Umaria Tourist Places in Hindi :- उमरिया मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध जिला है। इस लेख में हम आपको उमरिया में घूमने की जगह, उमरिया कैसे पहुंचे, उमरिया के प्रसिद्ध मंदिर और धार्मिक स्थल के बारे में जानकारी देंगे।
उमरिया जिला के बारे में जानकारी – Information about Umaria district
उमरिया मध्य प्रदेश का प्रमुख जिला है। उमरिया जिले की सीमाएं शहडोल, कटनी, रीवा, और डिंडोरी जिले की सीमाओं को छूती हैं। उमरिया जिला जंगल और पहाड़ से घिरा हुआ है। उमरिया जिला में जोहिला और सोन नदियां बहती है। उमरिया जिले में आप सड़क माध्यम और रेल माध्यम से पहुंच सकते हैं। उमरिया में रेलवे स्टेशन है।
उमरिया में घूमने के लिए ढेर सारी जगह हैं, जहां पर आप जाकर अच्छा समय बिता सकते हैं। उमरिया में घूमने के लिए ऐतिहासिक, प्राकृतिक और धार्मिक जगह हैं, जो बहुत सुंदर है। उमरिया के इन सभी जगह में आप अपनी फैमिली और दोस्तों के साथ घूमने के लिए जा सकते हैं और एंजॉय कर सकते हैं।
इस ब्लॉग में हमने आपको उमरिया में घूमने वाली बहुत सारी जगह (Umaria Tourist Places) के बारे में बताया है। आप इस ब्लॉग को पूरा पढ़ें और उमरिया में अगर आप घूमने जाते हैं, तो आप उन सभी जगह में जा सकते है। इस ब्लॉग में आपको उमरिया में कौन-कौन सी जगह घूमने वाली है। उन सभी के बारे में जानकारी मिलेगी। चलिए जानते हैं – उमरिया में घूमने के लिए प्रमुख जगहों (Umaria Tourist Places) के बारे में
उमरिया में घूमने की जगह – Umaria Tourist Places
उमरिया के पर्यटन और दर्शनीय स्थल की सूची – Umaria Tourist Places list in Hindi
- बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान उमरिया
- बांधवगढ़ का किला
- बांधवाधीश मंदिर उमरिया
- शेषशैया उमरिया
- कबीर गुफा मंदिर उमरिया
- प्राचीन गुफाएं उमरिया
- बाणसागर बांध उमरिया
- पनपथा वन्यजीव अभ्यारण उमरिया
- श्री हनुमान धाम धौरखोह मंदिर उमरिया
- उमरार बांध उमरिया
- माणिबाग शिव मंदिर उमरिया
- बिरसिंहपुर बांध उमरिया
- मां बिरासिनी मंदिर उमरिया
- मां ज्वाला मंदिर उमरिया
- अमोल धाम उमरिया
- बीलगांव डैम उमरिया
- जोहिला जलप्रपात उमरिया
- कोदार जलप्रपात उमरिया
उमरिया में घूमने की जगह – Umaria Tourist Place
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान उमरिया – Bandhavgarh National Park Umaria
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश राज्य के उमरिया में स्थित है। यह पूरे मध्यप्रदेश में प्रसिद्ध है। यहां पर पूरे देश से लोग घूमने के लिए आते हैं। यहां पर बाघ देखे जा सकते हैं। यह दुनिया का सबसे पहला सफेद बाघ पाया गया था। यहां पर पर्यटक जीप सफारी और हाथी सफारी में घूमने का मजा ले सकते हैं।
यह राष्ट्रीय उद्यान बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां पर एक ऊंची पहाड़ी भी बनी हुई है, जिसमें प्राचीन महत्व की चीजें विद्यमान है। यहां पर राजा का प्राचीन महल, मंदिर, बौद्ध मंदिर, मठ, तालाब देखने के लिए मिलता है। इस राष्ट्रीय उद्यान में बहुत सारी नदियों का उद्गम हुआ है। यहां पर बाघों के अलावा और भी बहुत सारे जंगली जानवर देखने के लिए मिलते हैं।
यहां पर पक्षियों की 250 प्रकार से अधिक प्रजातियों की पक्षी पाए जाते हैं। बांधवगढ़ के आस पास ठहरने के लिए बहुत सारे होटल है। बांधवगढ़ में आप सफारी की बुकिंग ऑनलाइन जाकर कर सकते हैं। यहां पर आप जिप्सी के द्वारा सफारी में घूम सकते हैं और यहां पर गाइड भी मिलता है, जो इस जंगल के बारे में आपको विस्तार पूर्वक जानकारी देता है।
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान 1968 को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था। यह 437 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां पर प्राचीन समय में रीवा रियासत के राजा शिकार खेलने के लिए आया करते थे।
बांधवगढ़ का किला – Bandhavgarh Fort
बांधवगढ़ का किला बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के मध्य में स्थित एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। यह किला खंडहर अवस्था में यहां पर मौजूद है। बांधवगढ़ शब्द में, बांधव का अर्थ होता है भाई और गढ़ का मतलब होता है किला। बांधवगढ़ इन दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है।
किवदंती के अनुसार रावण को मारने के बाद अयोध्या लौटते समय राम इस जंगल में से गुजरे थे और उन्होंने यहां एक किला बनाया और उसे अपने प्रिय भाई लक्ष्मण को उपहार देने का निश्चय किया था।
बांधवगढ़ का किला वर्तमान में 582 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 811 मीटर है। ऐसा माना जाता है, कि इसका निर्माण तीसरी सदी ईस्वी में हुआ था। तीसरी सदी से लेकर 20 वी सदी तक वाकटक, कलचुरी, सोलंकी, कुरूवंशी और बघेल राजवंशों ने इस किले में शासन किया है। सोलवीं सदी में संत कबीर भी यहां पर कुछ वर्षों तक रहे हैं।
इस किले में मुगल बादशाह हुमायूं की बेगम को भी शरण मिली थी। जब शेर शाह सूरी हुमायूं का पीछा कर रहे थे। तब वर्ष 1617 में बघेल अपने राज्य की राजधानी बांधवगढ़ को छोड़कर रीवा चले गए। उसके कुछ समय बाद यह किला खाली कर दिया गया। तब से वन्य जीव इस किले पर अधिकार जमा लिया। किले के अंदर कई ऐतिहासिक इमारतें और जलकुंड बने हुए हैं। इन कुंडो में आज भी पानी भरा हुआ है।
बांधवाधीश मंदिर उमरिया – Bandhwadhish Temple Umaria
बांधवाधीश मंदिर उमरिया के बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के अंदर स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। बांधवाधीश मंदिर में बांधवगढ़ के देवता की पूजा होती है। इस मंदिर में मुख्य देवता राम भगवान जी के भाई लक्ष्मण जी की पूजा की जाती है। मंदिर के पास में एक तालाब बना हुआ है, जिसे रानी तालाब कहते हैं।
यह तालाब बलुआ पत्थर में खुदाई करके बनाया गया है। यहां पर रानी महल बना हुआ है। रानी महल को मोती महल भी कहते हैं। यहां रानिया निवास करती थी। इस तालाब के किनारे अनेक सुंदर मंदिर बने हुए हैं। बांधवाधीश मंदिर के पास में भंडार गृह बना हुआ है।
शेषशैया उमरिया – Sheshashaiya Umaria
शेषशैया उमरिया में बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के अंदर स्थित एक मुख्य स्थल है। यहां पर सात फनों वाले सर्प शेषनाग पर लेटे हुए विष्णु भगवान जी की यह प्रतिमा बांधवगढ़ की प्राचीन कलाकृतियों का एक उत्कृष्ट नमूना है। विष्णु भगवान जी की इस प्रतिमा का निर्माण कलचुरी राजा युवराजदेव के मंत्री गोल्लक ने दसवीं शताब्दी ईस्वी में करवाया था।
इस प्रतिमा की लंबाई 35 फुट है। यह प्रतिमा बलुआ पत्थर को तराश कर बनाई गई है। यहां पर विष्णु भगवान जी की प्रतिमा के चरणों से एक झरना निकलता है। इस झरने को चरण गंगा नाम से जाना जाता है। पुराणों में इस झरने को वेत्रवली गंगा कहा जाता है। चरण गंगा एक सदा नीर जल स्त्रोत है। जिसमें अनेक छोटे-बड़े नाले आकर मिलते हैं।
यह बांधवगढ़ के जीवो के लिए पीने के पानी का मुख्य स्त्रोत है। इस चरण गंगा से ताला स्थित पर्यटक, संकुल और अनेक गांवों को पानी मिलता है। यहां पर पर्यटकों का आना मना है। खास मौके पर यहां पर पर्यटक घूमने के लिए आ सकते हैं। बाकी यहां पर सफारी करने वाले लोग घूम सकते हैं।
कबीर गुफा मंदिर उमरिया – Kabir Cave Temple Umaria
कबीर गुफा मंदिर उमरिया में बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के अंदर स्थित है। यहां पर प्राचीन समय में, जब कबीर जी आए थे। तब इसी गुफा में रूके थे। यहां पर कबीर दास जी की मूर्ति और उनके चरण पादुका के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। कबीर गुफा के पास में एक छोटा सा तालाब भी बना हुआ है, जिसे कबीर तलैया के नाम से जाना जाता है। यहां चारों तरफ जंगल का दृश्य देखने मिलता है।
प्राचीन गुफाएं उमरिया – Ancient Caves Umaria
प्राचीन गुफाएं उमरिया में स्थित है। यह बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के अंदर बनी हुई है। यहां पर कुछ गुफाएं प्राकृतिक और कुछ मानव निर्मित गुफाएं हैं। इन गुफाओं में प्राचीन समय में बौद्ध साधु रहकर तपस्या किया करते थे। यह गुफाएं जंगल के बीच में स्थित है। आप इन गुफाओं को देख सकते हैं
बाणसागर बांध उमरिया – Bansagar Dam Umaria
बाणसागर बांध उमरिया का एक प्रमुख स्थान है। यह बांध बहुत बड़ा है। यह बांध सोन नदी पर बना हुआ है। यह बांध उमरिया, शहडोल और रीवा जिले में फैला हुआ है। इस बांध में सिंचाई के लिए नहर निकली हुई है। यहां पर हाइड्रोइलेक्ट्रिकल पावर प्लांट पर बनाया गया है, जिसमें बिजली बनाई जाती है। यह बांध बरसात के समय बहुत सुंदर लगता है, क्योंकि बरसात के समय बांध का जलस्तर बढ़ता है और इसके गेट खोले जाते हैं, जिससे उसका दृश्य बहुत ही लुभावना रहता है। यह बाद उमरिया से 115 किलोमीटर दूर है।
बाणसागर बांध एक बहुउद्देश्यीय बांध है। इस बांध में 435 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाता है। यह बांध शहडोल जिले के देओलोंद गांव में बना हुआ है। यह बांध 1978 में बनकर तैयार हुआ था। यह बांध मध्य प्रदेश के सबसे बड़े बांधों में से एक है। यह बांध उमरिया से करीब 100 किलोमीटर दूर है।
पनपथा वन्य जीव अभ्यारण उमरिया – Panpatha Wildlife Sanctuary Umaria
पनपथा वन्य जीव अभ्यारण उमरिया का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह अभ्यारण बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है और यह अभ्यारण बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान का एक हिस्सा है। इस अभ्यारण में बहुत सारे जंगली जानवर है। यहां पर पक्षियों की बहुत सारी प्रजातियां देखने के लिए मिलती है। इस अभ्यारण में साल, तेंदू, महुआ के पेड़ अधिकतर पाए जाते हैं। यहां पर पहुंचने के लिए हाईवे सड़क है, जिससे आप यहां पहुंच सकते हैं। यहां पर आकर आप सफारी का मजा ले सकते हैं।
श्री हनुमान धाम धौरखोह मंदिर उमरिया – Shri Hanuman Dham Dhaurkhoh Temple Umaria
श्री हनुमान धाम धौरखोह मंदिर उमरिया का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर हनुमान जी को समर्पित है। इस मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा लेटी हुई है। यह मंदिर घने जंगल के अंदर स्थित है। इस मंदिर को श्री बजरंग धाम के नाम से जाना जाता है। यहां पर ढेर सारे बंदर और जंगली जीव भी देखने मिलते है। यह मंदिर उमरिया के राघोपुर गांव में स्थित है। कहा जाता है, कि इस मंदिर में आकर मनोकामना जरूर पूरी होती है।
उमरार बांध उमरिया – Umrar Dam Umaria
उमरार बांध उमरिया जिले के पास घूमने का एक मुख्य स्थान है। यह बांध उमरिया से करीब 5 किलोमीटर दूर स्थित है। यह बांध घने जंगल के अंदर स्थित है। यह बांध ज्यादा बड़ा नहीं है, मगर यहां पर आप आकर पिकनिक बना सकते हैं। बरसात में इस बांध का दृश्य बहुत ही सुंदर रहता है, क्योंकि बरसात में बांध का पानी ओवरफ्लो होकर बहता है और साथ ही चारों तरफ हरियाली देखने के लिए मिलती है।
यह बांध उमरिया में पीने के पानी का एक मुख्य स्त्रोत है। यहां पर उमरिया से आराम से घूमने के लिए पहुंचा जा सकता है। यहां पर शाम के समय आप आकर सूर्यास्त का दृश्य देख सकते हैं।
माणिबाग शिव मंदिर उमरिया – Manibaag Shiv Temple Umaria
मणिबाग शिव मंदिर उमरिया का एक मुख्य प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर उमरिया से करीब 5 से 6 किलोमीटर दूर घने जंगल में स्थित है। यह मंदिर करामाती गांव में स्थित है। यहां पर प्राचीन मंदिर देखने के लिए मिलता है। यह पूरा मंदिर पत्थर का बना हुआ है। मंदिर की दीवारों में सुंदर नक्काशी देखने के लिए मिलती है। यहां आकर बहुत अच्छा लगता है। यहां पर शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में बहुत सारे भक्त आते हैं। यहां पर मकर संक्रांति में मेला भी लगता है।
बिरसिंहपुर बांध उमरिया – Birsinghpur Dam Umaria
बिरसिंहपुर बांध उमरिया जिले के बिरसिंहपुर पाली में स्थित एक प्रमुख बांध है। यह बांध जोहिला नदी पर बना हुआ है। यह बांध मुख्य रूप से बिजली उत्पादन और संजय ताप विद्युत गृह में पानी की उपलब्धता के लिए बनाया गया है। यह बांध चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इस बांध में पिकनिक मनाने के लिए जाया जा सकता है। यहां पर बांध का दृश्य बरसात के समय बहुत सुंदर देखने के लिए मिलता है। यह बांध बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। बांध के पास संजय ताप विद्युत केंद्र है। वह भी देखा जा सकता है।
मां बिरासिनी मंदिर उमरिया – Maa Birasini Temple Umaria
मां बिरासिनी मंदिर उमरिया के पाली में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर पाली रेलवे स्टेशन के पास ही में स्थित है। यह मंदिर पूरा पत्थर से बना हुआ है। मंदिर में बिरासिनी माता की प्रतिमा बहुत सुंदर है। यह आदिशक्ति माता का एक रूप मानी जाती है। यह प्रतिमा काले पत्थर की बनी है और इस प्रतिमा को कलचुरी कालीन माना जाता है। यह प्रतिमा गर्भ ग्रह में विराजमान है। यहां पर और भी प्राचीन प्रतिमाएं देखने के लिए मिलती है।
नवरात्रि में यहां पर बहुत भीड़ लगती है। दूर-दूर से लोग आकर माता की इस भव्य प्रतिमा के दर्शन करते हैं। यह मंदिर स्टेशन के पास में ही बना हुआ है। इसलिए लोग यहां पर माता के दर्शन करने के लिए आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां पर एक ज्योति भी जलाई जा रही है, जो कई सालों से इसी तरह से चल रही है। लोगों की यहां पर आकर इच्छा पूरी होती है। लोग यहां पर आकर मन्नत मांगते हैं। यह मंदिर सफेद मार्बल से बना हुआ है।
मां ज्वाला मंदिर उमरिया – Maa Jwala Mandir Umaria
मां ज्वाला मंदिर उमरिया का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर पूरे उमरिया में प्रसिद्ध है। इस मंदिर को उचेहरा धाम शक्तिपीठ के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर उचेहरा गांव में स्थित है। इस मंदिर में मां ज्वाला देवी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर घने जंगल के अंदर नदी के किनारे बना हुआ है।
यहां पर माता की प्रतिमा बहुत पुरानी है। माता की प्रतिमा 2000 साल पुरानी है और यह मंदिर शहडोल से 40 किलोमीटर दूर है। माता के दर्शन करने के लिए यहां पर दूर-दूर से लोग आते हैं। नवरात्रि में यहां पर बहुत भीड़ रहती है। मंदिर के पास में कैलाश गुफा है।
अमोल धाम उमरिया – Amol Dham Umaria
अमोल धाम उमरिया का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह घने जंगल के अंदर स्थित है। इसे अमलेश्वर महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर एक प्राचीन गुफा है, जिसे कैलाश गुफा कहा जाता है। यह जगह बहुत सुंदर है। यहां पर आप आकर शिव भगवान जी के दर्शन कर सकते हैं। उसके साथ इस प्राकृतिक जगह में भी घूम सकते हैं। यहां पर आश्रम भी बना हुआ है, जिसे अमोल आश्रम के नाम से जाना जाता है।
यहां पर महाशिवरात्रि और सावन सोमवार में बहुत भीड़ लगती है। यहां पर बरसात के समय बहुत अच्छा लगता है, क्योंकि यहां पर चारों तरफ हरियाली और झरने देखने के लिए मिलते हैं। यह जगह शाहपुरा के पास में स्थित है। यहां पर सड़क माध्यम से पहुंच सकते हैं।
बीलगांव डैम उमरिया – Bilgaon Dam Umaria
बीलगांव डैम उमरिया के पास में स्थित एक प्रमुख जगह है। यह एक बहुत बड़ा जलाशय है। यहां पर पहुंचने का रास्ता खराब है। मगर आप यहां पर आकर घूम सकते हैं। यहां पर चारों तरफ जंगल का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यह शाहपुरा के पास में स्थित है।
जोहिला जलप्रपात उमरिया – Johila Falls Umaria
जोहिला जलप्रपात उमरिया का एक मुख्य जलप्रपात है। यह जलप्रपात उमरिया और शहडोल का एक पिकनिक स्पॉट है। यहां पर आने के लिए कच्चा रास्ता उपलब्ध है। यह जलप्रपात बांधवगढ़ नेशनल पार्क के जंगल में ही स्थित है। यहां चारों तरफ जंगल का दृश्य देखने के लिए मिलता है। यह जलप्रपात ज्यादा बड़ा नहीं है। मगर बहुत सुंदर है। यहां पर बड़ी-बड़ी और ऊंची ऊंची चट्टान है। बरसात के समय जलप्रपात का दृश्य बहुत ज्यादा सुंदर रहता है। यहां पर आकर बहुत मजा आता है। यहां पर फोटोग्राफी भी की जा सकती है। यह जलप्रपात जोहिला नदी पर बना हुआ है।
कोदार जलप्रपात उमरिया – Kodar Falls Umaria
कोदार जलप्रपात उमरिया में स्थित एक प्रमुख जलप्रपात है। इस जलप्रपात को के जलप्रपात के नाम से भी जाना जाता है। यह जलप्रपात उमरिया में कोदार गांव में बना हुआ है। यह जलप्रपात जोहिला नदी पर बना हुआ है। यहां पर चारों तरफ जंगल का दृश्य देखने के लिए मिलता है। यह जलप्रपात छोटा सा ही है। मगर बहुत सुंदर है। यहां चारों तरफ बड़ी-बड़ी चट्टानें देखने के लिए मिलती है। इस जलप्रपात में आप बरसात के समय घूमने के लिए आ सकते हैं।
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उमरिया में घूमने का सबसे अच्छा समय – Best time to visit in Umaria
उमरिया में घूमने का सबसे अच्छा समय ठंड का रहता है। आप यहां पर ठंड में आकर सभी जगह घूम सकते हैं। उमरिया में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है, जहां पर जाकर आप अच्छा समय बिता सकते हैं। उमरिया में ठंड का मौसम बहुत अच्छा रहता है और घूमने में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होती है।
आप अपनी इच्छा अनुसार उमरिया में कभी भी घूमने के लिए आ सकते हैं। उमरिया में गर्मी के समय तापमान बहुत ज्यादा रहता है। इसलिए गर्मी के समय घूमने में दिक्कत होती है।
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उमरिया कैसे पहुंचे – How to reach Umaria
उमरिया मध्य प्रदेश का प्रमुख जिला है। उमरिया अपने पर्यटन स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। उमरिया अन्य शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। उमरिया में आप वायु मार्ग, रेल मार्ग और सड़क मार्ग के द्वारा आ सकते हैं। चलिए जानते हैं – उमरिया कैसे पहुंचे
वायु मार्ग से उमरिया कैसे पहुंचे – How to reach Umaria by air
वायु मार्ग से उमरिया पहुंचना बहुत आसान है। उमरिया का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जबलपुर में बना हुआ है। आप जबलपुर में वायु मार्ग से आ सकते हैं और उसके बाद सड़क मार्ग से जबलपुर उमरिया पहुंच सकते हैं उ.मरिया में एक एयर स्ट्रिप बनी हुई है, मगर अभी यह पूरी तरह से काम चालू नहीं हुआ है।
उमरिया में रेल मार्ग द्वारा कैसे पहुंचे – How to reach Umaria by train
उमरिया में रेल मार्ग द्वारा आसानी से आ सकते हैं। उमरिया में रेलवे स्टेशन बना हुआ है, जिसके द्वारा आप यहां पर कटनी, शहडोल, बिलासपुर जैसे शहरों से आ सकते हैं। उमरिया मुख्य शहरों से रेल मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
उमरिया में रोड मार्ग द्वारा कैसे पहुंचे – How to reach Umaria by road
उमरिया में रोड मार्ग द्वारा पहुंचना आसान है। उमरिया में हाईवे रोड गुजरती है, जिसके द्वारा आप यहां पर आसानी से आ सकते हैं। उमरिया में आप प्रमुख शहरों जैसे कटनी, रीवा, मैहर, सतना, जबलपुर, डिंडोरी, अमरकंटक से डायरेक्ट पहुंच सकते हैं। आप यहां पर बस के द्वारा आ सकते हैं। यहां पर बस की सेवा उपलब्ध है।
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