ओरछा के प्रमुख 18 दर्शनीय और पर्यटन स्थल – Top 18 Orchha me Ghumne ki jagah

Orchha me Ghumne ki jagah :- ओरछा मध्य प्रदेश का एक प्रसिद्ध नगर है। इस लेख में हम आपको ओरछा में घूमने की जगह, ओरछा कैसे पहुंचे, ओरछा के धार्मिक स्थल के बारे में जानकारी देंगे।

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ओरछा नगर के बारे में की जानकारी – Information about Orchha city

ओरछा मध्य प्रदेश का एक प्रसिद्ध पर्यटन आकर्षक स्थल है। आप अपने मध्य प्रदेश की यात्रा में ओरछा की यात्रा को शामिल कर सकते हैं। ओरछा में बहुत सारे ऐतिहासिक स्थल हैं, जो बहुत सुंदर हैं और इन स्थलों में जाकर आपको जरूर घूमना चाहिए।

ओरछा मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले के अंतर्गत आता है। ओरछा मध्य प्रदेश में बेतवा नदी के किनारे बसा हुआ एक सुंदर शहर है। ओरछा शहर में घूमने के लिए ऐतिहासिक मंदिर, महल और वन्य जीव अभ्यारण है, जहां पर जाकर आप अपना अच्छा समय बिता सकते हैं।

ओरछा नगर झांसी के बहुत करीब है। आप ओरछा में झांसी से आराम से पहुंच सकते हैं। ओरछा शहर बहुत सुंदर है। ओरछा में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है।

ओरछा अपने प्राचीन महलों और मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। ओरछा में बेतवा नदी बहती है। बेतवा नदी में आप बहुत सारे गतिविधियां कर सकते हैं। बेतवा नदी में राफ्टिंग, बोटिंग का मजा ले सकते हैं।

ओरछा में घूमने के लिए ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक जगह हैं। यह सभी जगह बहुत सुंदर है और आप इन सभी जगह में घूमने के लिए जा सकते हैं। आप इन सभी जगह में अपनी फैमिली और दोस्तों के साथ आराम से घूम सकते हैं। यहां पर घूम कर अच्छा लगता है।

इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको ओरछा के प्रमुख पर्यटन और दर्शनीय स्थलों (Orchha me Ghumne ki jagah) के बारे में जानकारी देंगे, जो बहुत सुंदर हैं। अगर आप ओरछा के पर्यटन स्थलों (Orchha me Ghumne ki jagah) की यात्रा करना चाहते हैं, तो इस ब्लॉग पोस्ट को पढ़ सकते हैं, जिसमें आपको ओरछा के पर्यटन स्थलों (Orchha me Ghumne ki jagah) की जानकारी दी गई है।

 

ओरछा में घूमने की जगह – Orchha me Ghumne ki jagah

ओरछा के दर्शनीय और पर्यटन स्थल की सूची – orchha tourist places list in Hindi

  1. ओरछा का किला
  2. राजा रानी महल ओरछा
  3. जहांगीर महल ओरछा
  4. दाऊजी की कोठी ओरछा
  5. राय प्रवीण महल ओरछा
  6. चतुर्भुज मंदिर ओरछा
  7. रामराजा मंदिर ओरछा
  8. लक्ष्मी नारायण मंदिर ओरछा
  9. शाही छतरियां ओरछा
  10. ओरछा अभ्यारण
  11. सावन भादों स्तंभों ओरछा
  12. हरदौल वाटिका और मंदिर ओरछा
  13. चंदन कटोरा
  14. पालकी महल ओरछा
  15. चार द्वारी हनुमान जी मंदिर ओरछा
  16. अंजनी माता मंदिर ओरछा
  17. बेतवा जामुनी संगम
  18. श्री बेतेश्वर महादेव मंदिर ओरछा

 

ओरछा में जाने की जगहें – Orchha me Ghumne ki jagah

 

ओरछा का किला – Orchha Fort

ओरछा का किला ओरछा शहर का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह ओरछा में घूमने वाली सबसे अच्छी जगह (Orchha me Ghumne ki jagah) है । इस किले के अंदर बहुत सारे प्राचीन महल देखने के लिए मिलते हैं। यह महल बहुत सुंदर है। ओरछा किला बेतवा नदी के एक द्वीप में बना हुआ है। ओरछा के किले में सुंदर महल, बेतवा नदी का सुंदर दृश्य और मंदिर देखने के लिए मिल जाता है।

ओरछा के किला में कई जगहों पर रंग बिरंगे भित्ति चित्र देखने के लिए मिलते हैं, जो बहुत सुंदर लगते हैं। यह भित्ति चित्र देवी देवताओं एवं भगवानों की कहानियों को दर्शाते हैं। यह भित्ति चित्र इन प्राचीन महलों की शोभा को और भी ज्यादा बढ़ा देते हैं। ओरछा के किले का निर्माण राजा मधुकर शाह के शासनकाल में हुआ था।

आप इस किले को देखने के लिए गाइड कर सकते हैं, जो आपको अच्छे से जानकारी दे सकते हैं। ओरछा किले में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। गाड़ी पार्किंग का चार्ज अलग रहता है। आइए जानते हैं ओरछा के किले के अंदर स्थित महलों के बारे में

 

ओरछा किले में घूमने वाले मुख्य स्थल – Main places to visit in Orchha Fort

राजा महल ओरछा – Raja Mahal Orchha

राजा महल ओरछा में घूमने का एक मुख्य पर्यटन स्थल (Orchha me Ghumne ki jagah) है। यह महल ओरछा किले के अंदर स्थित है। राजा रानी महल वर्गाकार आकार में बना हुआ है। राजा रानी महल के बीच में छोटा सा कुंड बना हुआ है।

राजा महल के निर्माण की नींव राजा रुद्र प्रताप जी ने सन 1531 में रखी थी, किंतु इसका निर्माण कार्य उनके ज्येष्ठ पुत्र भारती चंद ने पूर्ण कराया। इसके बाद उनके छोटे भाई एवं उत्तराधिकारी मधुकर शाह द्वारा कुछ परिवर्तन एवं परिवर्धन कराकर इस महल को पूरा किया गया था।

महल को दो भागों में विभाजित किया गया है। आवास कक्ष के अतिरिक्त दीवाने खास एवं दीवाने आम इस महल के प्रमुख भाग हैं। इस महल में सुंदर भित्ति चित्र देखने के लिए मिलते हैं, जो बहुत सुंदर हैं।

इन चित्रों की विषय वस्तु श्रीमद् भागवत के आधार पर कृष्ण लीला एवं रामायण की कहानियां है। यहां पर विष्णु भगवान जी के 10 अवतार का सुंदर चित्रण देखने के लिए मिलता है। यह मल युद्ध, नायक नायिकाओं एवं राग रागिनियो का अलौकिक चित्रण भी किया गया है। यह भित्ति चित्र 16वीं और 17वीं शताब्दी में बनाए गए हैं। यह भित्ति चित्र बुंदेली शैली में बना हैं।

आप इस महल की खूबसूरती को देख सकते हैं। यह महल बहुत सुंदर है और बहुत ही अच्छी तरह से मैनेज किया गया है।

 

जहांगीर महल ओरछा – Jahangir Mahal Orchha

जहांगीर महल ओरछा में घूमने का एक मुख्य ऐतिहासिक स्थल है। यह महल ओरछा किले में राजा महल के पास स्थित है। यह महल कुंवर वीर सिंह जूदेव जी ने बनवाया था। इस महल का निर्माण मुगल बादशाह जहांगीर के ओरछा आने के उपलक्ष में करवाया गया था। इस महल में हिंदू और मुस्लिम वास्तुकला देखने के लिए मिल जाएगी। यह महल बहुत ही सुंदर है।

इस महल में आपको खूबसूरत गुंबद, जालीदार खिड़कियां और ऊंचे मेहराब देखने के लिए मिलते हैं। इस महल में ऊपर जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है, जिससे आप महल के ऊपर जा सकते हैं और महल के ऊपरी सिरे से चारों तरफ का सुंदर दृश्य देख सकते हैं। यहां पर बेतवा नदी और अन्य महलों का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिल जाता है।

 

दाऊजी की कोठी ओरछा – Dauji ki Kothi

दाऊजी की कोठी ओरछा का एक पर्यटन स्थल है। यह ओरछा में ओरछा किले के अंदर स्थित है। यह कोठी खूबसूरत है और खंडहर हालत में यहां पर मौजूद है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यह दो मंजिला इमारत है और देखने में खूबसूरत लगती है।

 

राय प्रवीण महल ओरछा – Rai Praveen Mahal Orchha

राय प्रवीण महल ओरछा किले के अंदर घूमने का एक ऐतिहासिक स्थल है। यह प्राचीन महल है। यह महल बहुत सुंदर है। यह महल दो मंजिला है। इस महल का निर्माण 1572 में राजा इंद्रजीत सिंह ने करवाया था। इस महल का निर्माण राय प्रवीण नाम की एक नृत्यांगना के लिए करवाया गया था। इस महल की ऊपर वाली मंजिल की दीवारों में खूबसूरत नृत्य करती हुई नृत्यांगना की पेंटिंग देखने के लिए मिल जाती है। महल से चारों तरफ का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है।

 

ऊंट खाना ओरछा  – Uta Khana Orchha

ऊंट खाना ओरछा किले के अंदर घूमने का एक अच्छा स्थान (Orchha me Ghumne ki jagah) है। ऊंट खाना में पुराने समय में ऊंट को रखा जाता था। ऊंट खाना ओरछा किले में जहांगीर महल के पास में स्थित है। आप यहां पर जाकर घूम सकते हैं।

 

हाथी खाना ओरछा – Hathi Khana Orchha

हाथी खाना ओरछा किले में स्थित एक स्थान है, जहां पर हाथियों को रखा जाता था। यहां पर प्राचीन समय में हाथियों को रखा जाता था। शीश महल के उत्तर में अश्वशाला के समीप एक खुला हुआ भाग है, जिसमें हाथी बांधने की एक सांकल गढ़ी है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यही परिसर हाथी खाना था।

 

रसालदार की कोठी ओरछा – Rasaldar ki Kothi Orchha

रासलदार की कोठी ओरछा किले के अंदर स्थित एक सुंदर स्थान है। यह कोठी अभी भग्नावस्था में देखने के लिए मिलती है। ओरछा रियासत की अश्वशाला की मुखिया रसालदार का निवास रही। यह कोठी बहुत सुंदर है। यह कोठी 17वीं सदीं की बुंदेला स्थापत्य कला की महत्वपूर्ण देन है। इस कोठी में उत्तरी दीवार, बरांडा, कक्ष और तलाघर  सुरक्षित है जो आप देख सकते हैं।

 

दासियों का महल – Dasiyo ka Mahal

दासियों का महल ओरछा किले के अंदर एक सुंदर स्थान है। यह मुख्य ओरछा किले से थोड़ा दूर स्थित है। यह महल वर्गाकार शैलीगत आधार पर बनाया गया है। यह महल 17वीं शताब्दी में निर्मित हुआ है। यह महल दो मंजिला है। इसमें वर्गाकार आंगन के चारों ओर आयताकार बरामदों के दोनों और वर्गाकार कक्ष हैं।

इनके ऊपर प्रथम तल पर वर्गाकार कक्षों के ऊपर गुम्बदों की संरचना है। इनका उपयोग ओरछा के महाराजा की दासियों के द्वारा किया जाता था। इस कारण इस महल को दासियों का महल कहा जाता है।

 

पंचमुखी महादेव मंदिर – Panchmukhi Mahadev Temple

पंचमुखी महादेव मंदिर ओरछा किला के अंदर घूमने का एक सुंदर स्थान (Orchha me Ghumne ki jagah) है। यह मंदिर पश्चिममुख है। मंदिर में गर्भगृह और मंडप देखने के लिए मिलता है। मंदिर नागर शैली में बना हुआ है। यह मंदिर 17वीं शताब्दी का है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। आप इस मंदिर में घूमने के लिए आ सकते हैं।

 

राधिका बिहारी मंदिर – Radhika Bihari Temple

राधिका बिहारी मंदिर ओरछा किले के अंदर एक सुंदर मंदिर है। यह मंदिर पूर्वमुखी है। यह ओरछा के महाराज वीर सिंहदेव बुंदेला के द्वारा बनवाया गया था। यह मंदिर 1605 से 1627 के बीच बनवाया गया है। मंदिर में आपको गर्भगृह, अंतराल और मंडप की संरचना देखने के लिए मिलती है। मंदिर का शिखर नागर शैली का है। मंदिर बहुत सुंदर है। अंतराल एवं गर्भागृह के प्रवेश द्वार के ललाट बिम्ब पर गणेश एवं द्वारा शाखों में द्वारपाल अंकित है। यह बुंदेली वास्तुकला का एक सुंदर नमूना है।

ओरछा किला के अंदर और भी बहुत सारे स्थल है।

  • शीश महल
  • ओपन थिएटर
  • इमाम हमीर की कोठी
  • बारूद खाना
  • बक्स राय की कोठी
  • पुरुषोत्तम दास का मकान
  • दरोगा की कोठी
  • हमाम खाना
  • सिद्ध बाबा की गुफा
  • यज्ञशाला
  • वनवासी राम मंदिर
  • शिव मंदिर
  • श्याम दुआ की कोठी और तोपखाना

 

चतुर्भुज मंदिर ओरछा – Chaturbhuj Temple Orchha

चतुर्भुज मंदिर ओरछा में घूमने का एक धार्मिक स्थल (Orchha me Ghumne ki jagah) है। यह मंदिर ओरछा का एक  ऐतिहासिक है। चतुर्भुज मंदिर मुख्य शहर में बना हुआ है। इस मंदिर में आप आसानी से आ सकते हैं। यह मंदिर बहुत ही आकर्षक लगता है। ओरछा स्थित चतुर्भुज मंदिर का ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व है।

चतुर्भुज मंदिर विष्णु भगवान जी को समर्पित है। इस भव्य मंदिर का निर्माण महाराजा मधुकर शाह ने 1554-1592 ई. में करवाया था। महाराजा मधुकर शाह ने महारानी गणेश कुवारी के आराध्य देव राम जी की स्थापना हेतु किया था। चतुर्भुज मंदिर ओरछा में ओरछा किले के पास स्थित है।

यह मंदिर एक ऊंचे चबूतरे के ऊपर बना हुआ है। इस मंदिर में गर्भगृह, अर्ध मंडप और मंडप देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। गर्भगृह के ऊपर नागर शैली में शिखर बना हुआ है, जो बहुत सुंदर लगता है। मंदिर के चारों कोने पर छोटी-छोटी संरचना देखने के लिए मिलती है।

इस मंदिर का निर्माण ईट और चुने से किया गया है। इस मंदिर की वास्तुकला बहुत अद्भुत है। इस मंदिर की वास्तुकला मुगल और बुंदेला का मिश्रण है। आप यहां पर आकर इस मंदिर की खूबसूरती को देख सकते हैं। यहां पर आकर अच्छा लगता है।

यहां पर एक गैलरी भी देखने के लिए मिलती है, जहां पर श्री राम जी की बहुत सारी सुंदर पेंटिंग लगाई गई है। इनमें श्री राम जी की संबंधित जीवन के बहुत सारे पहलुओं को दिखाया गया है।

 

रामराजा मंदिर ओरछा – Ramraja Temple Orchha

रामराजा मंदिर ओरछा में घूमने का एक धार्मिक स्थल (Orchha me Ghumne ki jagah) है। यह मंदिर ओरछा मुख्य शहर में बना हुआ है। इस मंदिर में आप आसानी से आ सकते हैं। यह मंदिर बहुत बड़े एरिया में फैला हुआ है। यहां पर एक सुंदर महल है, जिसकी मुख्य गर्भगृह में श्री राम जी की मूर्ति विराजमान है, जो बहुत सुंदर है। इस मंदिर के बारे में एक कथा भी बहुत प्रसिद्ध है।

रामराजा मंदिर श्री राम जी को समर्पित है। यह मंदिर दुनिया का एक अनोखा मंदिर है, क्योंकि इस मंदिर में राम जी को भगवान के रूप में नहीं राजा के रूप में सभी लोग पूजते हैं। राम भगवान जी यहां पर शासन करते हैं। यहां पर बड़ी पदवी में विद्यमान लोग भी श्री राम जी को सलामी देने के लिए आते हैं। रामराजा मंदिर बहुत सुंदर है और यह बहुत खूबसूरत लगता है।

 

लक्ष्मी नारायण मंदिर ओरछा – Lakshmi Narayan Temple Orchha

लक्ष्मी नारायण मंदिर ओरछा का एक धार्मिक स्थल है। यह  मंदिर बहुत सुंदर है। लक्ष्मी नारायण मंदिर ओरछा की लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। यह मंदिर एक ऐतिहासिक स्मारक स्मारक पर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण ओरछा के राजा वीर सिंह देव द्वारा 1622 से 1628 के बीच किया गया था। यह मंदिर मुख्य ओरछा शहर से थोड़ी दूरी पर स्थित है। इस मंदिर में आप आसानी से आ सकते हैं।

इस मंदिर में आकर आप श्री विष्णु भगवान जी और लक्ष्मी जी के दर्शन कर सकते हैं। यह मंदिर विष्णु भगवान जी और लक्ष्मी जी को समर्पित है। इस मंदिर की वस्तुकला बहुत सुंदर है। मंदिर की दीवारों पर सुंदर भित्ति चित्र बनाए गए हैं, जो बहुत आकर्षक लगते हैं। मंदिर के गर्भगृह में लक्ष्मी जी की और विष्णु भगवान जी की बहुत सुंदर प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। आप अगर ओरछा घूमने लिए आते हैं, तो आपको इस मंदिर में आकर लक्ष्मी और नारायण जी के दर्शन जरूर करने चाहिए।

 

शाही छतरियां ओरछा – Royal Chhatris Orchha

शाही छतरियां ओरछा घूमने का एक मुख्य पर्यटन आकर्षण (Orchha me Ghumne ki jagah) है। यह छतरियां बेतवा नदी के किनारे बनी हुई है। आप इन छतरियां में घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर आने के लिए सड़क मार्ग बना हुआ है। यहां पर आपको ढेर सारी छतरियां देखने के लिए मिलती है। यह सारी छतरियां बुंदेला शासको के हैं।

यहां पर आपको प्राचीन छतरियां देखने के लिए मिलती हैं। यह छतरियां मुख्य रूप से बुंदेला राजाओं की समाधि है। यहां पर आपको 14 छतरियां देखने के लिए मिल जाती हैं। इनमें से सबसे खूबसूरत छतरी वीर सिंह देव जी की है।

इन छतरियां से आपको बेतवा नदी का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिल जाता है। आप इन छतरियां की खूबसूरती को देख सकते हैं और यहां पर आकर आप बेतवा नदी में नहाने का और नौकायन का भी लुप्त उठा सकते हैं। इन छतरियां का निर्माण 17वीं शताब्दी में किया गया था। इन छतरियां की वास्तुकला बहुत ही अद्भुत है। यहां पर आपको सुंदर गार्डन भी देखने के लिए मिल जाता है।

 

ओरछा अभ्यारण – Orchha Sanctuary

ओरछा अभ्यारण ओरछा में घूमने का मुख्य आकर्षण स्थल (Orchha me Ghumne ki jagah) है। यह एक प्राकृतिक स्थान है और यहां पर आकर आपको मजा आएगा। ओरछा अभ्यारण बेतवा और जमानी नदी के बीच में एक टापू में स्थित है। यह ओरछा में घूमने वाली सबसे अच्छी जगह है । यहां पर अलग-अलग तरह की वनस्पतियां और जंगली जानवर देखने के लिए मिल जाते हैं।

यहां पर आपको जंगली जानवर देखने के लिए मिलते हैं जैसे हिरन, नीलगाय, बंदर, जंगली सूअर, भालू और भी जंगली जानवर आपको यहां पर देखने के लिए मिल जाएंगे। यहां पर पक्षियों की बहुत सारी प्रजातियां आप देख सकते हैं। इसके अलावा आप यहां पर बहुत सारी गतिविधियां भी कर सकते हैं। आप यहां पर रिवर राफ्टिंग, बोटिंग, कैंपिंग और जंगल कैंपिंग का मजा भी ले सकते हैं।

यहां पर पर्यटक जाकर अपना बहुत अच्छा समय व्यतीत कर सकता है। यहां पर आपको हरे-भरे जंगल और शांत वातावरण मिलता है। यहां पर बेतवा नदी की सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर पर्यटक जाकर शांति का अनुभव कर सकता है।

 

सावन भादों स्तंभों ओरछा – Sawan Bhadon Pillars Orchha

सावन भादो स्तंभ ओरछा का एक मुख्य आकर्षक स्थल (Orchha me Ghumne ki jagah) है। यह मुख्य ओरछा शहर में बने हुए हैं। यह स्तंभ बहुत सुंदर है। यहां पर आपको दो स्तंभ देखने के लिए मिलते हैं, जिन्हें सावन भादो के नाम से जाना जाता है। यह मुख्य रूप से प्राचीन समय में ओरछा के महाराजाओं के ग्रीष्मकालीन निवास स्थान हुआ करते थे।

यहां पर ओरछा के महाराज एवं राज परिवार के सदस्य लोग गर्मी के समय आकर रहा करते थे। यहां पर आकर उन्हें ठंडक मिलती थी। इन स्तंभों की संरचना इस प्रकार से की गई है, कि यहां पर ठंडी हवा नीचे आएगी एवं राज परिवार के लोगों को गर्मी का सामना नहीं करना पड़ेगा। आप इन स्तंभों को देख सकते हैं।

 

हरदौल मंदिर ओरछा – Hardaul Temple Orchha

हरदौल वाटिका और मंदिर ओरछा शहर का मुख्य धार्मिक और ऐतिहासिक स्थान है।  यह ओरछा शहर में घूमने लायक एक मुख्य जगह (Orchha me Ghumne ki jagah) है। यह मुख्य ओरछा शहर में स्थित है। आप यहां पर आसानी से आ सकते हैं।

यह राम राजा मंदिर के पास में बना हुआ है। यहां पर आपको एक सुंदर बगीचा देखने के लिए मिलता है, जो हरदौला वाटिका के नाम से जानी जाती है। यहां पर एक सुंदर बगीचा बना हुआ है। बगीचे के पास में मंदिर बना हुआ है। मंदिर के अंदर हरदौल जी की बहुत सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।

हरदौल जी बुंदेला के एक वीर नायक थे, जिन्हें लोग यहां पर पूजा जाता हैं। आप यहां पर जाकर उनके दर्शन कर सकते हैं। यहां पर आकर अच्छा लगता है और यहां का माहौल बहुत ही पॉजिटिव है।

 

चंदन कटोरा – Chandan Katora

चंदन कटोरा ओरछा में रामराजा मंदिर के पास में देखने की एक सुंदर वस्तु है। यहां पर आपको एक बहुत बड़ा कटोरा देखने के लिए मिलता है, जिसे चंदन कटोरा के नाम से जाना जाता है।

इस कटोरा को लेकर एक प्रसिद्ध कहानी है। आप यहां पर आकर वह कहानी जान सकते हैं। यह कटोरा देखने में बहुत आकर्षक लगता है। इस कटोरा के बाहर हिस्से में सुंदर नक्काशी की गई है, जो बहुत ही आकर्षक लगती है। यह कटोरा बहुत बड़ा है।

 

पालकी महल – Palki Mahal

पालकी महल ओरछा में घूमने का एक मुख्य स्थान (Orchha me Ghumne ki jagah) है। यह एक प्राचीन महल है। यह  महल हरदौल वाटिका के पास में बना हुआ है। यह महल पालकी के आकार का है। इसलिए इस महल को पालकी महल के नाम से जाना जाता है। आप यहां पर जाकर इस महल की वास्तुकला देख सकते हैं, जो बहुत सुंदर है।

 

चार द्वारी हनुमान जी मंदिर ओरछा – Char Dwari Hanuman Ji Temple Orchha

चारधारी हनुमान मंदिर ओरछा जिले का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर ओरछा जिले से करीब 6 किलोमीटर दूर है। इस मंदिर में आने के लिए सड़क मार्ग उपलब्ध है। यह  ओरछा का प्राचीन मंदिर है। यह हनुमान जी का सिद्ध मंदिर है।

इस मंदिर के बारे में बहुत सारी प्राचीन कहानियां प्रसिद्ध है। यहां पर मंदिर के मुख्य गर्भगृह में हनुमान जी की बहुत सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां चारों तरफ जंगल का दृश्य है। इस मंदिर में एक प्राचीन बावड़ी बनी हुई है, जो बहुत सुंदर है। आप यहां पर हनुमान जी के दर्शन करने के लिए आ सकते हैं। यहां पर आकर अच्छा लगता है।

 

अंजनी माता मंदिर ओरछा – Anjani Mata Temple Orchha

अंजनी माता मंदिर ओरछा के पास घूमने का एक मुख्य स्थान (Orchha me Ghumne ki jagah) है। यह ओरछा का एक धार्मिक स्थान है। यह मंदिर ओरछा में बेतवा नदी के किनारे बना हुआ है। इस मंदिर में आने के लिए आप सड़क मार्ग से आ सकते हैं और मंदिर में घूम सकते हैं। यह मंदिर चारों तरफ से जंगल से घिरा हुआ है और बहुत सुंदर है।

इस मंदिर में आकर भगवान हनुमान जी की माता मां अंजनी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर भगवान हनुमान जी के साथ मां अंजनी जी की बहुत सुंदर प्रतिमा विराजमान है, जो बहुत ही आकर्षक लगती है।

यह मंदिर ओरछा के सबसे पवित्र और प्राचीन मंदिरों में से एक है। यहां पर आप जाकर भगवान शिव के भी दर्शन कर सकते हैं। यहां पर बेतवा नदी और जंगल का बहुत सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर जाकर शांति का अनुभव होता है। यह जगह बहुत खूबसूरत है। यहां पर बेतवा नदी पर पुल बना हुआ हुआ है, जिससे ट्रेन गुजरती है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं और इस मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।

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बेतवा जामुनी संगम – Betwa Jamuni Sangam

बेतवा और जमनी नदी का संगम बहुत सुंदर स्थल है। यह ओरछा में घूमने लायक एक प्रमुख स्थान (Orchha me Ghumne ki jagah) है। आप यहां पर जाकर अपना अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं। यह जगह ओरछा अभ्यारण्य के अंदर स्थित है। यहां पर दो प्रमुख नदियों का संगम हुआ है।

यह संगम स्थल ज्यादा गहरा नहीं है। यहां पर जाकर आप नहाने का आनंद उठा सकते हैं। यहां पर आपको चारों तरफ प्रकृतिक दृश्य देखने के लिए मिलता है। प्राकृतिक प्रेमियों को यह जगह आकर्षित करती है। यहां पर आपको ढेर सारे जंगली जानवर भी देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर अर्जुन का पेड़ देखने के लिए मिलता है। यहां पर दो पेड़ एक दूसरे से जुड़े हुए हैं, जो एक अलग ही करिश्मा है। यहां पर आपको ढेर सारे वॉच टावर देखने के लिए मिलते हैं, जहां से आप चारों तरफ का दृश्य देख सकते हैं।

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श्री बेतेश्वर महादेव मंदिर ओरछा – Shri Beteshwar Mahadev Temple Orchha

श्री बेतेश्वर महादेव मंदिर ओरछा का प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर ओरछा में बेतवा नदी के किनारे बना हुआ है। यह मंदिर झांसी हाईवे मार्ग के बहुत करीब है। आप यहां पर आसानी से पहुंच सकते हैं और मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।

यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर बहुत ही सुंदर तरीके से बना हुआ है। मंदिर के अंदर भगवान शिव का शिवलिंग विराजमान है। यहां पर आकर आप बेतवा नदी का सुंदर दृश्य देख सकते हैं। यहां पर आकर अच्छा लगता है।

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ओरछा में घूमने का सबसे अच्छा समय – Best time to visit in Orchha

ओरछा में घूमने का सबसे अच्छा समय ठंड का रहता है। आप ठंड में आकर ओरछा में घूम सकते हैं। ओरछा में आप अक्टूबर से मार्च महीने के बीच में आ सकते हैं। अक्टूबर से मार्च का महीना बहुत ही अच्छा रहता है और इस समय आप आराम से सभी जगह घूम सकते हैं।

ओरछा में आप बरसात के समय भी आ सकते हैं। यहां आप गर्मी के समय नहीं आए, तो बेहतर होगा, क्योंकि गर्मी के समय यहां पर तापमान बहुत ज्यादा रहता है, जिससे घूमने में बहुत ज्यादा परेशानी होती है।

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ओरछा का इतिहास – History of Orchha 

ओरछा शहर का इतिहास बहुत ही गौरवशाली रहा है। ओरछा बेतवा नदी के किनारे स्थित एक सुंदर शहर है। ओरछा शहर की स्थापना 16वीं शताब्दी के आस-पास की गई थी। ओरछा शहर की स्थापना 16वीं शताब्दी में रुद्र प्रताप सिंह द्वारा की गई थी, जो बुंदेला राजवंश से संबंधित राजपूत शासक थे। प्राचीन समय में बुंदेला शासको के द्वारा ओरछा में बहुत सारे प्राचीन भवन और मंदिर बनाए गए हैं, जो आप वर्तमान समय में घूम सकते हैं।

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ओरछा कैसे पहुंचे – How to Reach Orchha

ओरछा मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। ओरछा में हर साल हजारों की तादाद में पर्यटक आते हैं और ओरछा के प्राचीन और ऐतिहासिक स्थलों में घूमने के लिए जाते हैं। ओरछा झांसी के बहुत करीब है। झांसी उत्तर प्रदेश का प्रमुख नगर है।

यदि आप यहां पर अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ ओरछा में घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो आप इस ब्लॉग को पढ़कर ओरछा के सभी स्थलों के बारे में जान सकते हैं।

हम यहां पर जानकारी देने वाले हैं, कि ओरछा आप कैसे जा सकते हैं। ओरछा जाने के लिए वायु मार्ग, रेल मार्ग और सड़क मार्ग की सुविधा उपलब्ध है। चलिए जानते हैं – ओरछा कैसे पहुंचे

वायु मार्ग से ओरछा कैसे जाएं – How to reach Orchha by air

ओरछा का निकटतम हवाई अड्डा ग्वालियर में बना हुआ है। ग्वालियर ओरछा से करीब 120 किलोमीटर दूर है। ओरछा में आप वायु मार्ग से आना चाहते हैं, तो आप ग्वालियर आ सकते हैं और उसके बाद सड़क मार्ग द्वारा ओरछा पहुंच सकते हैं। ओरछा में आने के लिए बस की सुविधा उपलब्ध है। आप आराम से बस के द्वारा ओरछा पहुंच सकते हैं।

ओरछा में रेल मार्ग द्वारा कैसे पहुंचे – How to reach Orchha by train

रेल मार्ग द्वारा पहुंचना आसान है। ओरछा का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन झांसी में स्थित है। झांसी ओरछा से 18 किलोमीटर दूर है। आप झांसी आ सकते हैं। झांसी में प्रमुख शहरों से डायरेक्ट ट्रेन से आने की सुविधा उपलब्ध है। झांसी आकर आप बस के द्वारा ओरछा आ सकते हैं।

ओरछा में सड़क मार्ग द्वारा कैसे पहुंचे हैं – How to reach Orchha by road

ओरछा में हाईवे रोड गुजरती है, जिसके द्वारा यहां पर आसानी से आ सकते है। ओरछा में झांसी टीकमगढ़ हाईवे मार्ग गुजरता है, जिसके द्वारा आप यहां पर अपने वाहन से या बस से आराम से पहुंच सकते हैं। ओरछा मुख्य शहर जैसे झांसी, दतिया, टीकमगढ़ से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यहां पर आने के लिए के लिए बस की सुविधा मिल जाती है। यहां पर प्राइवेट और सरकारी बसें चलती हैं।

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