सके।
रायसेन जिले में आप कहां-कहां घूम सकते हैं, रायसेन कैसे पहुंच सकते हैं, रायसेन में कहां रुक सकते हैं, रायसेन जिले में कब जाना बेहतर होगा। यह सभी जानकारी हमने आपको इस ब्लॉग में दी है।
रायसेन में घूमने की जगह – Raisen me Ghumne ki Jagah
रायसेन के प्रमुख पर्यटन और दर्शनीय स्थल की सूची – Raisen Tourist Places list in Hindi
- सांची स्तूप रायसेन
- सांची संग्रहालय रायसेन
- सतधारा स्तूप रायसेन
- रायसेन का किला
- भीमबेटका रायसेन
- भोजपुर मंदिर रायसेन
- दरगाह शरीफ रायसेन
- तितली पार्क रायसेन
- कंकाली माता मंदिर रायसेन
- चौकीगढ़ किला रायसेन
- बरना बांध रायसेन
- श्री केरवाना धाम रायसेन
- रातापानी वन्यजीव अभ्यारण रायसेन
- अमरगढ़ जलप्रपात रायसेन
- आशापुरी मंदिर रायसेन
- सुनरी बुद्धिस्ट स्तूप रायसेन
- महादेव पानी जलप्रपात रायसेन
- चिड़ियाटोल रायसेन
- सीता तलाई झील रायसेन
सांची स्तूप रायसेन – Sanchi Stupa Raisen
सांची स्तूप रायसेन का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। सांची स्तूप पूरे देश में प्रसिद्ध है। सांची स्तूप घूमने के लिए पूरे भारत देश और विदेशों से भी पर्यटक आते हैं। सांची स्तूप में, तीन स्तूप देखने के लिए मिलते हैं। इन स्तूप में भगवान बुद्ध की अस्थियों को रखा गया है। यह स्तूप बहुत ही सुंदर तरीके से बने हुए हैं।
यहां पर सबसे बड़ा स्तूप में आपको बुद्ध भगवान जी के जीवन के बारे में बहुत सारी घटनाएं देखने के लिए मिलती है। यहां पर बहुत बड़ा बगीचा है। बगीचे में मोर घूमते रहते हैं। यहां पर दो स्तूप आसपास ही बने हुए हैं और तीसरा स्तूप थोड़ी दूरी पर जंगल के अंदर स्थित है। यहां पर एक तालाब भी बना हुआ है।
सांची स्तूप में प्रवेश करने के लिए शुल्क लगता है। यह जगह रायसेन में साँची नाम की जगह पर स्थित है और यहां पर पहाड़ी के ऊपर यह स्तूप बना है। सांची स्तूप के परिसर में बदक और खरगोश बगीचे में रखे गए हैं।
सांची स्तूप परिसर में बौद्ध मठ और प्राचीन मंदिर और भी बहुत सारे अवशेष देखने के लिए मिलते हैं, जो प्राचीन समय में बनाए गए होंगे। यहां पर गाइड रहते हैं, जो आपको इन स्तूप के बारे में डिटेल जानकारी देंगे। स्तूप का मेंटेनेंस बहुत अच्छी तरह से किया जाता किया जा रहा है।
सांची संग्रहालय रायसेन – Sanchi Museum Raisen
सांची रायसेन जिले में सांची स्तूप के पास ही में स्थित है। आप इस संग्रहालय में अगर घूमने के लिए जाना चाहते हैं, तो आप 5 बजे से पहले जाएं। क्योंकि 5 बजे यह संग्रहालय बंद कर दिया जाता है। संग्रहालय में बहुत सारी वस्तुओं का संग्रह देखने के लिए मिलता है, जो इन स्तूप से ही प्राप्त की गई हैं। संग्रहालय में प्रवेश के लिए शुल्क लगता है और संग्रहालय भी बहुत अच्छी तरह मेंटेन करके रखा गया है।
सतधारा स्तूप रायसेन – Satdhara Stupa Raisen
सतधारा स्तूप रायसेन में घूमने का एक प्रमुख स्थान है। सतधारा स्तूप हलाली नदी के पास में बनी हुई है। यह जगह जंगल के अंदर स्थित है। मगर यह जगह बहुत सुंदर है। यहां पर आप आकर अपना शांति से बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं। यहां पर स्तूप देखने के लिए मिलता है।
यह स्तूप विश्व के सबसे बड़े स्तूप में से एक है। यह स्तूप बहुत बड़े एरिया में बना है। यहां पर बहुत सारे स्तूप बने हुए हैं, जो थोड़ी थोड़ी दूरी पर स्थित है। यहां पर जंगल का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। सतधारा स्तूप भोपाल सांची हाईवे सड़क से थोड़ा अंदर जंगल में स्थित है।
यह मुख्य हाइवे सड़क से करीब 5 किलोमीटर दूर होगी और यहां पहुंचने के लिए पक्की सड़क मिल जाती है। यहां पर आप अंधेरा होने से पहले तक घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर वॉच टावर बना हुआ है, जहां से आपको चारों तरफ का दृश्य देखने के लिए मिलता है और हलाली नदी का यहां पर बहुत ही मस्त दृश्य रहता है। यहां पर बहुत सारे बंदर भी है।
रायसेन का किला – Raisen Fort
रायसेन का किला मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध किलों में से एक है। रायसेन का किला रायसेन का प्रमुख पर्यटन स्थल है। रायसेन का किला, रायसेन का एक प्रमुख किला है। यह किला बहुत बड़ा है। यह किला रायसेन जिले में एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। इस किले में जाने का रास्ता है। वह सीढ़ियों वाला है। इस किले तक मोटर बाइक से भी पहुंचा जा सकता है।
मगर वह रास्ता बहुत लंबा है। इसलिए बहुत सारे लोग वह रास्ता नहीं लेते हैं। किले के अंदर बहुत सारी जगह है, जो देखने लायक है – तालाब, महल, दरगाह, शिव मंदिर, झिंझरी महल, धोबी तलाव, मोतिया तालाब, रानी महल, पुरानी कचहरी, कोस मीनार देखने के लिए मिलता है।
रायसेन किले में सीढ़ियों के माध्यम से ऊपर जाते हैं, तो यहां पर आपको बहुत ही जबरदस्त शहर का दृश्य देखने के लिए मिलता है, जो बहुत ही सुंदर रहता है। यहां पर बरसात के समय घूमने में बहुत मजा आता है, क्योंकि बरसात में यहां पर हरियाली रहती है और चारों तरफ का दृश्य बहुत सुंदर रहता है।
रायसेन किले में किसी भी तरह का प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता है। यहां पर पार्किंग का शुल्क लिया जाता है। किले में छोटी सी कैंटीन भी बनी हुई है, जहां पर चाय, कॉफी, पानी और स्नेक्स मिल जाता है। रायसेन किले में बहुत सारे लोग धार्मिक मान्यताओं के कारण भी आते हैं, क्योंकि यहां पर दरगाह और शिव मंदिर बना हुआ है।
रायसेन किले की देखभाल अच्छे से नहीं की जा रही है, जिससे यहां पर चारों तरफ बड़ी बड़ी झाड़ियां उग जाती हैं। तालाब की साफ-सफाई नहीं की जाती है। रायसेन किले की खिड़कियां और प्रवेश द्वार बहुत सुंदर है। यहां पर पानी को एकत्र करने के लिए भूमिगत टंकी बनी है। जो प्राचीन समय में उपयोग की जाती थी।
यहां पर आप घूमने के लिए आते हैं, तो अपने साथ पानी जरूर लाएं, क्योंकि यहां पर पानी की व्यवस्था नहीं है। आपको यहां पर पानी खरीदना पड़ेगा और सीढ़ियां चढ़ते समय किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं है, तो आपको थकान होगी और आपको पानी की जरूरत पड़ेगी। आप यहां पर खाने के लिए कुछ ला सकते हैं। यह जगह बहुत सुंदर है और अगर आप रायसेन जाते हैं, तो आपको अपना दो-तीन घंटा निकालकर यहां पर जरूर घूमना चाहिए।
भीमबेटका रायसेन – Bhimbetka Raisen
भीमबेटिका रायसेन में घूमने का एक प्रमुख स्थल है। भीमबेटका पूरे देश में प्रसिद्ध है। भीमबेटिका रायसेन जिले में अब्दुल्लागंज से करीब 10 किलोमीटर दूर होगा। भीमबेटका भोपाल होशंगाबाद रोड पर स्थित है। यह रातापानी वन्य जीव अभ्यारण के अंदर स्थित है।
यहां पर बड़ी-बड़ी चट्टानों में रॉक पेंटिंग पाई गई है। यह पर विभिन्न तरह की पेंटिंग मिली है। यहां पर बड़ी-बड़ी गुफाएं हैं, जिनमें यह शैल चित्र बने हुए हैं। यह शैल चित्र आदिमानव के द्वारा बनाए गए हैं। यहां आदिमानव के द्वारा शिकार करते हुए लोग, सूअर, बैल, पक्षी, नाचते हुए लोग और भी बहुत सारी चित्र यहां पर बनाए गए हैं।
भीमबेटिका पर प्रवेश के लिए टिकट लगता है। यहां पर बहुत सारे बंदर भी है। यहां पर करीब 18 गुफाएं हैं। यह गुफाएं प्राकृतिक तरीके से बनी हुई है। भीमबेटका के थोड़ा आगे वैष्णो माता का मंदिर बना हुआ है।
यह मंदिर गुफा के अंदर बना हुआ है। यहां पर माता की प्रतिमा विराजमान है। इन्हें जंगल देवी के रूप में भी पूजा जाता है। भीम बेटिका घूमने के बाद, आप इस मंदिर में घूम सकते हैं। यहां पर छोटी सी दुकान है, जहां पर स्नैक्स मिलता है।
भोजपुर मंदिर रायसेन – Bhojpur Temple Raisen
भोजपुर मंदिर रायसेन में घूमने का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर पूरे भारत में प्रसिद्ध है। इस मंदिर में विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग विराजमान है। इस मंदिर में एक ही पत्थर के बने हुए बहुत बड़े शिवलिंग देखने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर बहुत पुराना है।
इस मंदिर का निर्माण राजा भोज के द्वारा किया गया था। यहां पर एक बड़ा चबूतरा है, जिसके ऊपर यह मंदिर बना हुआ है। मंदिर के आसपास बगीचा बना हुआ है। मंदिर के पास में ही बेतवा नदी बहती है। मंदिर बहुत सुंदर है।
भोजपुर मुख्य मंदिर के बाहर एक और छोटा सा मंडप बना हुआ है, जिसमें नंदी भगवान जी की प्रतिमा विराजमान है। यहां पर शंकर भगवान जी भी विराजमान है। मंदिर की दीवारों में सुंदर मूर्ति कला देखने के लिए मिलती है। मंदिर का शिवलिंग बहुत बड़ा है। मंदिर के बाहर प्रसाद की बहुत सारी दुकान है।
भोजपुर मंदिर से थोड़ी ही दूरी पर जैन मंदिर भी बना हुआ है। यह मंदिर बहुत सुंदर है और यहां पर खाने पीने की व्यवस्था भी है। यहां पर आप अपनी गाड़ी से घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर आप बस के द्वारा भी पहुंच सकते हैं।
दरगाह शरीफ रायसेन – Dargah Sharif Raisen
दरगाह शरीफ रायसेन में घूमने का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। दरगाह शरीफ रायसेन में मुख्य शहर से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है। यह भोपाल रायसेन हाईवे सड़क पर स्थित है। यह हजरत पीर फतेह उल्लाह शाह चिश्ती रहमतुल्लाह औलिया जी को समर्पित है। इस दरगाह को साहिब ए मजार शरीफ भी कहते हैं।
यह एक महान संत थे। दरगाह के अंदर इनकी कब्र देखने के लिए मिलती है। इनके कब्र पर लोग आकर चादर चढ़ाते हैं और अपनी मनोकामना मांगते हैं। यहां पर आकर, जो भी मनोकामना मांगी जाती है। वह जरूर पूरी होती है। दरगाह के बाहर प्रसाद और चादर मिलते हैं। यहां पर बहुत सारे बंदर है। दरगाह के पास में एक नदी भी बहती है।
तितली पार्क रायसेन – Butterfly Park Raisen
तितली पार्क रायसेन में घूमने का एक प्रमुख पार्क है। तितली पार्क भारत में बहुत कम ही बने हुए हैं और रायसेन में तितली पार्क देखने के लिए मिलता है। यह तितली पार्क रायसेन में गोपालपुर वन परी क्षेत्र में स्थित है। यहां पर बहुत बड़ा पार्क बना हुआ है और पार्क के अंदर एक बड़ा सा गुंबद टाइप का बना दिया गया है, जिसके अंदर आपको बहुत सारी तितलियां देखने के लिए मिलती है। यहां पर तितलियों के बारे में जानकारी मिलती है।
यहां पर मछली घर बना हुआ है, जहां पर विभिन्न प्रकार की मछलियों को रखा गया है। यहां पर आकर तितलियां और मछली देखने के लिए मिल जाएगी। यहां पर प्रवेश शुल्क लिया जाता है और यह मुख्य सड़क में ही स्थित है।
कंकाली माता मंदिर रायसेन – Kankali Mata Temple Raisen
कंकाली माता मंदिर रायसेन में घूमने का एक प्रमुख मंदिर है। यह मंदिर रायसेन जिले में गुदाबल गांव में स्थित है। यह मंदिर भोपाल रायसेन हाईवे सड़क से थोड़ा अंदर बना हुआ है। यह मंदिर भोपाल से 22 किलोमीटर दूर है। यह मंदिर प्राचीन है। मंदिर में विराजमान कंकाली देवी की प्रतिमा बहुत ही सुंदर है। इस प्रतिमा का, जो सर है। वह 45 डिग्री एंगल पर झुका हुआ है।
कहा जाता है, कि नवरात्रि में माता का सिर सीधा हो जाता है। यहां नवरात्रि में बहुत सारे लोग आते हैं और माता के दर्शन करते हैं।कंकाली माता मंदिर मुख्य सड़क पर बना हुआ है।
कहा जाता है, कि यहां पर आकर, जो भी मनोकामना मांगता है। उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है। यहां पर शिव भगवान जी का मंदिर, गणेश मंदिर, विश्वकर्मा मंदिर बना हुआ हैं। मंदिर के बाहर बहुत सारी दुकानें बनी हुई है, जहां पर प्रसाद और खाने पीने का सामान मिलता है।
चौकीगढ़ किला रायसेन – Chowkigarh Fort Raisen
चौकीगढ़ किला रायसेन में घूमने का एक प्रमुख किला है। यह किला प्राचीन है। यह किला खंडहर में बदल गया है। यह किला रायसेन के बाड़ी तहसील में स्थित है। यह किला जंगल के अंदर स्थित है। यह किला सुलतानपुर अभ्यारण के अंदर बना हुआ है। किले तक पहुंचने के लिए ट्रैकिंग करनी पड़ती है।
किले में प्राचीन महल, किले की दीवार, राजा रानी का महल, जलाशय, और तालाब देखने के लिए मिल जाता है। यहां पर, जो तालाब बने हुए हैं। उनमें आज भी पानी भरा हुआ है और यहां पर लोग तालाब के नीचे जा सकते हैं। तालाब में नीचे जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। आप यहां पर आकर इस जगह को एक्सप्लोर कर सकते हैं। आपको मजा आएगा। चारों तरफ जंगल का बहुत सुंदर दृश्य भी है।
बरना बांध रायसेन – Barna Dam Raisen
बरना बांध रायसेन में घूमने का एक प्रमुख स्थल है। यह एक बहुत बड़ा जलाशय है। यह बांध बरना नदी पर बना हुआ है। यह बांध बहुत सुंदर है और बहुत बड़ा है। इस बांध में सिंचाई के लिए नहर भी निकली हुई है। बांध का दृश्य बरसात के समय बहुत ही जबरदस्त रहता है। बांध के गेट बरसात के समय खोले जाते हैं। जिससे इसका दृश्य बहुत ही सुंदर लगता है।
इस बांध के पास में गार्डन भी बना हुआ है, जहां पर आप बैठकर इस बांध का सुंदर दृश्य देख सकते हैं। यहां पर पहाड़ों और जंगल का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है। बांध के पास में ही एक मंदिर बना हुआ है, जहां पर आप घूम सकते हैं। बरना बांध रायसेन जिले में बाड़ी तहसील में स्थित है। यहां पर आने के रास्ते में आपको घना जंगल देखने के लिए मिलेगा।
श्री केरवाना धाम रायसेन – Sri Keravana Dham Raisen
श्री केरवाना धाम रायसेन में स्थित एक प्रमुख प्राकृतिक स्थल है। यह जगह रायसेन जिले में जैतपुर ग्राम के निकट है। यह वन मंडल अब्दुल्लागंज के अंतर्गत आता है। यह जगह धार्मिक मान्यता भी रखती है। श्री केरवाना स्थल मुख्य रूप से ऋषि केरवन्य जी का साधना स्थल है।
यहां पर घना जंगल है। यह जगह जंगल के बीच में स्थित है। यहां पर भगवान शिव का मंदिर वन खंडेश्वर महादेव मंदिर बना हुआ है। यह मंदिर प्राचीन है और यहां पर शिवलिंग विराजमान है। यहां पर एक छोटी सी पतली सी पानी की धार देखने के लिए मिलती है, जो 24 घंटे और 12 महीने इसी तरह बहती रहती है।
यहां पर केरवन्य ऋषि के आवाहन पर मां नर्मदा जी प्रकट हुई थी। यहां पर धर्मशाला बनी हुई है, जहां पर पर्यटक आकर ठहर सकते हैं। यह जगह चारों तरफ जंगल से घिरी हुई है। यहां पर हरियाली देखने के लिए मिलती है।
रातापानी वन्यजीव अभ्यारण रायसेन – Ratapani Wildlife Sanctuary Raisen
रातापानी वन्यजीव अभ्यारण रायसेन में घूमने का एक मुख्य आकर्षण स्थल है। रातापानी वन्य जीव अभ्यारण रायसेन, भोपाल और सीहोर जिले में फैला हुआ है। यहां पर बहुत सारे जंगली जीव देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर बाघ, तेंदुआ, हिरण जैसे जानवर देखे जा सकते हैं।
यह जगह प्राकृतिक है। यहां पर प्रवेश करने के लिए एंट्री शुल्क लिया जाता है। रातापानी अभ्यारण के अंदर रातापानी बांध देखने के लिए मिलता है। यह बांध बहुत सुंदर है और बरसात में बहुत ही आकर्षक लगता है।
रातापानी वन्यजीव अभ्यारण के अंदर बहुत सारे वाटरफॉल भी देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर पक्षियों की बहुत सारी प्रजातियां देखी जा सकती है। यहां पर आप आकर अपना दिन का समय बिता सकते हैं।
अमरगढ़ जलप्रपात रायसेन – Amargarh Falls Raisen
अमरगढ़ जलप्रपात रायसेन जिले के पास घूमने का एक मुख्य स्थान है। अमरगढ़ जलप्रपात एक सुंदर जलप्रपात है और यह जलप्रपात घने जंगल के अंदर बना हुआ है। जलप्रपात तक पहुंचने के लिए ट्रैकिंग करनी पड़ती है। यह जलप्रपात रातापानी वन्य जीव अभ्यारण के अंदर स्थित है। यहां पर ऊंची चट्टानों के ऊपर से पानी बहता है, जो बहुत ही सुंदर लगता है। बरसात में यह जगह बहुत ही ज्यादा आकर्षक हो जाती है।
यह जलप्रपात भोपाल से 70 किलोमीटर दूर है। यह जलप्रपात अब्दुल्लागंज वन प्रखंड के अंतर्गत आता है। यह जलप्रपात सैदगंज गांव के अंतर्गत आता है। जलप्रपात तक पहुंचने के लिए करीब 5 से 6 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। मगर यहां पहुंच कर बहुत अच्छा लगता है।
आशापुरी मंदिर रायसेन – Ashapuri Temple Raisen
आशापुरी मंदिर रायसेन में घूमने का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर प्राचीन है। यह मंदिर रायसेन जिले में भोजपुर के पास आशापुरी गांव में बना हुआ है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। मंदिर में आशापुरी माता के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर बहुत सारे प्राचीन मंदिरों के खंडहर अवशेष पड़े हुए हैं, जो आप देख सकते हैं।
इन खंडहर अवशेषों में बहुत ही सुंदर नक्काशी की गई है। यहां पर, जो मंदिर के अवशेष पाए गए हैं। उनमें से पता चलता है, कि यह मंदिर शिव भगवान जी और विष्णु भगवान जी को समर्पित है। यहां पर शिव भगवान जी की योनि पीठ के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
आशापुरी मंदिर खंडहर मंदिरों से थोड़ा दूरी पर स्थित है। आशापुरी मंदिर, आशापुरी माता जी की बहुत ही सुंदर प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यहां पर एक तालाब बना हुआ है। यहां पर हनुमान मंदिर बना हुआ है, जो अच्छी अवस्था में है और लोग यहां पर आज भी पूजा करते हैं।
यहां पर विश्राम गृह बना हुआ है। आशापुरी गांव के अंदर संग्रहालय बना हुआ है, जहां पर आप प्राचीन मूर्तियां देख सकते हैं। यह मंदिर भोजपुर से करीब 5 किलोमीटर दूर है। यहां पर पहुंचने के लिए सड़क उपलब्ध है, जिससे आप आसानी से यहां पर पहुंच सकते हैं।
सुनरी बुद्धिस्ट स्तूप रायसेन – Sunri Buddhist Stupa Raisen
सुनरी बुद्धिस्ट स्तूप रायसेन में घूमने का एक मुख्य स्थल है। यह प्राचीन स्थल है। यहां पर, जो स्तूप बनाए गए हैं। वह दूसरी शताब्दी के हैं। यह स्तूप प्राचीन और बहुत सुंदर है। इन स्तूप में पहुंचने के लिए कच्ची सड़क मौजूद है। यह स्तूप मुख्य भोपाल रायसेन सड़क से थोड़ी दूर जंगल के बीच में स्थित हैं।
यह मुख्य हाइवे सड़क से करीब 7 से 8 किलोमीटर दूर होंगे। यहां पर आपको दो बड़े और दो छोटे स्तूप देखने के लिए मिलते हैं। इन स्तूप को बहुत अच्छी तरह से बना दिया गया है। यह सुनारी गांव के पास बने हुए हैं।
महादेव पानी जलप्रपात रायसेन – Mahadev Pani Falls Raisen
महादेव पानी जलप्रपात रायसेन के पास घूमने का एक मुख्य स्थल है। यह भोपाल से करीब 30 किलोमीटर दूर है। यहां पर रायसेन और भोपाल से बहुत सारे लोग घूमने के लिए आते हैं। यह मानसून में घूमने वाली एक मुख्य जगह है। आप यहां पर आकर अच्छा समय बिता सकते हैं।
यहां पर एक जलप्रपात देखने के लिए मिलता है। जलप्रपात के पास में यह गुफा बनी हुई है, जिसके अंदर शिव भगवान जी विराजमान है। यहां पर बहुत सारे लोग आते हैं और नहाने का मजा लेते हैं। यहां पर चारों तरफ का दृश्य प्राकृतिक है। यह जलप्रपात चट्टानों के बीच से बहता है और बहुत ही सुंदर लगता है। जलप्रपात में पहुंचने के लिए थोड़ी सी ट्रेकिंग करनी पड़ती है।
मगर यहां आकर बहुत ही अच्छा लगता है। यह जलप्रपात रायसेन में गोपीसुर सतर्कुंडा गांव के पास बना हुआ है। आप यहां पर अपनी कार और बाइक से आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां पर पहुंचने के लिए, आप भोपाल रायसेन हाईवे सड़क से आ सकते हैं। मुख्य हाईवे सड़क से जलप्रपात में पहुंचने के लिए करीब 15 किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ता है।
चिड़ियाटोल रायसेन – Chidiyatol Raisen
चिड़ियाटोल रायसेन में भोपाल रायसेन हाईवे सड़क पर स्थित है। यह मुख्य हाईवे सड़क से ही देखी जा सकती है। यहां पर एक बड़ी सी चट्टान है, जो चिड़िया के आकार की लगती है। यह चट्टान चारों तरफ से जंगल और पहाड़ों से घिरी हुई है। यह मुख्य सड़क से ही देखने के लिए मिल जाती है और बहुत सुंदर है।
सीता तलाई झील रायसेन – Sita Talai Lake Raisen
सीता तलाई झील रायसेन में घूमने का एक प्राकृतिक स्थान है। यहां पर जंगल के बीच में एक झील बनी हुई है, जो बहुत सुंदर है। यहां पर पहाड़ों पर मंदिर भी बना हुआ है। कहा जाता है, कि प्राचीन समय में यहां पर राम जी, सीता जी और लक्ष्मण जी अपने वनवास काल के दौरान आए थे। यहां पर आपको जंगल के बीच में बरसात के समय सुंदर झरना भी देखने के लिए मिलेगा। यह जगह रायसेन बाईपास के पास थोड़ा अंदर जंगल में स्थित है।
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रायसेन जिले में कैसे पहुंच सकते हैं – How to reach Raisen District
रायसेन मध्य प्रदेश का एक प्रमुख जिला है। रायसेन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बहुत करीब है। रायसेन में आप आराम से पहुंच सकते हैं। रायसेन में आप सड़क मार्ग, रेल मार्ग और वायु मार्ग से पहुंच सकते हैं।
वायु मार्ग से रायसेन कैसे पहुंचे – How to reach Raisen by air
रायसेन जिले का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट भोपाल है। भोपाल मध्य प्रदेश की राजधानी है और भोपाल में राजा भोज एयरपोर्ट बना हुआ है। इस एयरपोर्ट में दूसरे देशों से और दूसरे शहरों से डायरेक्ट फ्लाइट आती है, तो आप यहां पर पहुंच सकते हैं। उसके बाद आप टैक्सी के माध्यम से रायसेन आ सकते हैं और रायसेन के पर्यटन स्थलों में घूम सकते हैं।
रेल मार्ग से रायसेन कैसे पहुंचे – How to reach Raisen by rail
रेल मार्ग से रायसेन पहुंचना आसान है। रेल मार्ग द्वारा रायसेन अन्य शहरों से जुड़ा हुआ है। यहां पर भोपाल, सागर इन सभी शहरों से डायरेक्ट ट्रेन आती है। आप रायसेन में ट्रेन के द्वारा पहुंच सकते हैं और यहां के पर्यटन स्थलों को घूम सकते हैं।
हवाई मार्ग से रायसेन कैसे पहुंचे – How to reach Raisen by air
सड़क मार्ग द्वारा रायसेन पहुंचना बहुत आसान है। सड़क मार्ग द्वारा रायसेन, भोपाल, सागर, होशंगाबाद, जबलपुर इन सभी जिलों से जुड़ा हुआ है। आप यहां पर अपने स्वयं के वाहन से या बस के द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां पर रेगुलर बसे चलती रहती है, जिसके द्वारा आप रायसेन आ सकते हैं।
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रायसेन में कहां रुकना चाहिए – Where to stay in Raisen
रायसेन में ठहरने के लिए बहुत सारे होटल है। यहां पर धर्मशालाएं भी मिल जाती हैं, जहां पर आप ठहर सकते हैं। आप अपने बजट के अनुसार होटल सिलेक्ट कर सकते हैं और रुक सकते हैं।
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रायसेन में जाने का सबसे अच्छा समय – Best time to visit in Raisen
रायसेन में घूमने का सबसे अच्छा समय बरसात और ठण्ड का है। रायसेन में घूमने के लिए, अगर आप आते हैं, तो आप साल में कभी भी आ सकते हैं। मगर गर्मियों में यहां पर बहुत ज्यादा गर्मी पड़ती है, जिससे आपको घूमने में बहुत ज्यादा तकलीफ होगी। तो रायसेन में घूमने का सबसे अच्छा समय बरसात का रहता है, क्योंकि इस समय यहां पर आपको हरियाली देखने के लिए मिलती है और आपको घूमने में मजा आएगा।
रायसेन में घूमने के लिए आप ठंड के समय भी जा सकते हैं। ठंड का मौसम भी रायसेन में घूमने के लिए बहुत बढ़िया है।
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