नासिक के प्रमुख दर्शनीय स्थल – Famous 29 Nashik me Ghumne ki Jagah

Nashik me Ghumne ki Jagah :- नासिक महाराष्ट्र का एक प्रमुख जिला है। इस लेख में हम आपको नासिक में घूमने की जगह, नासिक कैसे पहुंचे, नासिक के प्रमुख धार्मिक स्थल और नासिक के प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जानकारी देंगे।

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नासिक जिले के बारे में जानकारी – Information about Nashik district

नासिक महाराष्ट्र राज्य का एक जिला है। नासिक महाराष्ट्र के उत्तर पश्चिम में स्थित है। नासिक महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से करीब 150 किलोमीटर और पुणे से करीब 205 किलोमीटर दूर है। नासिक सहायद्रि पर्वत श्रंखला में बसा हुआ एक सुंदर शहर है। नासिक में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग विराजमान है। नासिक में गोदावरी नदी का उद्गम हुआ है। गोदावरी नदी को दक्षिण की गंगा के नाम से जाना जाता है। गोदावरी नदी का उद्गम ब्रम्हगिरी पर्वत से हुआ है।

गोदावरी नदी नासिक की प्रमुख नदी है। गोदावरी नदी नासिक शहर के बीचो-बीच से बहती है। गोदावरी नदी के किनारे ढेर सारे धार्मिक स्थान देखने के लिए मिलते हैं। गोदावरी नदी में ही त्रिवेणी संगम होता है।

गोदावरी नदी के किनारे महाकुंभ मेले का आयोजन किया जाता है। यहां पर 12 साल में एक बार महा कुंभ लगता है। यहां पर राम भगवान जी ने अपने वनवास काल के दौरान अपना समय, यहां पर बिताया था।

नासिक में बहुत सारे इंडस्ट्री है। यहां पर करंसी नोट प्रेस है, जहां पर मुद्रा प्रिंटिंग किया जाता है। यहां पर वाइन बनाने की बड़ी बड़ी फैक्ट्री है। यहां पर अंगूर की खेती की जाती है। सबसे ज्यादा अंगूर यहीं पर उगाया जाता है।

नासिक में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है, जहां पर जाकर आप अपना अच्छा समय बिता सकते हैं। नासिक में घूमने के लिए ऐतिहासिक, प्राकृतिक और धार्मिक जगह हैं, जो बहुत सुंदर हैं। आप नासिक की इन सभी जगह में अपनी फैमिली और दोस्तों के साथ जा सकते हैं और अच्छा समय बिता सकते हैं।

इस लेख में हम आपको नासिक जिले के सभी पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी देने वाले हैं। अगर आप नासिक में जाने का प्लान बना रहे हैं, तो यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी होगा।

इस ब्लॉग में हमने नासिक में घूमने की प्रमुख जगह, नासिक में कैसे जाएं, नासिक में कहां ठहरे, नासिक में घूमने का सबसे अच्छा मौसम इन सभी की जानकारी दी है। आप इस ब्लॉग को पूरा पढ़े। आपको पूरी जानकारी मिलेगी।

 

नासिक में घूमने की जगह – Nashik me Ghumne ki Jagah

नासिक जिले के प्रमुख पर्यटन और दर्शनीय स्थलों की सूची – Nashik Tourist Places list in Hindi

  1. त्रयंबकेश्वर मंदिर नासिक
  2. ब्रह्मगिरि पहाड़ी नासिक
  3. हरिहर किल्ला नासिक
  4. मुकने बांध नासिक
  5. अंजनेरी हिल्स नासिक
  6. पांडवलेनी गुफाएं नासिक
  7. पंडित जवाहरलाल नेहरू वन उद्यान नासिक
  8. दादासाहब फालके स्मारक नासिक
  9. मुक्तिधाम मंदिर नासिक
  10. सुला वाइन यार्ड नासिक
  11. सप्तश्रुंगी मंदिर नासिक
  12. मोहनदरी किला नासिक
  13. अशोका झरना नासिक
  14. श्री सोमेश्वर महादेव मंदिर
  15. सिक्का संग्रहालय नासिक
  16. गंगापुर बांध नासिक
  17. कालाराम मंदिर नासिक
  18. राम कुंड नासिक
  19. श्री कपालेश्वर महादेव मंदिर नासिक
  20. त्रिवेणी संगम नासिक
  21. सुंदर नारायण मंदिर
  22. सीता गुफा नाशिक
  23. वेद मंदिर नासिक
  24. तपोवन पहाड़ी नासिक
  25. राधा मदन गोपाल मंदिर नासिक
  26. नासिक बर्ड उद्यान
  27. कलसूबाई ट्रेक नासिक
  28. आर्टिलरी म्यूजियम नासिक
  29. नासिक फ्लावर पार्क

 

नासिक जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल – Nashik me Ghumne ki Jagah

 

त्रयंबकेश्वर मंदिर नासिक – Trimbakeshwar Temple Nashik

त्रयंबकेश्वर मंदिर नासिक का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर पूरे भारत देश में प्रसिद्ध है। यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर नासिक में, नासिक रेलवे स्टेशन से करीब 30 किलोमीटर दूर त्रिंबक नाम की जगह में, गोदावरी नदी के किनारे बना हुआ है। यह मंदिर काले पत्थर से बना हुआ है। इस मंदिर का पुनर्निर्माण मराठा शासक पेशवा बालाजी के द्वारा किया गया था।

इस मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग विराजमान हैं। यह मंदिर बहुत ही सुंदर तरीके से बना हुआ है। मंदिर की बाहरी दीवारों में नक्काशी की गई है, जो देखने लायक है। मंदिर के गर्भ गृह में जो शिवलिंग विराजमान है। उसकी एक अपनी विशेषता है। इस शिवलिंग में एक छोटा सा गड्ढा बना है। जिसमें तीन पिंडी देखने के लिए मिलती है, इनको ब्रह्मा विष्णु और महेश का प्रतीक माना गया है।

यह पिंडी बहुत छोटी छोटी है और एक दूसरे से सटी हुई है। आप भारत के अन्य ज्योतिर्लिंग देखे होंगे। वहां पर आपको केवल शिव भगवान के ही दर्शन करने मिले होंगे। मगर यहां पर आपको ब्रह्मा विष्णु और महेश के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास ही में ब्रम्हगिरी पर्वत स्थित है। जहां पर आप जाकर पर्वत पर ट्रैकिंग कर सकते हैं। यहां पर गोदावरी नदी का उद्गम हुआ है।

पौराणिक कथा के अनुसार यहां पर प्राचीन काल में गौतम ऋषि ने तपस्या की थी। यहां पर गौतम ऋषि ने गौ हत्या के पाप से मुक्ति पाने के लिए कठोर तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने गौतम ऋषि को दर्शन दिए। गौतम ऋषि ने गंगा को यहां अवतरित करने का वरदान मांगा। उसके बाद भगवान शिव ने दक्षिण की गंगा अर्थात गोदावरी नदी का उद्गम होना का वरदान दिया। गौतम ऋषि ने निवेदन पर भगवान शिव यह मंदिर में विराजमान होना स्वीकार किया।

इस मंदिर में सावन सोमवार, संडे, सोमवार के दिन बहुत ज्यादा भीड़ लगती है। बहुत सारे भक्त भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां भक्त लाइन में लगकर भगवान शिव के दर्शन करने का इंतजार करते हैं। यहां पर वीआईपी पास भी ले सकते है। अगर आपके पास समय की कमी है। तो आप भगवान शिव के जल्दी दर्शन कर सकते हैं।

मंदिर के आस पास बहुत सारी दुकानें हैं। मंदिर के आस पास बहुत सारे भोजनालय भी है, जहां खाने पीने का सामान मिलता है। यहां पर नंदी भगवान जी की जो प्रतिमा है। वह सफेद पत्थर से बनी हुई है, जो बहुत ही सुंदर लगती है। यहां पर पार्किंग स्पेस भी बना हुआ है। यहां पर बहुत सारे होटल और होम स्टे मिल जाते हैं।

 

ब्रह्मगिरि पहाड़ी नासिक – Brahmagiri Hills Nashik

ब्रम्हगिरी पहाड़ी नासिक में त्रंबकेश्वर मंदिर से करीब 1 किलोमीटर दूर है। ब्रह्मगिरि पहाड़ी पर बहुत सारे धार्मिक स्थल बने हुए हैं। इस पहाड़ी में गोदावरी नदी का उद्गम हुआ है। इस पहाड़ी की समुद्र तल से हाइट 1300 मीटर है। इस पहाड़ी के शिखर तक पहुंचने के लिए करीब 1500 सीढ़ियां है।

इस पहाड़ी में आ कर बहुत अच्छा लगता है। यहां पर बहुत सारे बंदर भी हैं, जो बहुत परेशान करते हैं। यहां पर आप बरसात के समय आएंगे, तो आपको यहां पर झरना भी देखने के लिए मिलेगा, जो बहुत ही सुंदर रहता है। यह झरना ब्रह्मगिरि पहाड़ी के ऊपर से बहता है।

ब्रम्हगिरी पहाड़ी जाने के मार्ग पर बहुत सारी दुकानें भी मिलती है, जहां पर खाने पीने का सामान ले सकते हैं। ब्रह्मगिरि पहाड़ी में गंगा सागर तालाब, श्री ब्रह्मा सावित्री मंदिर, श्री दुर्गा माता मंदिर, श्री मुक्त देव, श्री जटाशंकर मंदिर, श्री हनुमान मंदिर, गौतम ऋषि गोमुख मंदिर, चक्रधर स्वामी मंदिर, रामतीर्थ यह सभी जगह देखने के लिए मिल जाती है।

 

हरिहर किल्ला नासिक – Harihar Fort Nashik

हरिहर किल्ला नासिक का एक मुख्य ऐतिहासिक स्थल है। हरिहर किला नासिक से करीब 40 किलोमीटर दूर है। यह किला हरशेवाडी गांव के पास बना हुआ है। यह किला पहाड़ी के ऊपर बना हुआ है। यहां पर जाने के लिए ट्रैकिंग करनी पड़ती है। इस किले में पहुंचने के लिए, जो ट्रैकिंग का जो रूट है। वह बहुत ही यूनिक है। इस तरह का रोड आपने कहीं भी नहीं देखा होगा। यहां पर आपकी एक गलती बहुत भारी पड़ सकती है, जो आपको सीधे नीचे लेकर जा सकती है।

यहां पर एक बड़ी सी चट्टान है, जिसको काटकर ट्रैकिंग का रास्ता बनाया गया है। अगर इसमें आप से जरा सी भी चूक हुई। तो आप डायरेक्ट नीचे जा सकते हैं। यहां पर ट्रैकिंग करने में बहुत ज्यादा रोमांचक लगता है। यहां से 360 डिग्री पहाड़ी का व्यू देखा जा सकता है। हरिहर किले के ऊपर पहुंचने पर, आपको चारों तरफ का बहुत ही जबरदस्त दृश्य देखने के लिए मिलेगा।

आप यहां बरसात के समय आएंगे, तो बरसात में, यह जगह जन्नत से कम नहीं रहती है। पहाड़ी के ऊपर हनुमान जी और शिव जी का मंदिर बना हुआ है। यहां पर बहुत सारे जलाशय बने हुए हैं। यहां पर गुफा देखने के लिए मिलती है। यहां पर किले के अवशेष देखे जा सकते हैं।

 

मुकने बांध नासिक – Mukne dam Nashik

मुकने बांध नासिक में इगतपुरी में बना हुआ है। यह बांध बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। यह बांध बहुत सुंदर है। यहां पर आप आकर सूर्यास्त का दृश्य देख सकते हैं, जो बहुत अच्छा रहता है। यह बांध ओवरफ्लो होकर बहता है। तब बहुत सुंदर लगता है। इस बांध का पानी नासिक में पीने के पानी के लिए सप्लाई किया जाता है।

 

अंजनेरी हिल्स नासिक – Anjaneri Hills Nashik

अंजनेरी नासिक से 20 किलोमीटर दूर त्रयंबक रोड पर बना हुआ है। यह त्रयंबकेश्वर जाने वाली सड़क पर स्थित है। अंजनेरी में बहुत सारे स्थल है। यहां पर जैन मंदिर, हनुमान जी का मंदिर, हनुमान जी के फुटप्रिंट वाली झील, अंजनेरी किला देखने मिलेगा।

यह जगह ट्रैकिंग करने वालों के लिए एक बहुत ही अच्छी जगह है। यहां पर मानसून के समय आप आकर ट्रैकिंग कर सकते हैं।  यहां आपको बहुत सारे प्राचीन मंदिरों के अवशेष भी देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर बहुत सारे जैन मंदिर के अवशेष देखे जा सकते हैं।

 

पांडवलेनी गुफाएं नासिक – Pandavleni Caves Nashik

पांडवलेनी गुफाएँ नासिक में स्थित एक ऐतिहासिक स्थल है। यह गुफाएं नाशिक शहर से करीब 8 किलोमीटर दूर बनी हुई है। यह गुफाएं सहयाद्री पर्वत माला की एक श्रंखला त्रिरशमी पर्वत पर बने हुए हैं। यहां पर 24 बौद्ध गुफाएं बनी हुई है। यह गुफाएं त्रिरशमी पर्वत उत्तरी छोर पर जमीन से 70 मीटर ऊंचाई पर बनी हुई है। यह गुफाएं दूसरी शताब्दी ईस्वी की है।

इन गुफाओं को पांडव गुफा या पांडू लेनी समूह के नाम से जाना जाता है। इन गुफाओं में, कुछ गुफाएं बहुत सुंदर हैं और इनमें आपको बहुत सारा अलंकरण देखने के लिए मिलता है। इन गुफाओं को अलग-अलग आकार, रचना, उत्कृष्ट अलंकरण के अनुरूप बनाया गया है। यहां पर आपको आकर घूमना चाहिए।

पांडव गुफाओं तक पहुंचने के लिए करीब 200 सीढ़ियां हैं। यहां से नाशिक शहर का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिल जाता है। इन गुफाओं में प्रवेश के लिए शुल्क लगता है। यह गुफाएं बड़ी सी चट्टानों को काटकर बनाई गई है। इन गुफाओं में बहुत बौद्ध भिक्षु तपस्या किया करते थे। यहां पर पानी के टैंक देखने के लिए मिलेंगे। गुफा में बुद्ध भगवान जी की बहुत सारी प्रतिमा बनाई है। भगवान बुद्ध विभिन्न मुद्राओं में विराजमान है।

 

पंडित जवाहरलाल नेहरू वन उद्यान नासिक – Pandit Jawaharlal Nehru Forest Park Nashik

पंडित जवाहरलाल नेहरू वन उद्यान नासिक में पांडवलेनी गुफाओं के पास में स्थित है। इस उद्यान में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। यहां पर प्रवेश के लिए 30 रूपए लिया जाता है। यहां पर लेजर शो भी आयोजित होता है। यहां पार्क सुबह 10:00 बजे से शाम के 5:30 बजे तक घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर आपको बहुत सारे अलग-अलग वैरायटी के पेड़ पौधे देखने के लिए मिल जाएंगे।

इस पार्क में बटरफ्लाई गार्डन भी बना हुआ है। यहां पर आप इवनिंग में आएंगे, तो आपको और अच्छा लगेगा। यहां पर चारों तरफ हरियाली है। यहां पर बहुत सारे झूले भी लगे हुए हैं। यहां पर आपको विभिन्न तरह की बर्ड्स देखने के लिए मिल जाएगी।

 

दादासाहब फालके स्मारक नासिक – Dadasaheb Phalke Memorial Nashik

दादासाहेब फालके स्मारक नासिक का एक प्रमुख स्मारक है। यह स्मारक नासिक में मुंबई नासिक हाईवे सड़क पर पांडवलेनी गुफाओं के नीचे बना हुआ है। दादा साहब फाल्के एक फिल्म निर्माता थे, जिन्होंने अपने जीवन काल में बहुत सारी ब्लॉकबस्टर फिल्में दी हैं। इन्हें बहुत सारे अवॉर्ड भी मिले हैं।

यहां पर कॉन्फ्रेंस हॉल, मेडिटेशन ऑल और एग्जीबिशन देख सकते हैं, जहां पर दादा साहब फाल्के जी की बहुत सारी फोटो को प्रदर्शित किया गया है। यहां पर दादा साहब फाल्के के बारे में बहुत सारी जानकारी दी गई है। यहां पर गार्डन भी बना हुआ है, जहां पर म्यूजिकल फाउंटेन लगा हुआ है। यहां पर गार्डन में जाकर आप बैठ सकते हैं।

दादा साहब फाल्के स्मारक के पास ही में बुद्ध विहार देखने के लिए मिलता है, जो बहुत सुंदर है और इसका आकार गोलाकार है। इसके अंदर बुद्ध भगवान जी की गोल्डन कलर की मूर्ति विराजमान है, जो बहुत ही आकर्षक लगती है।

 

मुक्तिधाम मंदिर नासिक – Muktidham Temple Nashik

मुक्तिधाम मंदिर नासिक शहर से 9 किलोमीटर दूर स्थित है। यह मंदिर पूरा मार्बल से बना हुआ है। इस मंदिर का निर्माण स्वर्गीय श्री जयराम भाई ने 1971 में करवाया था। इस मंदिर में 12 ज्योतिर्लिंगों के प्रतिरूप देखने के लिए मिलेगा, जो बहुत सुंदर लगता है। यहां पर बहुत सारे भगवान के दर्शन किए जा सकते हैं।

यहां पर श्री कृष्णा, लक्ष्मी जी, राम जी, लक्ष्मण जी, सीता जी, हनुमान जी, दुर्गा जी, गणेश जी के दर्शन करने के लिए मिल जाएंगे। यहां पर धर्मशाला भी बनी हुई है। मंदिर के बाहर गार्डन बना हुआ है। इस मंदिर की दीवारों में भगवत गीता के श्लोक लिखे गए हैं।

 

सुला वाइन यार्ड नासिक – Sula Wine Yard Nashik

सुला वाइन यार्ड नासिक का एक प्रमुख स्थान है। नासिक के मुख्य तौर पर अंगूर की खेती के लिए जाना जाता है। यहां पर अंगूरों से वाइन बनाई जाती है। सुला वाइन यार्ड नासिक शहर से 14 किलोमीटर दूर है। यह गोवर्धन गांव है। यह गांव बहुत सुंदर है। गांव के चारों तरफ पहाड़ और डैम बना हुआ है।

यहां पर बहुत सारे वाइन यार्ड है। यहां सुला वाइन यार्ड फेमस है। यहां पर आप आकर घूम सकते हैं। यहां पर रेस्टोरेंट है, जहां पर खाने के बहुत सारे आइटम मिलते हैं। यहां पर वाइन की प्रोसेसिंग देख सकते हैं और वाइन पी सकते हैं। यहां पर एंट्री का चार्ज लिया जाता है।

 

सप्तश्रुंगी मंदिर नासिक – Saptashrungi Temple Nashik

सप्तश्रृंगी मंदिर नासिक से करीब 60 किलोमीटर दूर है। यह मंदिर कलवान तालुका में नंदूरी गांव में बना हुआ है। माँ का मंदिर ऊंचे पहाड़ पर मां सप्तश्रृंगी की मंदिर बना हुआ है। मंदिर तक जाने के लिए सीढ़ियां और रोपवे की सुविधा उपलब्ध है। यहां मंदिर में माता की बहुत सुंदर प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। माता की प्रतिमा माँ का मुख हल्का झुका हुआ है। यहां पर आसपास पूरा पहाड़ देखने के लिए मिलता है।

मानसून के समय यहां पर बहुत अच्छा लगता है। सप्तश्रृंगी माता मंदिर के पास में शंकर भगवान जी का भी प्राचीन मंदिर बना हुआ है। यह  मंदिर काले पत्थर का बना हुआ है। मंदिर के अंदर शिवलिंग देखने के लिए मिलते हैं और यहां पर शिव भगवान जी की मूर्ति के दर्शन में करने के लिए मिलते हैं।

मंदिर के आस पास बहुत सारी दुकान है, जहां पर खाने पीने का सामान मिल जाता है। यहां पर माता को अर्पित करने के लिए प्रसाद मिलता है। नवरात्रि में यहां पर बहुत सारे लोग माता के दर्शन करने के लिए आते हैं।

 

मोहनदरी किला नासिक – Mohandari Fort Nashik

मोहनदरी किला नासिक से 60 किलोमीटर दूर बना हुआ है। यह किला कलवान तालुका में मोहनदरी गांव में बना हुआ है। इस किले के पास पहाड़ी में प्राकृतिक रूप से बना हुआ एक सुई का होल देखने के लिए मिलेगा, जो बहुत ही सुंदर लगता है और इस चीज को देखने का देखने के लिए बहुत सारे लोग यहां पर आते हैं। यहां पर घूमने का सबसे अच्छा समय बरसात का रहता है।

यहां पर और भी बहुत सारे किले है, जहां पर ट्रैकिंग की जा सकती है। यहां पर अचला, अहिवंत किला, बना हुआ है। यहां पर प्राकृतिक दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां ट्रैकिंग करके बहुत मजा आता है। आप अपने साथ यहां पर पानी और खाने का कुछ जरूर लाएं, क्योंकि यहां आस-पास सुविधा नहीं है। आपको यहां पर आकर आनंद आएगा।

 

अशोका झरना नासिक – Ashoka Falls Nashik

अशोका झरना नासिक जिले से करीब 40 किलोमीटर दूर, मुंबई नासिक हाईवे सड़क पर बना हुआ है। यह झरना विहीगांव में बना हुआ है। इसे विहीगांव झरने के नाम से भी जाना जाता है। यह झरना सभी उम्र के लोगों के लिए बहुत अच्छा जगह है। यहां पर पहुंचना बहुत आसान है, क्योंकि यहां हाईवे सड़क झरने के पास से ही गुजरता है। यह झरना बहुत सुंदर है। झरने में पानी दो स्टेप में नीचे गिरता है और बहुत सुंदर लगता है। यहां पर झरने के नीचे जाने के लिए सीढ़ियां भी बनी हुई है, जिससे आप झरने के नीचे पहुंचकर नहाने का मजा लेते हैं।

यहां पर आप अपने साथ एक्स्ट्रा कपडे लेकर आए। यहां एंट्री शुल्क लिया जाता है। यहां पार्किंग का अलग चार्ज लगता है। झरने के चारों तरफ प्राकृतिक सुंदरता देखी जा सकती है। झरने के पास में ठहरने के लिए रिसोर्ट भी बना हुआ है, जहां पर आप रुक सकते हैं। यहां पर अब बरसात के समय घूमने आ सकते हैं और इस झरने का आनंद उठा सकते हैं। यह झरना इगतपुरी से 13 किलोमीटर दूर है। बरसात में यहां पर बहुत ज्यादा भीड़ रहती है।

 

श्री सोमेश्वर महादेव मंदिर – Shri Someshwar Mahadev Temple

यह मंदिर नासिक से 7 किलोमीटर दूर गंगापुर रोड में बना हुआ है। यह  मंदिर प्राचीन है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर गोदावरी नदी के तट पर बना हुआ है। यहां पर मंदिर के गर्भ गृह में शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। यहां पर गोदावरी नदी का दृश्य बहुत ही सुंदर है। यह जगह प्राकृतिक सुंदरता से घिरी हुई है।

यहां पर आप गोदावरी नदी में बोटिंग में कर सकते हैं। यहां पर मंदिर से थोड़ी ही दूरी पर गोदावरी नदी पर वाटरफॉल भी बना हुआ है, जिसे सोमेश्वर जलप्रपात के नाम से जाना जाता है। यहां पर बच्चों के लिए छोटा सा पार्क बना हुआ है, जहां पर झूले एवं टॉय ट्रेन है, जो बच्चे काफी इंजॉय करते हैं। यहां पर आकर शांति मिलेगी।

 

सिक्का संग्रहालय नासिक – Coin Museum Nashik

सिक्का संग्रहालय को कॉइन म्यूजियम के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर कॉइन की डिटेल हिस्ट्री और उनका प्रदर्शन किया गया है। यहां पर आपको कॉइन मेकिंग की प्रोसेस देखने के लिए मिलेगी। यहां पर और भी बहुत सारी वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है। यहां पर प्राचीन हथियार, सिंधु घाटी सभ्यता, वाद्य यंत्र, मूर्तियां, शिलालेख, जनजातीय कला एवं शिल्प परंपरा, पाषाण युग के औजार यह सभी वस्तुएं देखने के लिए मिल जाएगी। यह संग्रहालय त्रयंबकेश्वर मंदिर जाने वाली मुख्य सड़क पर बना हुआ है। यहां पर आप आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां पर प्रवेश लिए शुल्क लिया जाता है।

 

गंगापुर बांध नासिक – Gangapur Dam Nashik

गंगापुर बांध नासिक में बना हुआ सुंदर बांध है। यह बांध गोदावरी नदी पर बना हुआ है। यह बांध त्रंबकेश्वर मंदिर जाने वाली रोड में स्थित है। यहां पर बांध में बोटिंग की सुविधा उपलब्ध है। यहां महाराष्ट्र टूरिज्म डिपार्टमेंट की तरफ से बोट क्लब बनाया गया है, जहां पर आप जाकर बोटिंग कर सकते हैं। यहां पर एक रिसोर्ट बना हुआ है, जहां पर आप चाहे तो ठहर सकते हैं। यहां पर बरसात में बहुत अच्छा लगता है।

 

कालाराम मंदिर नासिक – Kalaram Temple Nashik

कलाराम मंदिर नासिक का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर नासिक में पंचवटी एरिया में बना हुआ है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। यह मंदिर पूरा काले पत्थर से बना हुआ है। मंदिर का डिजाइन बहुत ही आकर्षक है। मंदिर का शिखर देखने लायक है और मंदिर का गुंबद बहुत बड़ा है।

मंदिर के अंदर भगवान श्री राम जी की काले पत्थर की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। इसलिए इस मंदिर को काला राम मंदिर के नाम से जाना जाता है। यहां पर देवी सीता, श्री लक्ष्मण जी, की काले रंग की प्रतिमा विराजमान है। यहां पर श्री हनुमान जी और गणपति जी की भी प्रतिमा देखने के लिए मिलती है, जो काले पत्थर से बनी हुई है।

यहां मंदिर के परिसर में एक प्राचीन वृक्ष देखे जा सकते हैं, जिसके पास श्री दत्तात्रेय गुरु के चरण बने हुए हैं। यह मंदिर बहुत अच्छे से डिजाइन किया गया है। आप नाशिक घूमने के लिए आते हैं, तो इस मंदिर में भी आकर आपको बहुत अच्छा लगेगा। यह मंदिर सेंट्रल बस स्टैंड से 3 किलोमीटर दूर है।

 

राम कुंड नासिक – Ram Kund Nashik

राम कुंड नासिक का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यहां पर प्राचीन समय में श्री राम जी प्रतिदिन स्नान किया करते थे। इसलिए इस कुंड को रामकुंड के नाम से जाना जाता है। यह गोदावरी नदी पर ही बना हुआ है। यहां पर सीता जी के स्नान के लिए कुंड बनाया गया है। यहां पर आप सुबह मॉर्निंग के समय और शाम के समय आ सकते हैं। यहां पर बहुत अच्छा लगता है।

रामकुंड के पास बहुत सारे प्रसिद्ध मंदिर है। यहां पर कपालेश्वर महादेव मंदिर, कालाराम मंदिर, श्री गोराराम मंदिर, सुंदरा नारायण मंदिर, सीता गुफा यह सभी मंदिर देखने के लिए मिल जाते हैं। रामकुंड नासिक बस स्टैंड से करीब 4 किलोमीटर दूर है। आप यहां आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां पर कुंभ के समय लाखों तीर्थयात्री आते हैं और यहां पर डुबकी लगाते हैं। इस जगह को अस्थि विलय तीर्थ के नाम से जाना जाता है। इस कुंड को चिंताराव खटाव के द्वारा 1659 में बनाया गया था।

 

श्री कपालेश्वर महादेव मंदिर नासिक – Shri Kapaleeshwar Mahadev Temple Nashik

श्री कपालेश्वर महादेव मंदिर नासिक का प्रमुख मंदिर है। यह मंदिर नासिक में पंचवटी में गोदावरी नदी के पास बना हुआ है। यह मंदिर बहुत सुंदर है और प्राचीन है। इस मंदिर के गर्भ गृह में शिवलिंग के दर्शन किए जा सकते हैं। गर्भ ग्रह का, जो प्रवेश द्वार है। वह चांदी से सजाया गया है।

गर्भ ग्रह में गणेश जी, की दुर्गा जी, की चांदी की मूर्तियां देखने के लिए मिलती है। यह नासिक का एक अनोखा मंदिर है, क्योंकि यहां पर महादेव के साथ नंदी भगवान जी विराजमान नहीं है। यह मंदिर बहुत सुंदर है और यहां पर आप आकर भगवान शिव के दर्शन कर सकते हैं।

 

त्रिवेणी संगम नासिक – Triveni Sangam Nashik

त्रिवेणी संगम नासिक का एक पवित्र स्थान है। यहां पर गोदावरी, वरुणा और थारूनी नदियों का संगम हुआ है। इसलिए इसे त्रिवेणी संगम के नाम से जाना जाता है। यह जगह बहुत ही सुंदर है। यहां पर बहुत सारे लोग आकर स्नान करते हैं। महाकुंभ में यहां पर बहुत भीड़ रहती है। यहां पर प्राचीन काल में राम जी ने भी स्नान किया था। यहां पर ऋषि वाल्मीकि, महाकवि कालिदास, चैतन्य महाप्रभु जैसे बहुत सारे संत आकर स्नान किए हैं। यह जगह बहुत सुंदर है।

त्रिवेणी संगम के आस पास बहुत सारे मंदिर बने हुए हैं और यहां पर त्रिवेणी घाट और रामकुंड भी देखने के लिए मिलेगा। यह सभी जगह कनेक्टेड है। रामकुंड के पास में ही पंचवटी घाट बना हुआ है। यहां राम मंदिर बना हुआ है। नीलकंठेश्वर मंदिर बना हुआ है। यहां पर गोदावरी नदी का बहुत सुंदर दृश्य भी देखा जा सकता है।

 

सुंदर नारायण मंदिर – Sunder Narayan Temple

सुंदर नारायण मंदिर नासिक में त्रिवेणी संगम के पास स्थित एक प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर अहिल्याबाई होलकर ब्रिज के पास पंचवटी एरिया में बना हुआ है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। यहां पर भगवान विष्णु की बहुत सुंदर पेंटिंग देखी जा सकती है। मंदिर की दीवारों में बहुत ही बारीक नक्काशी की गई है, जो देखने लायक है। मंदिर के गर्भ गृह में नारायण भगवान जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। इस मंदिर का निर्माण गंगाधर यशवंत चंद्रचूड़ जी ने 1756 में करवाया था।

इस मंदिर का मुख्य द्वार ईस्ट फेसिंग है। इस मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु, लक्ष्मी माता और सरस्वती जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। दीवार में छोटी-छोटी आले बने हुए हैं, जिसमें हनुमान जी, गणेश जी  दर्शन किए जा सकते हैं।

 

सीता गुफा नासिक – Sita Cave Nashik

सीता गुफा नासिक में पंचवटी में स्थित है। यह गुफा प्राचीन है। गुफा का द्वार सकरा है। मगर अंदर जाकर गुफा चौड़ी है। गुफा के अंदर माता सीता, श्री राम जी और लक्ष्मण जी की प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। इस गुफा के बारे में कहा जाता है, कि वनवास काल के दौरान सीता जी इस गुफा में ही रहा करती थी। गुफा के अंदर भगवान शिव का मंदिर भी बना हुआ है। गुफा के पास में एक प्राचीन बरगद का वृक्ष देखने के लिए मिलता है।

 

वेद मंदिर नासिक – Veda Mandir Nashik

वेद मंदिर नासिक में एक प्रमुख मंदिर है। यह मंदिर त्रयंबकेश्वर रोड में बना हुआ है। यह मंदिर हमारे हिंदू ग्रंथों के वेदों को समर्पित है। यह मंदिर पूरा मार्बल से बना हुआ है और बहुत सुंदर लगता है। मंदिर के अंदर जाकर आप वेद के दर्शन कर सकते हैं। यहां पर श्री राम जी, माता सीता जी और लक्ष्मण जी के भी दर्शन करने के लिए मिल जाते हैं।

 

तपोवन पहाड़ी नासिक – Tapovan Hills Nashik

तपोवन पहाड़ी नासिक का एक प्रमुख स्थल है। तपोवन पहाड़ी के बारे में कहा जाता है, कि यहीं पर लक्ष्मण जी ने सूर्पनखा का जी की नाक काटा था। यहां पर सूर्पनखा का मंदिर भी बना हुआ है। तपोवन पहाड़ी पर प्राचीन गुफा देखने के लिए मिलती है। यहां पर  भगवान श्री राम, माता सीता जी और लक्ष्मण जी की मूर्ति देखने के लिए मिल जाती है।

तपोवन पहाड़ी के पास कपिला और गोदावरी नदी का संगम हुआ है। इस संगम स्थल को कपिला गोदावरी संगम स्थल के नाम से जाना जाता है है। यह संगम स्थल बहुत सुंदर है। यहां पर बड़ी-बड़ी चट्टानें है, जिनके बीच से पानी बहता है और बहुत ही सुंदर लगता है। कुंभ मेले के समय यहां पर बहुत सारे लोग घूमने के लिए आते हैं। यहां पर श्री लक्ष्मण जी का मंदिर बना हुआ है, जहां पर लक्ष्मण जी ने सूर्पनखा की नाक काटी थी। यहां पर उद्यान भी बनाया गया है। यह जगह बहुत ही आकर्षक है।

 

राधा मदन गोपाल मंदिर नासिक – Radha Madan Gopal Temple Nashik

राधा मदन गोपाल मंदिर को इस्कॉन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर में श्री राधे कृष्ण जी की बहुत ही आकर्षक प्रतिमा देखी जा सकती है। यहां पर प्रसाद भी मिलता है। यहां पर आ कर बहुत अच्छा लगता है और शांति मिलती है। इस जगह को बहुत अच्छी तरह से सजाया गया है। यह मंदिर मुख्य शहर में ही स्थित है। यहां पर हमेशा भजन चलते रहते हैं। यहां पर गौशाला भी बनी हुई है, जहां पर गायों की सेवा की जाती है।

 

नासिक बर्ड उद्यान – Nashik Bird Garden

नासिक बर्ड उद्यान नासिक सिटी का एक मुख्य स्थान है। यह उद्यान सप्तश्रृंगी मंदिर जाने वाली सड़क पर बना हुआ है। इस उद्यान में आपको बहुत सारी बर्ड्स देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर खरगोश भी रखे गए हैं। यहां पर आप बर्ड्स को खाना खिला सकते हैं। इस उद्यान में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है।

 

कलसूबाई ट्रेक नासिक – Kalsubai Trek Nashik

कलसूबाई ट्रैक नासिक का एक प्रमुख स्थान है और यह एडवेंचरस लवर लोगों के लिए एक मुख्य जगह है। यहां पर आप ट्रैकिंग और कैंपिंग का मजा ले सकते हैं। यह जगह इगतपुरी के पास में स्थित है। यहां पर आपको आकर बहुत मजा आएगा। यहां पर चारों तरफ से सह्याद्रि पर्वतमाला का दृश्य देखा जा सकता है। यहां पर सूर्यास्त का दृश्य देखने के लिए मिलता है, जो बहुत सुंदर रहता है।

 

आर्टिलरी म्यूजियम नासिक – Artillery Museum Nashik

आर्टलरी म्यूजियम नासिक के प्रमुख स्थान है। यह गांधीनगर विमानतल एरिया के पास बना हुआ है। यह म्यूजियम बहुत अच्छी तरह से बनाया गया है। इस म्यूजियम में बहुत सारे अस्त्र शस्त्र देखने के लिए मिल जाते हैं। इस म्यूजियम की टाइमिंग सुबह 10:00 बजे से दोपहर 1 बजे और शाम के समय 5:00 से 7:30 बजे तक रहती है।

यहां पर लाइट और साउंड शो का भी आयोजन किया जाता है, जो सेटरडे और संडे को होता है। यह बहुत ही सुंदर रहता है। यहां पर एंट्री के लिए टिकट लिया जाता है। यह संग्रहालय देवलोली आर्मी कंटेमेन्ट एरिया के अंदर स्थित है।

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नासिक फ्लावर पार्क – Nashik Flower Park

नासिक फ्लावर पार्क नासिक त्रयंबकेश्वर रोड के थोड़ा अंदर बना हुआ है। यहां पर आपको विभिन्न तरह के फूलों वाले पौधे देखने के लिए मिलते हैं, जो बहुत ही सुंदर लगते हैं। इस पार्क में प्रवेश के लिए 300 रूपए एक  पर्सन का शुल्क लिया जाता है और वीक डे के समय 400 रूपए लिए जाते है।

यहां पर फ्लावर से बहुत सारे डिजाइन बनाए गए हैं, जो बहुत ही आकर्षक लगते हैं। यहां पर वॉटर स्लाइड को फ्लावर में कन्वर्ट कर दिया गया है, जो बहुत ही आकर्षक लगती है। यहां पर हाथी बनाया गया है, जो फ्लावर का बनाया गया है और बहुत सुंदर लगता है। यहां पर आप फोटो शूट कर सकते हैं। यहां पर बहुत सारे गेम भी खेले जा सकते हैं।

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नासिक में घूमने का सबसे अच्छा समय – Best time to visit in Nashik

नासिक में घूमने का सबसे अच्छा समय बरसात का रहता है, क्योंकि नाशिक शहर पहाड़ियों से घिरा हुआ है, यहां पर आप बरसात में आएंगे, तो आप यहां पर खूबसूरत पहाड़ी झरने देख सकते हैं। यहां का माहौल हरा भरा रहता है और सावन में त्रयंबकेश्वर मंदिर में भगवान शिव के दर्शन करने के लिए बहुत ज्यादा लोग आते हैं।

नासिक में आप ठंड के मौसम में भी आ सकते हैं। ठंड का मौसम भी नासिक में घूमने के लिए बहुत बढ़िया है। आप यहां पर अक्टूबर से मार्च के बीच में आ सकते हैं। अक्टूबर से मार्च के बीच यहां पर बहुत ज्यादा ठंड रहती है। आप यहां पर आराम से आकर सभी जगह घूम सकते हैं। बाकी आप अपनी इच्छा अनुसार साल में कभी भी नासिक में घूमने के लिए आ सकते हैं।

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नासिक कैसे पहुंचे – How to reach Nashik

नासिक महाराष्ट्र का प्रमुख जिला है। नासिक अन्य शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। नासिक में आप आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां पर पहुंचने के लिए सड़क मार्ग, रेल मार्ग और हवाई मार्ग उपलब्ध है। आप अपनी सुविधा अनुसार इनका प्रयोग कर सकते हैं।

नासिक में रोड मार्ग से कैसे पहुंचे – How to reach Nashik by road

नासिक महाराष्ट्र के मुख्य जिलों से रोड मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप यहां पर बस के द्वारा पहुंच सकते है। यहां पर सरकारी बस और लोकल बस चलती हैं, जिनके द्वारा नासिक आ सकते हैं। आप नासिक अपने खुद के वाहन द्वारा आ सकते हैं।

नासिक में रेल मार्ग से कैसे पहुंचे – How to reach Nashik by train

ट्रेन से नासिक पहुंचना बहुत आसान है। नासिक रेलवे स्टेशन देश के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। अगर आप ट्रेन से यात्रा करना चाहते हैं, तो ट्रेन की बुकिंग ऑनलाइन पर सकते हैं और नासिक आ सकते हैं। नासिक मुंबई से बहुत करीब है। अगर आपको नासिक जाने के लिए ट्रेन नहीं मिलती, तो आप मुंबई आ सकते हैं। उसके बाद नासिक बस के द्वारा जा सकते हैं।

नासिक में वायु मार्ग से कैसे पहुंचे – How to reach Nashik by air

नासिक पहुंचने के लिए वायु मार्ग भी उपलब्ध है। नासिक में एयरपोर्ट बना हुआ है। यहां पर गांधीनगर एयरपोर्ट बना हुआ है। यहां पर स्थानीय फ्लाइट आती है, तो आप यहां पर आ सकते हैं। अगर आप इंडिया के बाहर से आ रहे हैं, तो आप मुंबई एयरपोर्ट आ सकते हैं और मुंबई से नासिक बस और कैब से पहुंच सकते हैं।

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नासिक में कहा ठहरे – Where to stay in Nashik

नासिक महाराष्ट्र का मुख्य शहर है। नासिक में ठहरने के लिए बहुत सारे होटल है। यहां पर आपको अपने बजट के अनुसार होटल मिल जाएगा। यहां पर आप अपने सुविधानुसार होटल ले सकते हैं। यहां पर बहुत सारी धर्मशालाएं भी है।

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