नर्मदा नदी का उद्गम स्थल – Holy Narmada Nadi ka Udgam Sthal

नर्मदा नदी (Narmada Nadi) भारत के प्रमुख नदी है। इस लेख में हम आपको नर्मदा नदी (Narmada Nadi) और नर्मदा नदी के उद्गम (Narmada Nadi ka Udgam ) के बारे में जानकारी देंगे। नर्मदा नदी का उदगम मध्य भारत में अमरकंटक से होता है। नर्मदा नदी पश्चिम की ओर बहती है। नर्मदा नदी मध्य प्रदेश और गुजरात की भूमि को संचित करती है। नर्मदा नदी में बहुत सारे बांध और परियोजनाएं बनी हुई है।

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नर्मदा नदी की जानकारी – Information about Narmada River

नर्मदा नदी मध्य प्रदेश (Narmada Nadi Madhya Pradesh) की एक मुख्य नदी है। नर्मदा नदी मध्य प्रदेश की जीवन रेखा है। नर्मदा नदी को भगवान शिव की पुत्री कहा जाता है। नर्मदा नदी मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी नदी है। नर्मदा नदी मध्य प्रदेश के अमरकंटक के मैकल पर्वत श्रेणी से निकली है। अमरकंटक अनूपपुर जिले में है। नर्मदा नदी पूर्व से पश्चिम की तरफ बहती है। नर्मदा नदी की कुल लंबाई 1312 किलोमीटर है। नर्मदा नदी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात राज्य में बहती है।

नर्मदा नदी का उद्गम स्थल अमरकंटक है। अमरकंटक में नर्मदा नदी एक कुंड से उत्पन्न हुई है। इस कुंड में नर्मदा नदी का मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। यहां पर बहुत सारे मंदिर बने हुए हैं, जो अलग-अलग देवी-देवताओं को समर्पित है। नर्मदा नदी का उद्गम (narmada nadi ka udgam) इसी कुंड से हुआ है और नर्मदा नदी अरब सागर की तरफ यहां से बहना शुरू होती है।

नर्मदा नदी की उत्पत्ति स्थल (Narmada nadi ki utpatti sthal) पर बहुत सारे मंदिर देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर हाथी की एक प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। हाथी की प्रतिमा यहां पर बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है। कहा जाता है, कि जिसके भी मन में पाप रहता है। वह हाथी की प्रतिमा में निकलते समय अटक जाता है और जिसके मन में पाप नहीं रहता है।

वह हाथी की प्रतिमा से निकल जाता है। यहां पर बहुत सारे लोग फसते हैं। वह अपने मोटापे के कारण फसते हैं या पाप के कारण इसके बारे में जानकारी नहीं है। मगर इस इस बात में सभी लोग यकीन करते हैं और वह इस हाथी से निकलते हैं, जो कोई भी यहां पर फंस जाता है। वह सच्चे मन से भगवान को याद करता है, तो वह यहां से निकल जाता है।

नर्मदा नदी के उद्गम स्थल (narmada nadi ke udgam sthal) पर नर्मदा माता का मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। यहां पर नर्मदा माता का मंदिर कुंड में बना दिया गया है। यह कुंड पक्का बना दिया गया है। यहां पर और भी बहुत सारे मंदिर है, जिनके दर्शन करने के लिए मिलते हैं। नर्मदा कुंड में मां नर्मदा की बहुत सुंदर मूर्ति देखने के लिए मिलती है।

यहां पर मां नर्मदा की आरती भी लिखी हुई है। यहां पर सुबह एवं शाम के समय मां नर्मदा की आरती की जाती है। यहां पर और भी बहुत सारे मंदिर बने हुए हैं। यहां पर विष्णु भगवान जी, शंकर भगवान जी का, लक्ष्मी जी का मंदिर देखने के लिए मिलता है। यहां पर रहने के लिए कमरे भी उपलब्ध है। कुंड में नहाना सख्त मना है।

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नर्मदा नदी की कहानी – Story of Narmada River

नर्मदा नदी की कहानी (Narmada Nadi ki kahani) बहुत ही प्रसिद्ध है और सभी लोगों ने सुनी हैं। चलिए जानते हैं नर्मदा नदी की कहानी

इस कहानी में नर्मदा का प्राचीन नाम रेवा है। राजकुमारी नर्मदा राजा मेखल की पुत्री थी। राजा मेखल ने अपनी पुत्री नर्मदा के विवाह के लिए एक प्रतियोगिता की सोची। उन्होंने सोचा जो भी राजकुमार गुलबकावली के दुर्लभ पुष्प को उनकी पुत्री के लिए लेकर आएगा, वही पुत्री के लिए योग्य वर होगा।

तब राजकुमार सोनभद्र गुलबकावली के फूल ले आए। अतः उनसे राजकुमारी नर्मदा का विवाह तय हुआ। नर्मदा अब तक सोनभद्र के दर्शन ना करवाई, लेकिन नर्मदा ने उसके रूप, यौवन और पराक्रम की कथा सुनकर, सोनभद्र से मिलने की इच्छा जागृत हुई।

विवाह होने के कुछ दिन शेष थे। लेकिन नर्मदा से रहा ना गया। राजकुमारी नर्मदा ने अपनी दासी जोहिला को प्रेम संदेश लेकर राजकुमार सोनभद्र के यहां भेजा। जोहिला को ठिठोली करने की सूजी। जोहिला नर्मदा जी के वस्त्र आभूषण लेकर पूरी तरह से तैयार होकर, राजकुमार सोनभद्र के पास गई। जब राजकुमार सोनभद्र ने जोहिला को देखा तब उन्होंने जोदिला को नर्मदा समझा और अपने प्रेम प्रस्ताव रखा। जोहिला के मन में भी कोट आ गया। राजकुमार के प्रेम निवेदन को उसने स्वीकार कर लिया।

इधर नर्मदा जोहिला की प्रतीक्षा कर रही थी। मगर जोहिला को इतना समय हो गया था। जिससे नर्मदा को चिंता होने लगी और नर्मदा राजकुमार सोनभद्र के पास गए। तब नर्मदा ने जोहिला और राजकुमार को साथ देखा और उनके मन में बहुत बड़ा आघात हुआ और उन्होंने उसके बाद अपना रास्ता बदल लिया और अपने रास्ते की तरफ आगे बढ़ती गई।

जब सोनभद्र को यह जानकारी हुई की, यह नर्मदा नहीं है। तब सोनभद्र ने नर्मदा जी को आवाज़ लगाई की नर्मदा वापस लौट आओ, मगर नर्मदा वापस नहीं लौटी। वह अपने मार्ग में आगे बढ़ती रही। इसके अलावा भी नर्मदा नदी के बारे में बहुत सारी कहानियां प्रचलित है।

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नर्मदा नदी में शिवलिंग कहां मिलता है – Narmada nadi mein Shivling kaha milta hai

नर्मदा नदी (Narmada Nadi) में मिलने वाला शिवलिंग बहुत ही पवित्र होता है और इन शिवलिंग की बिना प्राण प्रतिष्ठा किए बिना अभिषेक किया जाता है। धर्म ग्रंथो के अनुसार मां नर्मदा को यह वरदान प्राप्त है कि नर्मदा नदी में जो भी पत्थर मिलता है। उसकी बिना प्राण प्रतिष्ठा किया ही शिवलिंग के रूप में पूजा की जा सकती है। नर्मदा नदी के हर पत्थर को नर्वदेश्वर महादेव के रूप में घर में लाकर सीधे ही पूजा अभिषेक कर सकते हैं।

नर्मदा नदी (Narmada Nadi) को शिव जी की पुत्री के रूप में भी माना जाता है। इसलिए नर्मदा नदी में प्राप्त होने वाला प्रत्येक पत्थर शिव का स्वरूप है और इसकी पूजा बिना प्राण प्रतिष्ठा किए बिना किया जा सकता है।

नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा करने से बहुत सारे लाभ होते हैं। नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा से घर में सुख समृद्धि आती है। घर की दुख दरिद्रता दूर होती है। घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार होता है। नर्मदेश्वर शिवलिंग केवल मध्य प्रदेश और गुजरात राज्य में मिलता है, क्योंकि नर्मदा नदी मध्य प्रदेश और गुजरात राज्य में बहती है।

विद्वानों के अनुसार जो फल गंगा नदी में स्नान करने से मिलता है। वह फल नर्मदा नदी के दर्शन से ही प्राप्त हो जाता है। नर्मदा पुराण में उल्लेख किया गया है, कि नर्मदा नदी से निकला हुआ हर कंकण भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है।

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नर्मदा नदी को मध्य प्रदेश की जीवन रेखा क्यों कहा गया है – Why has Narmada River been called the lifeline of Madhya Pradesh?

नर्मदा नदी (Narmada Nadi) को मध्य प्रदेश की जीवन रेखा इसलिए कहा जाता है, क्योंकि मध्य प्रदेश में बहने वाली नर्मदा नदी, मध्य प्रदेश के लोगों को पीने का पानी उपलब्ध कराती है। नर्मदा नदी (Narmada Nadi) के द्वारा ही मध्य प्रदेश के बहुत सारे जिलों में सिंचाई हो पाती है। नर्मदा नदी के द्वारा ही बहुत सारे लोगों का रोजगार चल रहा है। नर्मदा नदी बहुत सारे जलीय जीवों को संरक्षण प्रदान करती है। नर्मदा नदी धार्मिक रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है, जिसके कारण लोग नर्मदा नदी की पूजा करते हैं।

 

नर्मदा नदी की सहायक नदियां कौन-कौन सी है – Narmada nadi ki sahayak nadiyan kaun-kaun si hai

नर्मदा नदी (Narmada Nadi) में बहुत सारी नदियां समाहित होती हैं, जिन्हें नर्मदा नदी की सहायक नदियां कहा जाता है। चलिए जानते हैं, नर्मदा नदी की प्रमुख सहायक नदियों के बारे में –
नर्मदा नदी की प्रमुख सहायक नदियां

  • बंजर नदी
  • तवा नदी
  • हिरण नदी
  • गौर नदी
  • शक्कर नदी
  • दूधी नदी
  • शेर नदी
  • बनास नदी
  • मान नदी
  • पलकमती नदी
  • गंजाल नदी
  • तराना नदी
  • कावेरी नदी
  • चोरल नदी

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नर्मदा नदी पर निर्मित जलप्रपात – Waterfall built on Narmada River

नर्मदा नदी (Narmada Nadi) पर बहुत सारे जलप्रपात बनते हैं। चलिए जानते हैं, नर्मदा नदी के प्रमुख जलप्रपात के बारे में –
नर्मदा नदी पर बने मुख्य जलप्रपात

  • कपिलधारा जलप्रपात
  • दुग्ध धारा जलप्रपात
  • सहस्त्रधारा जलप्रपात
  • धुआंधार जलप्रपात
  • मांधाता जलप्रपात

 

नर्मदा नदी पर कितने बांध बने हैं – How many dams have been built on the Narmada River?

नर्मदा नदी (Narmada Nadi) पर बहुत सारे बांध बने हुए हैं। चलिए जानते हैं, नर्मदा नदी के प्रमुख बांध के बारे में –

नर्मदा नदी के मुख्य बांध

  • बरगी बांध
  • इंदिरा सागर बांध या पुनासा डैम
  • ओमकारेश्वर बांध
  • सरदार सरोवर बांध
  • महेश्वर बांध

 

नर्मदा नदी किन किन जिलों में बहती है – In which districts does the Narmada River flow?

नर्मदा नदी (Narmada Nadi) अमरकंटक, डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद,  ओमकारेश्वर, महेश्वर, बड़वानी, झाबुआ, धार, बड़वाह, सांडिया जिलों में बहती है।

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नर्मदा नदी कहां से निकलती है – Narmada nadi kahan se nikalti hai

नर्मदा नदी मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले से निकलती है। नर्मदा नदी अनूपपुर जिले के अमरकंटक से निकलती है। अमरकंटक में नर्मदा कुंद बना हुआ है, जहां से नर्मदा नदी निकलती है।

 

FAQ

 

नर्मदा नदी कितने जिलों से होकर गुजरती है

नर्मदा नदी 16 जिलों से होकर गुजरती है।

 

नर्मदा नदी कहाँ से निकलती है और कहाँ तक जाती है

नर्मदा नदी अमरकंटक से निकलती है और अरब सागर तक जाती है।

 

नर्मदा नदी की लंबाई कितनी है

नर्मदा की कुल लंबाई 1312 किमी है और मध्य प्रदेश में इसकी कुल लंबाई 1077 किमी है।

 

नर्मदा नदी कहां से निकली है

नर्मदा नदी अमरकंटक से निकली है।

 

नर्मदा नदी का उद्गम स्थल कहां है

नर्मदा नदी का उद्गम अमरकंटक से हुआ है।

 

नर्मदा नदी के पत्थर

नर्मदा नदी के पत्थर और कंकर सभी शिव के समान है। सभी में शिव का अंश है।

 

नर्मदा नदी कितने राज्यों से होकर गुजरती है

नर्मदा नदी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात राज्य से होकर गुजरती है।

 

नर्मदा नदी किन किन राज्यों से होकर गुजरती है

नर्मदा नदी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात राज्य से होकर गुजरती है।

 

नर्मदा नदी किन किन जिलों से होकर गुजरती है

नर्मदा नदी अनूपपुर, डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, नर्मदापुरम, हरदा, खंडवा, बड़वानी , छोटा उदेपुर, राजपिपला, भरूच जिलों से होकर गुजरती है

 

नर्मदा नदी किस दिशा में बहती है

नर्मदा नदी पश्चिम दिशा की ओर बहती है।

 

नर्मदा नदी की कुल कितनी बड़ी सहायक नदियां हैं

नर्मदा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी तवा नदी है।

 

नर्मदा नदी का नाभि स्थल कहां पर है

नर्मदा नदी का नाभि स्थल मध्य प्रदेश में है। मध्य प्रदेश का नेमावर नाभि स्थल है।

 

नर्मदा नदी किन किन जिलों को हरा-भरा बनाती है

नर्मदा नदी मध्य प्रदेश के बहुत सारे जिलों को हरा-भरा बनती है। नर्मदा नदी अनूपपुर, डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, नर्मदापुरम, हरदा, खंडवा, बड़वानी, राजापिपला, भरूज जिले को हरा भरा बनाती है।

 

नर्मदा नदी किस सागर में गिरती है

नर्मदा नदी अरब सागर में गिरती है।

 

नर्मदा नदी किन राज्यों से होकर गुजरती है

नर्मदा नदी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात राज्य से होकर बहती है।

 

नर्मदा नदी कहाँ से कहाँ तक जाती है?

नर्मदा नदी अमरकंटक से अरब सागर तक जाती है।

 

नर्मदा नदी कहां से कहां तक बहती है

नर्मदा नदी अमरकंटक से अरब सागर बहती है।

 

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