मैहर मध्य प्रदेश की सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। मैहर पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इस लेख में मैहर में घूमने वाली प्रमुख जगह (Maihar me Ghumne ki jagah), मैहर के धार्मिक स्थान, और पुरे मैहर धाम के बारे में जानकारी मिलेगी। मैहर माता शारदा मंदिर के कारण पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। माता शारदा का मंदिर ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। इस मंदिर में घूमने के लिए पूरे देश से भक्तगढ़ आते हैं और मां के दर्शन करते हैं।
मैहर के बारे में परिचय – Introduction about Maihar
मैहर मध्य प्रदेश के सतना जिले में स्थित है। मैहर सतना जिले की तहसील है। सतना जिला से मैहर करीब 45 किलोमीटर दूर है। मैहर में आसानी से पहुंचा जा सकता है। मैहर माता शारदा मंदिर के कारण प्रसिद्ध है, इसलिए यहां पर पहुंचने के लिए अच्छी व्यवस्थाएं उपलब्ध है। यहां पर पहुंचने के लिए बस और ट्रेन की सुविधा उपलब्ध है।
मैहर हिंदुओं के लिए एक पवित्र स्थल है। मैहर भक्तों की आस्था का केंद्र है। यहां पर भक्त आते हैं और मां का आशीर्वाद पाते हैं। मैहर में बहुत सारे मंदिर है। इन मंदिरों को चार धाम कहा जाता है। इन मंदिरों में आप घूम सकते हैं। यह सारे मंदिर प्राचीन हैं। मंदिर के अलावा भी मैहर में बहुत सारी जगह है, जहां पर आप घूम सकते हैं। इस आर्टिकल में आपको बताएंगे कि मैहर में घूमने की जगह (Maihar Me Ghumne Ki Jagah) कौन सी हैं।
अगर आप मैहर में यात्रा करने का प्लान बना रहे हैं और मां शारदा के दर्शन के लिए जा रहे हैं, तो आप इस ब्लॉग को जरूर पढ़िए। इस ब्लॉग में मैहर के आस-पास के प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में बताया गया है। मैहर में घूमने के लिए बहुत सारी जगह (Maihar me ghumne ki jagah) है
मैहर में लोग आते हैं तो सिर्फ मां शारदा के दर्शन करते हैं और उसके बाद अपने घर को लौट जाते हैं। मगर इस ब्लॉग में मैहर के आस-पास जितने भी पर्यटन स्थल (Maihar me Ghumne ki jagah) हैं, उनके बारे में जानकारी दी गई है। आप उन सभी स्थलों में जा सकते हैं और अपना अच्छा समय बिता सकते हैं। मैहर के आस-पास घूमने के लिए बहुत सारे दर्शनीय स्थल हैं, जो बहुत सुंदर है। मैहर के पास में घूमने के लिए ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थल है, जो बहुत ही सुंदर है और जहां पर आपको घूमने के लिए जरूर जाना चाहिए।
मैहर में घूमने की जगह – Maihar me ghumne ki jagah
मैहर के प्रमुख पर्यटन और दर्शनीय स्थलों की सूची – List of major tourist and sightseeing places of Maihar
- पन्नी जलप्रपात मैहर
- आल्हा ऊदल मंदिर और तालाब मैहर
- बड़ी खेर माई मंदिर मैहर
- ओइला मंदिर मैहर
- बाबा तालाब और शिव मंदिर मैहर
- इच्छापूर्ति मंदिर मैहर
- मैहर का किला
- ललितंबा शक्ति पीठ मैहर
- बड़ा अखाड़ा मैहर
- आर्ट इचोल मैहर
- प्राचीन शिव मंदिर
- नीलकंठ बाबा आश्रम मैहर
- मैहर डैम
- गोलामठ मंदिर मैहर
- छोटा अखाड़ा मैहर
मैहर शारदा माता मंदिर – Maihar Sharda Mata Temple
मैहर का शारदा देवी का मंदिर पूरे देश में प्रसिद्ध है। मैहर का शारदा माता मंदिर घूमने का एक प्रमुख स्थान (Maihar me Ghumne ki jagah) है। मैहर शारदा देवी का मंदिर एक पवित्र धाम है। यह मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। शारदा माता का मंदिर त्रिकुट पहाड़ी पर बना है। यह मंदिर 600 फिट ऊंचाई पर स्थित है। यह मंदिर मैहर में हिंदुओ का प्रमुख धार्मिक स्थल माना जाता है। यह एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है। मैहर 51 शक्तिपीठों में एक माना जाता है इसी स्थान पर सती के शरीर का अंग गिरा था।
नवरात्रि के पवित्र दिनों में यहां बहुत भीड़ होती है और मंदिर के आसपास में मेले का आयोजन किया जाता है। मां शारदा देवी के दर्शन करने के लिए प्रतिदिन हजारों की संख्या में भक्त आते हैं। मां शारदा देवी के दरबार में मांगी गई मन्नत अवश्य पूरी होती है।
इस मंदिर में पहुंचने के लिए सीढ़ियां उपलब्ध है। मंदिर में पहुंचने के लिए 1063 सीमेंट की सीढ़िया बनी हुई है। यहां पर रोपवे की सुविधा उपलब्ध है। अगर आप सीढ़िया से मंदिर नहीं जाना चाहते हैं तो आप रोपवे से मंदिर जा सकते हैं। रोपवे से जाने के लिए चार्ज लगता है।
इस मंदिर में आपको मां शारदा की भव्य प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यहां पर दूर-दूर से लोग आते हैं। मां शारदा के मंदिर से आपको पूरे मैहर का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर में सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध है। मंदिर के पीछे एक बहुत बड़ा आंगन है, जहां पर आप बैठ सकते हैं। मंदिर के पीछे भी आपको बहुत सारे छोटे छोटे मंदिर देखने के लिए मिल जाते हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि इस मंदिर को आल्हा और ऊदल नामक दो भाइयों ने मैहर के मां शारदा मंदिर को खोजा था। इसके बाद आल्हा और ऊदल ने 12 वर्ष तक देवी मां की तपस्या की थी, तब मां ने प्रसन्न होकर दर्शन दिए थे और आल्हा ऊदल को अमरता का वरदान दिया था।
वर्तमान समय में आल्हा और उदल मां शारदा माता की भक्ति करते हैं। वह शारदा माता की प्रतिदिन पूजा करते हैं। मंदिर का द्वार, पुजारी के द्वारा खोला जाता है, तो उन्हें फूल और जल मां के चरणों में ऊपर चढ़े हुए मिलते हैं।
मैहर शारदा माता मंदिर का इतिहास – History of Maihar Sharda Mata Temple
मैहर शारदा माता का मंदिर पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। मैहर शारदा माता मंदिर के बारे में एक पौराणिक कथा प्रसिद्ध है। मां शारदा माता का मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। मां शारदा को मैहर वाली मां के रूप में भी जाना जाता है।
इस मंदिर के इतिहास के बारे मे पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि माता सती के अंग जहां-जहां पर गिरे थे, वहां पर शक्ति पीठ स्थापित हो गया और उन्हीं शक्तिपीठ में से एक मां शारदा का पावन धाम है। ऐसे 51 शक्तिपीठ स्थापित हुए हैं।
कहा जाता है कि मैहर में इस जगह माता सती का हार गिरा था, इसलिए इस जगह का नाम मैहर धाम है। मेहर का अर्थ होता है माई का हार।
लोगों को मैहर के शारदा माता मंदिर के प्रति बहुत आस्था है। पूरे देश से लोग इस मंदिर में आकर मां के दर्शन करते हैं और अपनी मनोकामना मांगते हैं।
मैहर शारदा माता मंदिर के कुछ रोचक तथ्य – Some interesting facts about Maihar Sharda Mata Temple
मैहर की शारदा माता का मंदिर ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। इस पहाड़ी को त्रिकूट पर्वत के नाम से जाना जाता है।
शारदा देवी मां की मंदिर की खोज आल्हा और उदल नामक दो भक्तों ने की थी। उन्होंने मंदिर खोज करने के बाद, यहां पर तपस्या की थी और माता ने उन्हें वरदान भी दिया था।
शारदा मंदिर के बारे में बताया जाता है कि यहां पर रात के समय कोई भी नहीं रुकता है। रात के समय यहां पर जानवर और इंसान कोई भी नहीं रुकता है। यहां पर रात की आरती करके पुजारी मंदिर को बंद कर के नीचे आ जाता है। इसके बाद मंदिर में क्या होता है और क्या नहीं होता है। इसके बारे में किसी को भी जानकारी नहीं है। अगर रात में यहां कोई रखता है, तो उसका मानसिक संतुलन खराब हो जाता है या उसकी मृत्यु हो जाता है।
मैहर के शारदा माता मंदिर के बारे में जाता है कि इस मंदिर की खोज करने वाले आल्हा और उदल आज भी मां के मंदिर में पूजा करने के लिए सुबह के समय आते हैं। सुबह की सबसे पहले पूजा आल्हा और उदल के द्वारा की जाती है।
मैहर सिटी का जो नाम है, वह भी अनोखा है। मैहर का नाम मां के नाम पर ही रखा गया है। प्राचीन समय में माता सती का यहां पर हार गिरा था, इसलिए इसे मैहर कहा जाने लगा। अगर मैहर का आप विच्छेदन करेंगे, तो इसका अर्थ होता है मां + हार, अर्थात मां का हार या माई का हार
तब से इस शहर को मैहर कहा जाने लगा।
मैहर के शारदा माता मंदिर के पहाड़ी की तलहटी में एक तालाब भी है, जिसे आलहा उदल तालाब के नाम से भी जाना जाता है।
मैहर के शारदा माता मंदिर में कुल 1065 सीढिंया है।
मैहर के शारदा माता मंदिर में पहुंचने के लिए सीढ़यों और रोपवे का रास्ता है। मगर इसके अलावा एक और रास्ता है, जिसके द्वारा आप मैहर माता के दरबार तक जा सकते हैं। मैहर माता के दरबार तक पहुंचने के लिए रोड माध्यम उपलब्ध है। आप रोड माध्यम से भी माँ के दरबार तक जा सकते हैं। आप यहां पर कार से या बाइक से पहुंच सकते हैं।
मैहर शारदा माता मंदिर के खुलने का समय – Maihar Sharda Mata Temple Opening Timings
मैहर शारदा माता मंदिर के खुलने का समय सुबह 5 से शाम के 9 बजे तक है। यहां पर सुबह से मां का दरबार खुल जाता है। लोग यहां पर सुबह के समय आरती में पेश होने के लिए भीड़ लगते हैं। सुबह की आरती करीब 6 बजे होती है। उस समय यहां पर काफी संख्या में लोग जमा हो जाते हैं।
पन्नी जलप्रपात मैहर – Panni Falls Maihar
पन्नी जलप्रपात मैहर का एक प्राकृतिक पर्यटन स्थल है। यह जलप्रपात बहुत सुंदर है। यह जलप्रपात मैहर के पास करने जंगलों के बीच में स्थित है। इस जलप्रपात में पहुंचने के लिए आपको ट्रैकिंग करनी पड़ेगी। यह जलप्रपात ऊंची पहाड़ियों से नीचे गिरता है, जो बहुत ही मनोरम दिखता है।
आप यहां बरसात के समय घूमने के लिए आ सकते हैं। बरसात में इस जलप्रपात में पानी की मात्रा बहुत अधिक होती है। इस जलप्रपात के चारों तरफ पहाड़ों में प्राचीन गुफाएं बनी हुई है, जिसमें ऋषि मुनि रहते हैं और तपस्या करते हैं। यहां पर चारों तरफ प्रकृतिक दृश्य देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर आकर शांतिपूर्ण समय व्यतीत कर सकते हैं। यह जलप्रपात मैहर में घूमने का सबसे अच्छी जगह (Maihar me Ghumne ki jagah) में से एक है।
आल्हा ऊदल मंदिर और तालाब मैहर – Alha Udal Temple and Pond Maihar
आल्हा ऊदल मंदिर और तालाब मैहर का एक धार्मिक स्थल है। आल्हा और उदल मां शारदा के भक्त थे और कहा जाता है कि आज भी आल्हा ऊदल जिंदा है और मां शारदा की पूजा करने के लिए सबसे पहले वह मंदिर में आते हैं। आप आल्हा ऊदल तालाब और मंदिर में आकर घूम सकते हैं।
आल्हा उदल का तालाब और मंदिर शारदा माता मंदिर की तलहटी में स्थित है। शारदा माता मंदिर से आल्हा उदल का तालाब और कुश्ती का मैदान साफ दिखाई देता है। आप यहां पर आसानी से आ सकते हैं। यहां पर सुंदर तालाब देखने के लिए मिलता है, जिस पर कमल के फूल लगे हैं।
यहां पर आल्हा ऊदल का अखाड़ा भी है। वह भी आप देख सकते हैं। मगर आप अगर यहां पर घूमने जाते हैं, तो 12 बजे के पहले घूमने जाएं, क्युकी मंदिर १२ बजे के बाद बंद हो जाता है। यह मैहर में घूमने का सबसे अच्छी जगह (Maihar me Ghumne ki jagah) में से एक है।
बड़ी खेरमाई मंदिर मैहर – Badi Khermai Temple Maihar
बड़ी खेरमाई मंदिर मैहर का एक धार्मिक स्थल है। बड़ी खेरमाई मंदिर मुख्य मैहर शहर में स्थित है। इस मंदिर में आप आसानी से आ सकते हैं। यह मंदिर बड़ी खेरमाई को समर्पित है। बड़ी खेरमाई मंदिर के गर्भगृह में माता की बहुत ही सुंदर प्रतिमा विराजमान है। यहां पर और भी बहुत सारे देवी देवताओं की प्रतिमा विराजमान है।
बड़ी खेरमाई मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि बड़ी खेरमाई मैहर वाली शारदा माता की बड़ी बहन है। आप इस मंदिर में आकर बड़ी खेरमाई के दर्शन कर सकते हैं। इस मंदिर में एक प्राचीन बावड़ी भी है। यहां पर शिवलिंग के भी दर्शन करने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर गणेश मंदिर भी है। यह मंदिर सतना हाईवे रोड पर स्थित है। यह मैहर में घूमने का सबसे अच्छी जगह (Maihar me Ghumne ki jagah) में से एक है।
ओइला मंदिर मैहर – Oila Temple Maihar
ओइला मंदिर मैहर का एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। यह मंदिर मैहर मुख्य शहर में हाईवे रोड पर बना हुआ है। इस मंदिर में आप आसानी से आ सकते हैं। यह मंदिर बहुत अच्छे से बना हुआ है। यह मैहर में घूमने का सबसे अच्छी जगह (Maihar me Ghumne ki jagah) है।
इस मंदिर में ढेर सारे देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मंदिर के प्रवेश द्वार में आपको भगवान शिव और गणेश जी की प्रतिमा देखने के लिए मिलती हैं। यह मंदिर दुर्गा जी को समर्पित है। मंदिर में दुर्गा जी की धातु की बनी हुई प्रतिमा विराजमान है। आप यहां पर आकर मंदिर घूम सकते हैं। यह मंदिर प्राचीन मंदिर है।
बाबा तालाब और शिव मंदिर मैहर – Baba Pond and Shiv Temple Maihar
बाबा तालाब और शिव मंदिर मैहर का एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर और तालाब मैहर सतना हाईवे रोड में स्थित है। इस मंदिर में आप आसानी से आ सकते हैं। यह मंदिर प्राचीन है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। मंदिर के पास में एक विशाल तालाब है, जो काफी बड़े एरिया में फैला हुआ है। इस तालाब को बाबा तालाब कहा जाता है।
बाबा तालाब के किनारे में ही शिव भगवान जी का बहुत ही सुंदर मंदिर बना हुआ है। यह मंदिर सफेद कलर का है, जो बहुत ही अच्छा दिखता है। मंदिर में शिव भगवान जी का शिवलिंग विराजमान है। यह मंदिर प्राचीन है। तालाब के कोनों में आपको प्राचीन छतरियां देखने के लिए मिलती है। आप इस मंदिर में घूमने के लिए आ सकते हैं। यह मैहर में घूमने का सबसे अच्छी जगह (Maihar me Ghumne ki jagah) है।
इच्छापूर्ति मंदिर या केजीएस मंदिर मैहर – Ichchapurthi Temple or KGS Temple Maihar
इच्छापूर्ति मंदिर मैहर का एक धार्मिक स्थल है। इच्छापूर्ति मंदिर मैहर शहर से थोड़ी दूर में केजीएस सीमेंट फैक्ट्री के पास में स्थित है। यह मंदिर बहुत ही अच्छी तरह से बनाया गया है। यह मंदिर बहुत बड़े एरिया में फैला हुआ है। इस मंदिर में आप आसानी से आ सकते हैं। यह मैहर में घूमने का सबसे अच्छी जगह (Maihar me Ghumne ki jagah) है।
यह मंदिर बहुत ही सुंदर है। यह मंदिर केजीएस सीमेंट संस्था के द्वारा बनाया गया है। यह मंदिर सफेद संगमरमर से बना हुआ है और मंदिर में आपको गार्डन, फव्वारा देखने के लिए मिलता है। रात में मंदिर में सुंदर लाइटिंग की जाती है। वह भी आप देख सकते हैं। यह मंदिर दुर्गा जी को समर्पित है। मंदिर में आपको हनुमान जी के दर्शन करने के लिए भी मिल जाते हैं और यहां पर शिवलिंग के दर्शन करने के लिए भी मिलते हैं। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं।
मैहर का किला – Maihar Fort
मैहर का किला मैहर नगर का एक ऐतिहासिक किला है। यह किला प्राचीन है। मैहर किला मुख्य मैहर शहर में स्थित है। आप इस किले में घूमने के लिए आ सकते हैं। यह किला बहुत बड़े एरिया में फैला हुआ है। यह मैहर में घूमने का सबसे अच्छी जगह (Maihar me Ghumne ki jagah) है।
यह किला एक प्राइवेट प्रॉपर्टी है। इसलिए आप इस किला में घूमने के लिए नहीं जा सकते हैं। आप इस किले को देखना चाहते हैं, तो आप यहां पर परमिशन लेकर जा सकते हैं। इस किले को एक होटल में परिवर्तित कर दिया गया है। अगर आपको यहां पर रहना है, तो आप यहां पर बुकिंग कर सकते हैं और ठहर सकते हैं। इस किले को एक्सप्लोर कर सकते हैं। यह किला करीब 300 साल पुराना है।
ललितंबा शक्ति पीठ मैहर – Lalitamba Shakti Peeth Maihar
ललितंबा पितांबरा शक्ति पीठ मैहर का प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह मैहर का एक धार्मिक स्थान है। यह मंदिर मैहर के पास में बना हुआ है। यह मंदिर मैहर सतना हाईवे रोड के अंदर है। इस मंदिर में आप आसानी से पहुंच सकते हैं। इस मंदिर में सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध है। यह मंदिर बहुत ही सुंदर तरीके से बना हुआ है। यह मैहर में घूमने का सबसे अच्छी जगह (Maihar me Ghumne ki jagah) है।
ललितंबा शक्ति पीठ मंदिर मां दुर्गा को समर्पित है। ललितंबा पीतांबरा माँ दुर्गा का एक रूप है, जिसके दर्शन आप यहां पर कर सकते हैं। यह मंदिर बहुत ही बड़ा है। यहां पर आश्रम भी है। आप यहां पर आकर गौशाला भी देख सकते हैं। कहा जाता है कि यह 1 शक्तिपीठ है। यहां पर आपको मां दुर्गा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर शिवलिंग विराजमान है। आप उनके दर्शन भी कर सकते हैं। यहां पर राधा कृष्ण की मूर्ति भी विराजमान है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं।
बड़ा अखाड़ा मैहर – Bada Akhara Maihar
बड़ा अखाड़ा मैहर का एक धार्मिक स्थल है। बड़ा अखाड़ा मुख्य मैहर सिटी में स्थित है। यहां पर आप आसानी से आ सकते हैं। यह मंदिर काफी बड़े एरिया में फैला हुआ है। यहां पर भगवान शिव का मंदिर देखने के लिए मिलता है। यह मैहर में घूमने का सबसे अच्छी जगह (Maihar me Ghumne ki jagah) है।
यहां पर शिव भगवान जी की बहुत बड़ा शिवलिंग मंदिर के छत पर बना हुआ है, जो बहुत ही सुंदर लगता है। इसके अलावा मंदिर में 108 शिवलिंग विराजमान है। उनके दर्शन भी आप यहां पर आकर कर सकते हैं। यहां पर एक प्राचीन कुआं भी देखने के लिए मिलता है। यहां पर राम जी का मंदिर, गणेश जी का मंदिर और हनुमान जी का मंदिर भी है। आप इन सभी मंदिरों में घूम सकते हैं।
आर्ट इचोल मैहर – Art Ichol
आर्ट इचोल मैहर के पास एक दर्शनीय स्थल है। यह मैहर शहर से दूर मैहर सतना हाईवे रोड पर स्थित है। यह इचोल गांव में बना हुआ है। यहां पर आप आसानी से आ सकते हैं। यह जगह बहुत ही अच्छी तरह से बनाई गई है। यह कला प्रेमियों के घूमने के लिए एक उत्तम जगह है।
यहां पर एक सुंदर पार्क बना हुआ है, जहां पर चारों तरफ हरियाली है। यहां पर आपको ढेर सारी मूर्तियां देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही यूनिक यूनिक तरीके से बनाई गई है। यह पार्क निश्चित रूप से कला प्रेमियों का ध्यान आकर्षित करता है। यहां मूर्तियों को बहुत बारीकी से तैयार किया गया है। यह पार्क बहुत विशाल है।
यहां पर एक इनडोर गैलरी भी बनी हुई है, जहां पर आपको ढेर सारी पेंटिंग और फोटोग्राफ देखने के लिए मिलती है। यह सभी बहुत अच्छी तरीके से बनाई गई है। अगर आप मध्य प्रदेश में मैहर में यात्रा कर रहे हैं, तो आपके यहां पर जरूर आना चाहिए और घूमना चाहिए। यह मैहर में घूमने का सबसे अच्छी जगह (Maihar me Ghumne ki jagah) है।
प्राचीन शिव मंदिर – Prachin Shiv Mandir
प्राचीन शिव मंदिर मैहर का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। प्राचीन शिव मंदिर मैहर से करीब 15 किलोमीटर दूर है। यह मंदिर मड़ई गांव में बना हुआ है। इस मंदिर में आप आसानी से आ सकते हैं। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मैहर में घूमने का सबसे अच्छी जगह (Maihar me Ghumne ki jagah) है।
इस मंदिर की स्थापत्य कला एवं मूर्तिकला को देखकर माना जाता है, कि मंदिर का निर्माण दसवीं शताब्दी में कल्चरी काल में किया गया था। मंदिर पूर्व मुखी है। पूरा अंदर पाषाण से बना हुआ है। मंदिर एक ऊंची जगती पर बना हुआ है। मंदिर में गर्भगृह और अंतराल देखने के लिए मिलता है। मंदिर की दीवारों एवं छत में बारीक नक्काशी की गई है, जो बहुत ही सुंदर है। यहां पर आप घूमने के लिए आ सकते हैं।
नीलकंठ बाबा आश्रम मैहर – Neelkanth Baba Ashram Maihar
नीलकंठ बाबा आश्रम मैहर का एक मुख्य दर्शनीय स्थान है। यह जगह प्राकृतिक सुंदरता से घिरी है। यह एक शांतिपूर्ण जगह है। यह जगह मैहर से करीब 9 या 10 किलोमीटर दूर है। आप यहां पर सड़क मार्ग से आ सकते हैं। यह मंदिर प्राचीन है। इस मंदिर में बहुत कम लोग आते हैं, क्युकी इस मंदिर के बारे में ज्यादा लोगों को जानकारी नहीं है। मगर यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है।
यहां पर मंदिर बना हुआ है। यह मंदिर श्री कृष्ण जी को समर्पित है। मंदिर के गर्भगृह में श्री राधा और कृष्णा जी की बहुत ही सुंदर मूर्तियां हैं। मंदिर में एक कुंड बना हुआ है। इस कुंड के बारे में कहा जाता है कि इस कुंड में पानी कभी नहीं सूखता। मानसून के दौरान यहां पर एक झरना बहता है। आप यहां पर आकर अच्छा समय बिता सकते हैं। यह मैहर में घूमने का सबसे अच्छी जगह (Maihar me Ghumne ki jagah) है।
मैहर डैम – Maihar Dam
मैहर बांध मैहर शहर का एक सुंदर स्थल है। यह बांध मुख्य मैहर शहर में स्थित है। यह बांध बहुत सुंदर है। यहां पर आप आसानी से आ सकते हैं। यह बांध मैहर पहाड़ी की तलहटी में बना हुआ है। यहां पर आप घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर आपको चारों तरफ सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है।
बरसात के समय इस बांध का दृश्य देखने लायक रहता है। बरसात के समय आप यहां पर आकर अच्छा समय बिता सकते हैं। बरसात के समय बांध पूरी तरह पानी से भर जाता है और ओवरफ्लो कर बहता है, जो बहुत अच्छा लगता है। यह मैहर में घूमने का सबसे अच्छी जगह (Maihar me Ghumne ki jagah) है।
गोलामठ मंदिर मैहर – Golamath Temple Maihar
गोलमठ मंदिर मैहर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। गोलमठ मंदिर एक धार्मिक स्थान है। गोलमठ मंदिर मैहर में छोटा अखाड़ा के पास में स्थित है। यहां पर आप आसानी से आ सकते हैं। यह मंदिर मुख्य घंटाघर मार्ग से थोड़ा अंदर स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
गोलमठ मंदिर बहुत ही अच्छी तरह से बना हुआ है। मंदिर में गर्भगृह और मंडप देखने के लिए मिलता है। मंदिर में आपको भगवान शिव के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मंदिर के बाहर बहुत सारी कलात्मक मूर्तियां पत्थरों पर बनी हुई है, जो खजुराहो के मंदिरों की याद दिलाती हैं। पूरी मंदिरों में नक्काशी की गई है, जो देखने लायक है। आप इस मंदिर के आकर दर्शन कर सकते हैं। यहां पर आकर अच्छा लगता है। यह मैहर में घूमने का सबसे अच्छी जगह (Maihar me Ghumne ki jagah) है।
छोटा अखाड़ा मैहर – Chota Akhara Maihar
छोटा अखाड़ा मैहर का एक मुख्य धार्मिक स्थान है। छोटा अखाड़ा मुख्य मैहर शहर में स्थित है। इस मंदिर में आप आसानी से आ सकते हैं। यह मंदिर घंटाघर रोड में बना हुआ है। यह मंदिर बहुत ही अच्छी तरह से बनाया गया है।
यह मंदिर श्री संकट मोचन हनुमान जी को समर्पित है। मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मंदिर में ठहरने की व्यवस्था उपलब्ध है। मंदिर में आश्रम बना हुआ है, जहां पर आप ठहर सकते हैं। मंदिर मैं आपको और भी संतों की मूर्ति के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह मैहर में घूमने का सबसे अच्छी जगह (Maihar me Ghumne ki jagah) है।
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मैहर कैसे पहुंचे – How to reach mahar
मैहर भारत देश का एक दर्शनीय स्थल है और यहां पर पूरे देश से लोग आते हैं। मैहर पहुंचने लिए यहां पर सड़क मार्ग, रेल मार्ग और वायु मार्ग उपलब्ध है। मैहर में आप आसानी से आ सकते हैं। यहां पर हम आपको बताएंगे, कि आप मैहर कैसे पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग द्वारा मैहर कैसे पहुंचे – How To Reach Maihar By Road
मैहर में सड़क मार्ग द्वारा पहुंचना बहुत ही आसान है। मैहर भारत के विभिन्न शहरो द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। मैहर में देश के विभिन्न राज्यों से डायरेक्ट बसें चलती हैं। आप यहां पर बस द्वारा आराम से आ सकते हैं। मैहर की यात्रा अगर आप अपने स्वयं के वाहन से करना चाहते हैं, तो भी आप यहां पर आसानी से आ सकते हैं।
एयरोप्लेन द्वारा मैहर कैसे पहुंचे – How To Reach Maihar By Air
मैहर में वायुमार्ग द्वारा पहुंचना बहुत ही आसान है। हवाई जहाज से मैहर पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा खजुराहों में है, जो मैहर से 106 किलोमीटर की दूरी पर है। दूसरा हवाई अड्डा प्रयागराज में स्थित है, जो मैहर से 200 किलोमीटर दूर है। आप जिस भी एयरपोर्ट में आना चाहते हैं, आ सकते हैं और उसके बाद मैहर में ट्रेन ट्रेन द्वारा या सड़क मार्ग द्वारा आ सकते हैं।
रेलगाड़ी से मैहर कैसे पहुंचे – How To Reach Maihar By Train
मैहर एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थान है। मैहर भारत के विभिन्न शहरों से रेल मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। मैहर पहुंचने के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन मैहर रेलवे स्टेशन है। आप किसी भी शहर से ट्रेन बुक कर सकते हैं और मैहर शहर आसानी से पहुंच सकते हैं। मैहर पहुंचने के बाद, आप ऑटो लेकर मैहर मंदिर तक पहुंच सकते हैं। मैहर रेलवे स्टेशन से शारदा देवी मंदिर 4 किमी की दूरी पर पड़ता है।
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मैहर में ठहरने के लिए जगह – Places to stay in Maihar
मैहर में ठहरने के लिए होटल, लॉज और धर्मशाला मिल जाती है। मैहर रेलवे स्टेशन के बाहर बहुत सारे होटल और लॉज हुए हैं, जहां पर आप ठहर सकते हैं। यहां पर आपको खाने-पीने के बहुत सारे ऑप्शन मिल जाते हैं। यहां पर आपका 500 से लेकर 2000+ तक के बीच में किराया लगता है, जिस होटल में जैसी फैसिलिटी रहती है, उसके हिसाब से रेंट लगता है। आप अपनी सुविधा के अनुसार होटल बुक कर सकते हैं।
आप चाहें तो मैहर रेलवे स्टेशन के आसपास होटल बुक कर सकते हैं और सुबह जल्दी तैयार होकर माता शारदा देवी के दर्शन करने के लिए पहुंच सकते हैं। मैहर में आपको बहुत सारी धर्मशालाएं भी मिलती है, जहां पर आप रुक सकते हैं। धर्मशाला में होटल से कम किराया लगता है।
मैहर में खाने के लिए भोजन – Famous Food of Maihar
मैहर शहर में खाने के लिए बहुत सारे भोजन के आप्शन उपलब्ध रहते हैं। आप अपने अनुसार और अपने बजट के अनुसार खाने का चयन कर सकते हैं। शारदा देवी मंदिर की तरफ जाने वाले रास्ते में मार्केट लगा हुआ है, जहां पर छोटे-छोटे होटल और रेस्टोरेंट बने हुए हैं जहां पर आपको बहुत सारा खान परोसा जाता है। आप यहां पर खाना खा सकते हैं। यहां पर आपको गरमा गरम खाना परोसा जाता है।
मां शारदा देवी मंदिर में रोपवे के पास में के पास में मां शारदा अन्नकूट ट्रस्ट द्वारा रोजाना भंडारे का आयोजन किया जाता है, जहां पर आपको भरपेट खाना दिया जाता है। यहां पर आप का मात्रा ₹15 लिया जाता है और उसके बाद आप यहां पर भरपेट खाना खा सकते हैं। यहां पर शुद्ध सात्विक खाना मिलता है, जो बहुत ही स्वादिष्ट रहता है। यहां पर आपको जितना खाना है। आप उतना ही खाना ले सकते है। आप ज्यादा खाना ना ले। खाने को वेस्ट मत करें। यहां का परिसर अच्छा है और साफ-सुथरा है। ट्रस्ट द्वारा संचालित भंडारा सुबह 11 बजे से 2 बजे तक संचालित किया जाता है।
मैहर में घूमने का कितना खर्चा आएगा- Maihar me ghumne ka kharcha
मैहर एक प्रमुख धार्मिक स्थल है और लोग मैहर ₹500 में भी घूम लेते हैं और किसी को ₹5000 भी कम पड़ते हैं, तो यह आप पर डिपेंड करता है। आप कितना खर्चा कहां करना चाहते हैं, यह सब आप पर निर्भर करता है। इसलिए आप सोच समझकर यहां पर खर्च करें।
अगर मैं अपनी जानकारी के अनुसार बात करू, तो मैहर में आप 2 दिन की यात्रा में ₹2000 खर्च कर सकते हैं। मैहर शहर के अंदर जो भी धार्मिक स्थान है। वह सभी घूमने में आपको 500 से ₹600 लग सकता है, तो आप अपने अनुसार मैहर में खर्च करके अपने बजट को कम या ज्यादा कर सकते हैं।
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मैहर घूमने में कितना दिन लगता है
मैहर घूमने के लिए 2 दिन काफी है। 2 दिन में आप पूरे मैहर के सैर कर सकते हैं। मैहर के जितने भी पर्यटन स्थल हैं। आप 2 दिन में घूम सकते हैं।
मैहर में घूमने का सबसे अच्छा समय – Best time to visit Maihar
मैहर में घूमने का सबसे अच्छा समय नवरात्रि का है। यहां पर आप नवरात्रि के समय आ सकते हैं और मां शारदा के दर्शन कर सकते हैं। नवरात्रि के समय यहां पर बहुत भीड़ रहती है। बहुत अधिक संख्या में लोग यहां पर आते हैं और मां के दर्शन करते हैं। नवरात्रि के समय यहां पर मेले का आयोजन भी होता है, जहां पर ढेर सारी दुकान होती हैं। बच्चों एवं बड़ों के लिए झूले लगाए जाते हैं। आप यहां पर आ सकते हैं और मां का दर्शन कर सकते हैं।
Maihar Me ghumne ki jagah बहुत सुंदर है। मैहर के टूरिस्ट प्लेसेस में आकर आप अच्छा समय बिता सकते हैं। मैहर टूरिस्ट प्लेस (Maihar Mein ghumne ki jagah) की खूबसूरती देखने लायक है। आप यहां पर आकर अच्छा समय बिता सकते हैं।
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FAQ
मैहर देवी की सीढ़ी कितनी है?
मैहर में मां शारदा देवी मंदिर की चढ़ाई की सीढ़ियां 1063 है, जिसमे भक्त पैदल चलकर मंदिर पहुंच कर माता के दर्शन करते हैं।
मैहर का मंदिर कितने बजे खुलता है?
मैहर का मंदिर सुबह 5 बजे से रात के 9 बजे तक खुला रहता है।
मैहर से चित्रकूट दूरी कितनी है?
मैहर से चित्रकूट की दूरी लगभग 115 किलोमीटर है।
मैहर स्टेशन से मंदिर की दूरी
मैहर स्टेशन से मंदिर की दूरी 7 किलोमीटर है
मैहर मंदिर क्यों प्रसिद्ध है?
मैहर एक शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध है। मैहर में मां सती का अंग गिरा था, जिससे यह एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है।
सतना से मैहर कितने किलोमीटर है
मैहर से सतना 42 किमी दूर है।
मैहर में रोपवे का किराया कितना है
मैहर में रोपवे का किराया वयस्क व्यक्ति का ₹130 आने और जाने का है और बच्चे का 83 रुपए आने और जाने का है। बच्चे का 3 वर्ष से 10 वर्ष तक है।
मैहर माता की आरती कितने बजे होती है
मैहर माता की आरती सुबह 6:00 और शाम को 8:00 होती है। आरती के बाद मंदिर की साफ सफाई होती है और फिर कपाट बंद होते हैं।
मैहर में सती का कौन सा भाग गिरा था
मैहर में सती माता का हार गिरा था।
मैहर में मेला कब लगता है
मैहर में हर साल नवरात्रि में मेले का आयोजन होता है। साल के दोनों नवरात्रि में मेले का आयोजन होता है। यहां पर ढेर सारी दुकानें लगती हैं, जहां पर हजारों की संख्या में लोग आते हैं।