विजयगढ़ का किला (Vijaygarh Fort) उत्तर प्रदेश का एक प्रसिद्ध किला है। विजयगढ़ का किला उत्तर प्रदेश (Vijaygarh Fort Uttar Pradesh) के सोनभद्र जिले में स्थित है। विजयगढ़ किले (Vijaygarh Fort) को चंद्रकांता किले (chandrakanta fort) के नाम से भी जानते हैं। यह किला रानी चंद्रकांता के लिए प्रसिद्ध है। यह किला सोनभद्र जिले में कैमूर की पहाड़ियों के बीच में स्थित है। यहां पर आकर अच्छा लगता है। अगर आप सोनभद्र जिले में आते हैं, तो आप इस किले में आकर जरूर घूमे।
विजयगढ़ किला या चंद्रकांता किला सोनभद्र उत्तर प्रदेश की जानकारी – Information about Vijaygarh Fort or Chandrakanta Fort Sonbhadra Uttar Pradesh
चंद्रकांता का किला (chandrakanta fort) या विजयगढ़ का किला (Vijaygarh Fort) उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में बना हुआ है। यह सोनभद्र जिले के मुख्यालय रोबेर्त्स्गंज से करीब 30 किलोमीटर दूर है। इस किले में आप आसानी से आ सकते हैं। इस किले तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग बना हुआ है। इस किले तक आप अपने बाइक और कार से आ सकते हैं।
चंद्रकांता का किला सोनभद्र जिले में मऊ कला गांव के पास में बना हुआ है। इस किले में आने से पहले आपको धन्धारौल बांध देखने के लिए मिलता है। धन्धारौल बांध उत्तर प्रदेश के सुंदर बांधों में से एक है। धन्धारौल बांध सोनभद्र जिले का मुख्य आकर्षण स्थल है। विजयगढ़ के किले में आने से आपको दो जगह घूमने के लिए मिल जाती है।
विजयगढ़ किले (Vijaygarh Fort) में आने वाला रास्ता इस बांध से होकर गुजरता है। आप इस बांध के सुंदर दृश्य को देखते हुए किले में आ सकते हैं। अगर आप यहां पर बरसात में आएंगे, तो आपको और भी ज्यादा आनंद आएगा, क्योंकि बरसात के समय यह जगह और भी ज्यादा खूबसूरत होती है।
यहां पर चारों तरफ पहाड़ी इलाका देखने के लिए मिलता है। आपको धन्धारौल बांध से किले की दीवारें साफ दिखाई देती हैं। धन्धारौल बांध से यह किला करीब 10 किलोमीटर दूर है। धन्धारौल बांध से किले में जाने का पूरा रास्ता जंगल वाला है। आपको रास्ते के दोनों तरफ घना जंगल देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर आराम से आ सकते हैं।
यहां पर आपको धन्धारौल वॉटरफॉल भी देखने के लिए मिलता है, जो बहुत सुंदर है। बरसात में यह जगह बहुत ही आकर्षक होती है और यहां पर चारों तरफ हरियाली देखने के लिए मिलती है। विजयगढ़ का किला जंगल के अंदर बना हुआ है। यह किला बहुत खूबसूरत है।
विजयगढ़ का किला ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। किले तक जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। सरकार के द्वारा यहां पर पक्की सीढ़ियां बना दी गई है, ताकि आप इस किले तक आसानी से जा सके। यहां पर अगर आप बरसात में आएंगे, तो आपको बहुत मजा आएगा, क्योंकि चारों तरफ हरियाली रहती है।
विजयगढ़ का किला (Vijaygarh Fort) चंद्रकांता किले के नाम से प्रसिद्ध है। इस किले के बारे में बहुत सारी कहानियां प्रसिद्ध है। विजयगढ़ किले की सीढ़ियां खड़ी है। इस किले में चढ़ाई करने में बहुत ज्यादा थकान होती है। आप यहां पर जाते हैं, तो अपने साथ पानी जरूर लेकर जाएं, क्योंकि यहां पर पीने के पानी की कोई भी सुविधा नहीं है। वैसे किले में कोई भी प्रकार की सुविधा नहीं है। आप यहां पर जाते हैं, तो अपनी सारी व्यवस्थाएं करके जाएं।
विजयगढ़ किले (Vijaygarh Fort) में आप जब किले के प्रवेश द्वार के पास पहुंचेंगे, तो यहां पर आपको प्राचीन प्रवेश द्वार देखने के लिए मिलता है। आप प्रवेश द्वार के ऊपर जा सकते हैं। ऊपर जाने के लिए सीढ़ियां दी गई है। आप प्रवेश द्वार के ऊपर से चारों तरफ का सुंदर दृश्य देख सकते हैं। किले के प्रवेश द्वार के पास में ही सैनिकों के रहने के लिए एक छोटा सा कमरा भी बना हुआ है, जो दीवारों से सटकर बनाया गया है।
पूरे किले में आपको दीवारे देखने के लिए मिलती हैं। इन दीवारों से आपको दूर-दूर तक फैली कैमूर की पहाड़ियां देखने के लिए मिलती है, जो बहुत सुंदर लगते हैं। किले के अंदर घूमने के लिए बहुत सारे स्थल है, जहां पर जाकर आप इस किले को देख सकते हैं।
विजयगढ़ किले (Vijaygarh Fort) के अंदर आपको महलों के खंडहर देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर ढेर सारे महलों के खंडहर देखे जा सकते हैं। इस किले का सही तरीके से रखरखाव नहीं किया जा रहा है, जिससे यह किला धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील होते जा रहा है। इस किले में बहुत सारे रहस्य चीजें हैं, जो आप अनुभव कर सकते हैं।
किले के अंदर आपको 7 छोटे बड़े तालाब देखने के लिए मिलते हैं। उन तालाब के बारे में कहा जाता है कि इन तालाबों के पानी का कलर अलग अलग है। इन तालाब में एक्सपेरिमेंट करने के लिए वैज्ञानिक यहां आए थे। मगर उन्हें इस तालाब की गहराई आज तक पता नहीं चली है।
इस किले के सात तालाबों में दो तालाब बहुत ज्यादा फेमस है। यहां पर राम सागर तालाब और मीर तालाब बने हुए हैं, जो बहुत प्रसिद्ध है। इन तालाबों का पानी भीषण गर्मी के समय भी नहीं सूखता है। यह तालाब बहुत गहरे हैं। इन तालाब की गहराई का पता लगाने की कोशिश की गई। मगर इन तालाबों की गहराई का पता नहीं चल सका। इन तालाबों में प्राचीन समय में बहुत सारे चमत्कार हुए हैं, जिन्हें आज भी लोग बताते हैं।
आप भी यहां पर आकर उन तालाब को देख सकते हैं। लोगों के अनुसार यहां पर और भी रहस्यमई घटनाएं होती रहती हैं। आपने चंद्रकांता की कहानियां देखी होंगी। उसी तरह यह पर भी रहस्यमई घटनाएं होती है। कहा जाता है कि यहां पर तिलस्मी में दरवाजा है, जो तिलस्म के बाद ही खुलेगा।
विजयगढ़ किले (Vijaygarh Fort) के अंदर राम सागर तालाब और मीर तालाब के बीच में रानी चंद्रकांता का महल देखने के लिए मिलता है। रानी चंद्रकांता के महल को रंग महल के नाम से जाना जाता था। इसमें सुंदर नक्काशी की गई है, जो देखने लायक है। रानी चंद्रकांता का महल अभी अच्छी हालत में नहीं है। पूरा महल धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील हो चुका है। पूरे महल में पेड़ पौधे उग गए हैं। पेड़ों की जगह दीवारों को धीरे-धीरे खोखला कर रही है।
मगर महल के कुछ अवशेष आप देख सकते हैं। महल में कुछ कमरे हैं, जिन्हें आप देख सकते हैं। कमरों की दीवारों में बने हुए आले देखे जा सकते हैं, जिन्हें विभिन्न प्रकार के सामानों को रखने के लिए उपयोग किया जाता था। महल के सुंदर के स्तंभों को देखा जा सकता है।
किले के मुख्य द्वार के पास एक मकबरा है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह सैय्यद जैन-उल-अब्दीन मीर साहिब का है, जिसे हज़रत मीरान शाह बाबा के नाम से जाना जाता है।
विजयगढ़ किले में आपको और भी बहुत सारी जगह और चीज देखने के लिए मिलती है। यहां पर आपको प्राचीन स्तंभ देखने के लिए मिलते हैं, जिन्हें शायद घोड़े बांधने के लिए उपयोग किया जाता था। किले के अंदर आपको भगवान शिव का मंदिर देखने के लिए मिलता है। यहां पर भगवान हनुमान जी का मंदिर भी बना हुआ है। यहां पर भगवान गणेश जी का मंदिर भी बना हुआ है। किले के अंदर दरगाह भी देखने के लिए मिलती है।
यहां पर पुरानी गुफाएं हैं। आप वह भी देख सकते हैं। आप किले के ऊपर से चारों तरफ का नजारा देख सकते हैं, जो बहुत ही मनोरम होता है। यहां पर सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य बहुत ही सुंदर होता है।
विजयगढ़ का किला (Vijaygarh Fort) घने जंगल के अंदर बना हुआ है और आप यहां पर घूमने के लिए आते हैं, तो ग्रुप के साथ आए। आप यहां पर अकेले घूमने के लिए ना आए, क्योंकि यह किला जंगल के अंदर बना हुआ है। यहां पर चारों तरफ का एरिया सुनसान है। यहां पर जंगल और पहाड़ है। यहां पर आपको जंगली जानवर का भी खतरा रहता है और यहां पर आपको लूटे जाने का खतरा भी रहता है। इसलिए आप यहां पर अकेले ना आए।
विजयगढ़ किले (Vijaygarh Fort) का निर्माण पांचवी शताब्दी में कोल राजाओं द्वारा किया गया था। 1040 में महाराजा विजयपाल द्वारा इस किले का पुनः निर्माण किया गया। अगर आप यहां पर घूमने के लिए आते हैं, तो आप अपने साथ पानी और खाने के लिए कुछ जरूर लाये। क्योंकि यह किला जंगल के बीच में पहाड़ी पर स्थित है, तो यहां पर किसी प्रकार की दुकान नहीं है। आप यहां पर आते हैं, तो समूह के साथ आएं, क्योंकि यह सुनसान इलाका रहता है। बरसात के समय यह जगह चारों तरफ हरियाली से घिरी हुई होती है और किले पर पहुंचकर आपको मनमोहक दृश्य देखने के लिए मिलता है।
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विजयगढ़ किले में घूमने का सबसे अच्छा समय – Best time to visit in Vijaygarh Fort
विजयगढ़ का किले (Vijaygarh Fort) में घूमने का सबसे अच्छा समय बरसात का रहता है। आप यहां पर बरसात के समय आ सकते हैं। बरसात के समय ये जगह चारों तरफ से हरियाली से घिर जाती है और बहुत ही सुंदर लगती है। यहां पर बरसात के समय आकर आप अच्छा समय बिता सकते हैं।
आप यहां पर ठंड के समय भी आ सकते हैं। ठंड के समय भी इस किले में आकर अच्छा लगता है। आप यहां पर अप्रैल के माह में आ सकते हैं, क्योंकि अप्रैल के माह में यहां पर मेले का आयोजन किया जाता है।
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विजयगढ़ किले का इतिहास – History of Vijaygarh Fort
विजयगढ़ किला (Vijaygarh Fort) या चंद्रकांता किला का इतिहास बहुत ही रोचक है। माना जाता है यह किला चंद्रकांता की अमर प्रेम कहानी का प्रतीक है। विजयगढ़ किले में रानी चंद्रकांता का महल हुआ करता था, जहां पर रानी चंद्रकांता रहा करती थी।
प्राचीन समय में विजयगढ़ के पास में ही नौगढ़ नाम का एक छोटा सा राज्य हुआ था, जहां पर नौगढ़ के राजकुमार राजा विक्रम वीरेंद्र सिंह का एक महल था। नौगढ़ के राजा विक्रम वीरेंद्र सिंह और रानी चंद्रकांता की प्रेम कहानी बहुत प्रसिद्ध है। नौगढ़ के राजा और रानी चंद्रकांता की प्रेम कहानी के लिए सीरियल भी प्रसारित किया गया है, जिन में इन दोनों की प्रेम कहानी को बहुत ही बारीकी से दिखाया गया है।
रानी चंद्रकांता और नौगढ़ के राजकुमार के बीच में चुनारगढ़ के राजा आ गए, जिनके कारण उनकी प्रेम कहानी पूरी नहीं हो पाई। चुनारगढ़ के राजा ने रानी चंद्रकांता को अपने कब्जे में कर दिया और उन्हें अपने महल में ले गए। फिर नौगढ़ के राजकुमार ने अपने पड़ोसी राजाओं के की मदद लेकर रानी चंद्रकांता को छुड़ाया।
विजयगढ़ किले के बारे में माना जाता है, कि इस किले का निर्माण महाभारत काल में किया गया है। इस किले का निर्माण महाभारत काल के समय के प्रसिद्ध राजा बाणासुर के द्वारा किया है। 1040 ईस्वी में महाराज विजय पाल द्वारा इस किले का पुनर्निर्माण किया गया।
चंद्रकांता या विजयगढ़ किले में गुप्त सुरंग हैं, जिनके द्वारा नौगढ़ किले में और चुनार किले में जाने के लिए रास्ता बना हुआ है। इन रास्तों से आप इन किलो में बड़ी आसानी से पहुंच सकते हैं और इन रास्तों में आपको बहुत सारा खजाना भी देखने के लिए मिल जाएगा। इन रास्तों के बारे में कहा जाता है, कि इन रास्तों को तिलस्मों के द्वारा खोला जा सकता है। यह गुप्त रास्ते आज तक लोगों को मिले नहीं है।
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विजयगढ़ किले में आयोजित होने वाला प्रसिद्ध मेला – Famous fair organized in Vijaygarh Fort
विजयगढ़ किले (Vijaygarh Fort) में हर वर्ष मेले का आयोजन किया जाता है। विजयगढ़ किले में अप्रैल माह में मेले का आयोजन होता है। यहां पर उर्स के समय मिले का आयोजन होता है, जिसमें विभिन्न धर्म एवं संप्रदाय के लोग शामिल होते हैं। श्रवण के हिंदू महीने में कावड़ यात्री यहां पर आते हैं और रामसागर से पानी एकत्र करते हैं और फिर शिवद्वार की तरफ यात्रा करते हैं।
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विजयगढ़ का किला कहां स्थित है – Where is Vijaygarh Fort located
विजयगढ़ का किला उत्तर प्रदेश (Vijaygarh Fort Uttar Pradesh) का प्रसिद्ध किला है। विजयगढ़ का किला उत्तर प्रदेश राज्य के सोनभद्र जिले में स्थित है। यह सोनभद्र जिले के मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर है। इस किले में आप आसानी से आ सकते हैं। यह किला मऊ कला गांव के पास में बना हुआ है। किले में आने के लिए सड़क मार्ग बना हुआ है। यहां पर आप अपनी बाइक और कार से आ सकते हैं।
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