केवटी का किला रीवा (Keoti Fort Rewa) का प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह मध्य प्रदेश का एक ऐतिहासिक स्थान है। इस किले के बारे में ज्यादा लोगों को जानकारी नहीं है। इसलिए इस जगह पर बहुत कम लोग आते हैं। मगर यह जगह बहुत सुंदर है। यहां पर आकर आप घाटी का रमणीय दृश्य देख सकते हैं, जो बहुत ही आकर्षण रहता है। यहां पर आप इस प्राचीन किले के अवशेष देखने मिलते है। तो चलिए जानते हैं, केवटी किले के बारे में –
केवटी का किला रीवा की जानकारी – Information about Keoti Fort Rewa
केवटी का किला (keoti fort) मध्य प्रदेश के रीवा शहर का एक ऐतिहासिक स्थान है। यह रीवा शहर का एक दर्शनीय स्थल है। यह किला केवटी जलप्रपात (keoti fall) के बेहद करीब है। आप इस किलें तक पदैल ही जा सकते है। इस किलें से केवटी झरनें (keoti fall) का दृश्य बहुत शानदार होता है।
केवटी का किला केवटी जलप्रपात के पास में स्थित है। मगर यहां पर ज्यादा लोग नहीं आते हैं। इस किले में आप आसानी से आ सकते हैं। इस किले में आप पैदल या अपने वाहन से आ सकते हैं। यह किला रीवा शहर के सिरमौर तहसील में स्थित है। सिरमौर तहसील से यह किला करीब 12 किलोमीटर दूर है। यह किला केवटी जलप्रपात से 2 किलोमीटर दूर है। यहां पर आप अपनी फैमिली और दोस्तों के साथ आ सकते हैं।
केवटी का किला (keoti fort) मध्यप्रदेश राज्य द्वारा एक संरक्षित स्मारक है। इस किलें को देखने के लिए दूर दूर से लोग आते है। यह किला दो मंजिला है। इस किले का निर्माण महाना नदी के किनारे हुआ था। इस किले से केवटी झरनें (keoti fall) का दृश्य लाजबाब होता है। इस किलें का निर्माण रीवा के महाराजा के द्वारा किया गया था।
केवटी का किला (keoti fort) जब आप पहुंचते हैं, तो आपको यहां का भव्य प्रवेश द्वार देखने मिलता है। इस प्रवेश द्वार में बहुत ही खूबसूरत नक्काशी की गई है। यह पर आपको पत्थर पर निर्मित कलाकृतियां देखने मिलती है। इस किलें में एक आयताकार कक्ष है, जिसका उपयोग शायद दीवाने खास के रूप में किया जाता होगा।
केवटी का किला (keoti fort) में दोनों तरफ बुर्ज भी बनाए गए हैं, जो सुरक्षा की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है। इन बुर्ज से सेना आसपास के किलें की निगरानी किया करती थी। पूरे किले में बहुत सारें कमरें देखने मिलते है, जो अब खंडहर में तबदील हो गए हैं। इसके अलावा यहां पर आपके देखने के लिए और भी बहुत सारी प्राचीन चीजें है, जिनका उपयोग प्राचीन समय में होता था। यह पर एक तेल निकलनी की पुरानी प्रणाली की मशीन है, जिसे कोलू कहा जाता है। इसमें बैलों को एक वृताकर घेर में घुमाया जाता है और उनसे तेल निकाला जाता था। यहां पर राजा रानी के रहने के लिए अलग-अलग निवास स्थान थे।
केवटी किले के पीछे की तरफ एक सुंदर घाटी है। आप इस घाटी में घूमने के लिए जा सकते हैं। केवटी किले के पीछे से नीचे की तरफ घाटी में जाने के लिए रास्ता दिया गया है। आप नीचे की तरफ जाएंगे, तो यहां पर आपको प्राचीन गुफाएं देखने के लिए मिलती हैं, जो चट्टानों के बीच में बनी हुई है और बहुत सुंदर लगती है।
गुफा के पास में एक जलधारा बहती है। यह जलधारा पहाड़ों से निकलती है। कहा जाता है, कि यहां पानी साल भर इसी तरह से बहता रहता है। यहां पर चारों तरफ बहुत ही शांति रहती है। केवटी किले के पीछे से आप जलप्रपात का बहुत ही सुंदर दृश्य देख सकते हैं।
केवटी का किला (keoti fort) के पिछले भाग में ऊपर से आपको केवटी जलप्रपात (keoti fall) की पूरी घाटी देखने मिल जाती है। यहां से आपको जलप्रपात भी देखने मिलता है। केवटी के पिछले भाग में जालिया लगा दी गई है, ताकि कोई भी इस घाटी में गिर न जाए। आप किले के पिछले भाग से केवटी जलप्रपात, भैरव बाबा का मंदिर और राम जानकी का मंदिर भी देख सकते हैं। यह जगह बहुत अच्छी है और प्राकृतिक के साथ-साथ ऐतिहासिक भी है, जो घूमने के लिए बहुत बढ़िया है। आप यहां पर अपने परिवार और दोस्तों के साथ आकर समय बिता सकते हैं।
इस किले की अच्छे से देखभाल नहीं की जा रही है, जिससे यह किला धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील होते जा रहा है। मगर पर्यटन की दृष्टि से यह किला बहुत महत्वपूर्ण है और बहुत सुंदर है। आप यहां पर जाकर अपना अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं।
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केवटी किले में घूमने का सबसे अच्छा समय – Best time to visit Keoti Fort
केवटी किले (keoti fort) में घूमने का सबसे अच्छा समय बरसात का रहता है। आप यहां पर बरसात में आकर किले में घूम सकते हैं। बरसात के समय यहां पर बहुत सारे लोग जलप्रपात में घूमने के लिए आते हैं। आप जलप्रपात में घूमने के बाद इस किले में घूम सकते हैं। यहां पर आप ठंड के समय भी आ सकते हैं। ठंड के समय मौसम बहुत ही बढ़िया रहता है और घूमने में अच्छा लगता है। जलप्रपात में भी पानी की मात्रा रहती है। इसलिए आप यहां ठंड के समय भी आ सकते हैं।
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केवटी के किले का इतिहास – History of Keoti Fort
केवटी के किले (keoti fort) का इतिहास बहुत ही रोचक है। क्योटी का किला महाना नदी के किनारे क्योटी कुंड के पास में स्थित है। यह किला ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ एक मनोरम रमणीय स्थल भी है। इस किले का निर्माण रीवा के महाराजा शालिवाहन के पुत्र नागमल द्वारा 15वीं शताब्दी में करवाया गया था। प्रथम भाग में प्रवेश करने पर जो आयताकार कक्ष है।
इसका उपयोग संभवत दीवाने आम के रूप में होता रहा होगा। यह किला स्मारक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। सन 1857 में ठाकुर रणमत सिंह का अंग्रेज करनल आसवान से इसी किले में भयंकर युद्ध हुआ था, जिसमें काफी अंग्रेज मारे गए थे। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के साक्षी होने के कारण इस किले का काफी महत्व है।
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केवटी का किला कहां पर है – where is Keoti fort
केवटी का किला (keoti fort Madhya Pradesh) मध्य प्रदेश के रीवा शहर की सिरमौर तहसील में स्थित है। यहां पर आने के लिए सड़क मार्ग उपलब्ध है। यहां पर आप बाइक और कार से आ सकते हैं। यहां पर पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है। इस किले में आप पैदल भी पहुंच सकते हैं। यह केवटी जलप्रपात से करीब 2 किलोमीटर दूर है।
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