माई की बगिया अमरकंटक – Holy Mai ki bagiya Amarkantak, Madhya Pradesh

माई की बगिया अमरकंटक (Mai ki bagiya Amarkantak) का एक मुख्य आकर्षण स्थल है। माई की बगिया मुख्य अमरकंटक शहर से थोड़ी दूरी पर स्थित है। यहां पर आप आसानी से जा सकते हैं और घूम सकते हैं। यह जगह प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण है। यहां पर चारों तरफ हरियाली और पेड़ पौधे देखने के लिए मिलते हैं। यह जगह चारों तरफ से जंगल से घिरी हुई है और बहुत सुंदर है। यहां पर आकर आप अच्छा समय बिता सकते हैं।

माई की बगिया अमरकंटक मध्य प्रदेश की जानकारी – Information about Mai Ki Bagiya Amarkantak Madhya Pradesh

माई की बगिया (mai ki bagiya) का मतलब होता है – मां का बगीचा। यह बगीचा अमरकंटक में स्थित एक खूबसूरत दर्शनीय स्थल है। माई की बगिया अमरकंटक (mai ki bagiya amarkantak) में घने जंगलों के बीच में स्थित है। माई की बगिया (mai ki bagiya) प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है।

माई की बगिया को माई की बगिया इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यहां पर नर्मदा मैया अपने बचपन के समय अपनी सखियों के साथ खेला करती थी। यह जगह पेड़ पौधों से गिरी हुई है। यहां पर आकर अच्छा समय बिताया जा सकता है।

आप माई की बगिया (mai ki bagiya) पर पैदल भी आ सकते हैं या गाड़ी से भी आ सकते हैं। माई की बगिया (mai ki bagiya) नर्मदा मंदिर (narmada mandir) से करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। माई की बगिया (mai ki bagiya) पर आपको बहुत सारे पेड़ पौधे देखने मिलेंगे। यहां पर बहुत सारे फल वाले पौधे भी लगाए हुए हैं जैसे यह पर आम के पौधे आपको देखने मिलते है। इसके अलावा यह पर जामुन, केला, कटहल आदि पौधे यह पर लगे हुए है।

माई की बगिया (mai ki bagiya) पर औषधीय पौधे भी लगे हुए हैं। औषधीय पौधे में सबसे महत्वपूर्ण पौधा गुलबकावली है। यह पौधा आंखों की औषधि बनाने के लिए इस्तेमाल होता है। इस पौधे के अर्क को आंखों के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इस पौधे से आप घर में भी औषधि बना सकते हैं। इस पौधे का जन्म अमरकंटक (amarkantak) में माई की बगिया (mai ki bagiya) में ही हुआ है।

यहां पर आपको और भी बहुत सारे आयुर्वेदिक पौधे मिलते हैं। अमरकंटक एक ऐसा  स्थान है, जहां पर ढेर सारी आयुर्वेदिक औषधियां पाई जाती हैं। माई की बगिया (mai ki bagiya) के बारे में कहा जाता है कि नर्मदा माता अपने बचपन के समय यहां पर अपने साथियों के साथ खेलने के लिए आया करती थी। इसके अलावा आप यहां पर मां नर्मदा की बाल्य अवस्था की मूर्ति भी देख सकते है।

इसके अलावा कहा जाता है कि नर्मदा जी का वास्तविक उद्गम स्थल (narmada nadi ka udgam sthal) माई की बगिया (mai ki bagiya) ही है। यही पर नर्मदा नदी (narmada nadi) उत्पन्न हुई है। नर्मदा नदी की जो भी परिक्रमा करते है, वहां अपनी परिक्रमा इसी स्थल से शुरू करते है।

माई की बगिया (mai ki bagiya) बहुत खूबसूरत है। आपको यहां पर आकर बहुत अच्छा लगेगा। यहां पर बहुत सारे बंदर हैं, जिनसे आपको बचकर रहना चाहिए, नहीं तो वह आप को हानि पहुंचा सकते हैं। माई की बगिया (mai ki bagiya) पहुंचने का रास्ता बहुत खूबसूरत है। सड़क के दोनों तरफ आपको घने जंगल देखने मिलेंगे।

माई की बगिया के आस-पास ढेर सारे मंदिर बने हुए हैं, जहां पर आप घूम सकते हैं।  यहां पर आकर आपको एक विशाल बरगद का पेड़ देखने के लिए मिलता है, जिसकी लाट लटकी हुई है। लोग यहां पर आकर बरगद के पेड़ में झूला झूलते हैं और एंजॉय करते हैं।

यह जगह बहुत सुंदर है। यहां पर ढेर सारे बंदर भी हैं। आप यहां पर बंदरों को अगर कुछ खिलाना चाहते हैं, तो खिला सकते हैं। यहां पर कुछ लोग खाने-पीने का सामान बेचते हैं, जो आप बंदरों को खिला सकते हैं। अगर आप बंदरों को कुछ नहीं खिलाना चाहते हैं और आपके हाथ में खाने-पीने का समान है, तो वह अपने बैग में रखे, नहीं तो बंदर आपसे छीन सकते हैं।

यहां पर आपको ढेर सारे परिक्रमा वासी देखने के लिए मिलते हैं। परिक्रमा वासी नर्मदा नदी की परिक्रमा करते हैं। नर्मदा एकमात्र ऐसी नदी है, जिसकी परिक्रमा की जाती है। यह परिक्रमा नर्मदा नदी के एक छोर से स्टार्ट होती है और नर्मदा नदी के अंतिम छोर तक जाती है और फिर नदी के दूसरे तट से परिक्रमा फिर से शुरू होती है और नर्मदा नदी के उद्गम स्थल पर परिक्रमा आकर खत्म होती है।

इस तरह से परिक्रमा संपूर्ण मानी जाती है। यह परिक्रमा बहुत ही कठिन होती है। यहां पर परिक्रमा वासियों के रहने के लिए स्थल बना हुआ है, जहां पर परिक्रमा वासी रह सकते है। नर्मदा नदी का उद्गम स्थल परिक्रमा वासियों के लिए स्टार्टिंग पॉइंट है। यहां पर परिक्रमा वासी सभी पवित्र स्थलों के दर्शन करते हुए अपनी परिक्रमा में आगे बढ़ते हैं।

अगर आप अमरकंटक आते हैं, तो आपको इस स्थान में जरूर आना चाहिए और मां नर्मदा जी की स्थल को देखना चाहिए। आपको यहां पर एक कुंड देखने के लिए मिलता है, जो नर्मदा माता का मुख्य मूल उदगम स्थल माना गया है। यहां पर नर्मदा मैया की छोटी सी प्रतिमा भी विराजमान है, जो बहुत सुंदर लगती है। यहां पर पंचमुखी हनुमान जी और कुछ प्राचीन प्रतिमाएं देखने के लिए मिलती हैं, जो बहुत सुंदर लगते हैं। यहां पर आकर आप कुछ शांति का समय व्यतीत कर सकते हैं।

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माई की बगिया में घूमने का सबसे अच्छा समय – Best time to visit in Mai Ki Bagiya

माई की बगिया में घूमने का सबसे अच्छा समय ठंड का रहता है। ठंड में आप यहां पर आ सकते हैं और इस जगह में अच्छा समय बिता सकते हैं। यह जगह बहुत खूबसूरत है। ठंड के समय यहां पर आकर अच्छा लगता है। वैसे यहां पर साल भर लोगों का आना-जाना लगा रहता है। यहां पर गर्मी में भी लोग आते हैं और घूमते हैं। आप अपनी इच्छा अनुसार कभी भी यहां पर आ सकते हैं और घूम सकते हैं।

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माई की बगिया कहां पर स्थित है – Where is Mai Ki Bagiya located

माई की बगिया अमरकंटक में स्थित है। माई की बगिया मुख्य अमरकंटक से करीब 1 किलोमीटर दूर घने जंगलों के बीच में स्थित है। माई की बगिया में आप पैदल जा सकते हैं। माई की बगिया में आने के लिए सड़क मार्ग उपलब्ध है। आप यहां पर अपने वहां से भी आ सकते हैं। यहां पर आने के लिए बहुत अच्छा रास्ता बना हुआ है।

 

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